मंडी: डीसी ऋग्वेद ठाकुर ने कहा कि गुड फूड-गुड मूड अभियान के जरिए उपभोक्ताओं को सुरक्षित व गुणवत्तायुक्त खाद्य पदार्थ उपलब्ध करवाना तय किया जा रहा है. इस अभियान पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है ताकि लोगों को रेहड़ी पर भी स्वच्छ व साफ सुथरे तरीके से चीजें खाने को मिलें.
डीसी मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यालय में स्ट्रीट फूड वेंडर्ज को खाद्य पदार्थों की स्वच्छता बारे में जागरूक करने के लिए आयोजित कार्यशाला में बोल रहे थे. ऋग्वेद ठाकुर ने कहा कि रेहड़ी-फड़ी वालों को खुद भी स्वच्छता पर विशेष ध्यान देना होगा.
इससे उपभोक्ताओं का उन पर विश्वास बढ़ेगा. सफाई रखने से रेहड़ी वालों की आमदनी भी निश्चित तौर पर बढ़ेगी. गौरतलब है कि फूड सेफ्टी एंड रेगुलेशन विभाग गुड फूड-गुड मूड अभियान के जरिए खाद्य सामग्री परोसने वाले दुकानदारों को जागरूक करने के लिए विशेष प्रयास कर रहा है.
क्या हैं नियम
डीसी ने कहा कि रेहड़ी वाले पंजीकृत व प्रशिक्षित होने चाहिए. रेहड़ी पर फूड सेफ्टी सर्टीफिकेट लगा होना जरूरी है. रेहड़ी-फड़ी के पास कूड़ादान रखा हो, हाथों में ग्लवस, सिर ढका होना चाहिए. फूड सर्व करने के लिए न्यूज पेपर का इस्तेमाल न किया जाए, प्लेन नेपकिन या प्लेन पेपर का प्रयोग होना चाहिए. साथ ही खाद्य पदार्थ अच्छी तरह से ढकें हों, पानी पारदर्शी कंटेनर में में रखा होना चाहिए.
स्ट्रीट वेंडर्ज को दिए जाएंगे प्रशस्ति पत्र
डीसी मंडी ने कहा कि स्ट्रीट वेंडर्ज़ के इन सभी बातों पर अमल करने पर स्वास्थ्य विभाग उन्हें प्रशस्ति पत्र भी देगा. मंडी शिवरात्री महोत्सव के दौरान रेहड़ी-फड़ी वालों को निःशुल्क ग्लवस, जैकेटस व अन्य सामान उपलब्ध करवाने के लिए अतुल्य हिमाचल संस्था के नीरज गुप्ता को स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया गया.
इस अवसर पर मुख्य चिकित्सा अधिकारी जीवानन्द चौहान ने बताया कि इस कार्यशाला में लगभग 150 स्ट्रीट वेंडर्ज ने भाग लिया. उन्होंने बताया कि इस प्रशिक्षण के लिए चेन्नई से विशेष तौर पर ट्रेनर्स आए थे. सहायक आयुक्त (फूड सेफ्टी) अनिल शर्मा ने गुड फूड-गुड मूड के बारे में विस्तार से जानकारी देते हुए बताया कि जिला मंडी में यह जागरूकता अभियान इसी साल फरवरी से शुरू किया गया है और लगभग सभी स्ट्रीट वेंडर्ज को जागरूक किया जा चुका है.
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