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सर्दियों में ठंडे पानी से नहाते समय आप भी तो नहीं करते ये गलती, ब्रेन स्ट्रोक और हार्ट अटैक का होता है खतरा - HEART ATTACK RISK IN WINTER

सर्दियों में बीमारियों से बचने के लिए आईजीएससी शिमला के डॉक्टरों ने कुछ सुझाव दिए हैं. पढ़िए पूरी खबर.

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By ETV Bharat Himachal Pradesh Team

Published : 9 hours ago

Updated : 8 hours ago

शिमला: इन दिनों जम्मू-कश्मीर, हिमाचल, उत्तराखंड, यूपी से लेकर पूरे उत्तर भारत में कड़ाके की ठंड पड़ रही है. मौसम के हिसाब से हमारी आदतें भी बदलती हैं. जैसे गर्मियों में ठंडे पानी से नहाते और सोते समय कम और हल्के कपड़े पहनते हैं, लेकिन सर्दियों में हम इससे ठीक उल्टा गर्म पानी से नहाते हैं और गर्म ऊनी कपड़े पहनते हैं. हालांकि कुछ लोग सर्दियों में भी ठंडे पानी से ही नहाते हैं.

कुछ लोगों का मानना है कि ठंडे पानी से नहाने से शरीर चुस्त और तंदरुस्त रहता है. तो पूरे सर्दियों में लंबे समय तक ठंडे पानी से नहाना खतरनाक हो सकता है, क्योंकि ये कोल्ड स्ट्रोक का कारण बन सकती हैं, खासकर दिल या रेस्पिरेटरी के मरीजों पर इसका ज्यादा असर होता है. सर्दियों में ठंडे पानी से नहाने के दौरान उसकी शुरुआत सिर से करना खतरनाक हो सकता है.

सर्दियों में ऐसे रखें अपने शरीर का ख्याल (ETV BHARAT)

सर्दियों में हार्ट अटैक की आशंका ज्यादा

आईजीएमसी के मेडिसन विभाग के डॉक्टर उशेन्द्र शर्मा ने बताया कि, सर्दियों में हार्ट अटैक की आशंका ज्यादा होती है. सर्दियों में ठंडे पानी से नहाना और उसकी शुरुआत सिर से करना खतरनाक हो सकता है, क्योंकि ब्लड सर्कुलेशन ऊपर से नीचे यानी सिर से पैर की तरफ होता है. एकदम से सिर पर ठंडा पानी डालने से सिर की नसें सिकुड़ जाती हैं. इससे सारा रक्त प्रवाह तेजी से सिर की ओर जा सकता है. इससे ब्रेन हेमरेज, लकवा, हार्ट अटैक का खतरा रहता है. इसलिए दिमाग और शरीर का तापमान नियंत्रित रखने के लिए बहुत ठंडे पानी से नहीं नहाना चाहिए. सर्दियों में गुनगुने पानी से नहाएं. पानी डालने की शुरुआत पैरों, पीठ या हाथ आदि से करें.'

आईजीएसमी में कार्डियोलॉजी विभाग के प्रोफेसर डॉ. अरविंद कन्दोरिया ने बताया कि, 'सर्दियों के मौसम में शरीर की अन्य धमनियों की तरह कोरोनरी धमनियां सिकुड़ सकती हैं और कोरोनरी आर्टरी डिजीज यानी हार्ट की ब्लड वेसेल्स में थक्का जमने के कारण दिल का दौरा पड़ने के मामले बढ़ जाते हैं. इन्हें सावधानियां बरतकर काफी हद तक रोका जा सकता है. ठंड के मौसम में मनुष्य को गर्म रखने के लिए हार्ट को अधिक मेहनत करनी पड़ती है और ब्लड को पंप करते समय रक्त कोशिकाएं सिकुड़ जाती हैं और इससे हार्ट की कार्य प्रणाली प्रभावित होती है, जिसकी वजह से कई तरह की शारीरिक दिक्कतें आने लगती हैं. हार्ट से संबंधित बीमारियों की दवा खा रहे मरीज सर्दियों के मौसम में में भी नियमित रूप से दवाई खाते रहें और समय समय पर चिकित्सक से अपनी जांच करवाते रहें.'

डॉ. अरविंद कन्दोरिया ने बताया कि, 'अगर आप हृदय संबंधी समस्या से पीड़ित हैं तो सर्दियों में सुबह की सैर और व्यायाम के दौरान अपना खास ख्याल रखें. इस मौसम में ठंड के बीच व्यायाम या सैर के दौरान धमनियां सिकुड़ सकती हैं और खून गाढ़ा हो जाता है, इससे ब्लड क्लॉट बनने से हार्ट अटैक की आशंका बढ़ती है.'

डॉक्टर उशेन्द्र शर्मा ने बताया कि, 'कई बार लोग ठंडे या गर्म पानी से नहाने के तुरंत बाद घर से बाहर निकल जाते हैं. इस तापअंतर के कारण शरीर का तापमान कम होता है. इससे वायरस हमला करते हैं. सबसे पहले नाक बहना, गले में खराश और दर्द होना शुरू हो जाता है. समय पर इसका इलाज न किया जाए तो इससे निमोनिया भी हो सकता है.'

सर्दियों में एकदम बिस्तर से न उठें

सर्दियों में जब आप नींद में होते हैं तो शरीर की धमनियां संकुचित होती हैं और रक्त प्रवाह धीमा हो जाता है. ऐसे में नींद खुलते ही बिस्तर न छोड़े. तुरंत दिनचर्या में लग जाने से बीपी बढ़ सकता है, जिससे चक्कर, बेहोशी से लेकर दिल का दौरा पड़ने तक का खतरा भी रहता है. इससे स्ट्रेस हार्मोन जैसे कार्टिसोल का स्तर बढ़ जाता है, जो दिल पर दबाव डाल सकता है. सर्दियों में नींद खुलने पर कुछ मिनट बिस्तर पर रहें. हाथों को स्ट्रेच करें. पैरों को नीचे करके हिलाएं. कुछ देर बिस्तर पर बैठें रहें, इसके बाद बिस्तर छोड़ें.

हीटर या अंगीठी लगातार कमरे न चलाएं

डॉक्टर उशेन्द्र शर्मा ने बताया कि, 'अंगीठी, हीटर की गर्मी हवा की नमी को सोखने के साथ ऑक्सीजन का स्तर कम कर देती है. कमरे में अंगीठी लगाकर नहीं सोना चाहिए. अंगीठी से कमरे में कार्बन मोनो-ऑक्साइड, कार्बनडाईऑक्साइड बढ़ जाती है. इससे मौत भी हो सकती है. सर्दियों में हीटर या ब्लोअर जैसे उपकरणों से घर को जरूरत से ज्यादा गर्म रखना भी नुकसानदायक हो सकता है. हीटर, अंगीठी लगाते समय कमरे में नमी बने रहे इसके लिए कमरे में पानी की बाल्टी भरकर रखें. इसके साथ ही हवा का प्रवाह बना रहे इसके लिए खिड़की आदि खुली रखें'

अगर ऊनी कपड़े पहनकर सोते हैं तो पहले सूती कपड़े पहनें

ऊनी कपड़े शरीर से निकलने वाली गर्मी को बाहर नहीं निकलने देते हैं. इस स्थिति में शरीर का ऊपरी तापमान कम हो जाता है और अंदरूनी तापमान रेगुलेट नहीं हो पाता है. इससे बीपी कम हो सकता है और सांस लेने में परेशानी हो सकती है. इसका असर दिल की सेहत पर भी पड़ता है. अगर आप ऊनी कपड़े पहनकर सोते हैं तो उससे पहले अंदर सूती कपड़े पहने. डॉक्टर उशेन्द्र शर्मा ने बताया कि, 'ऊनी वस्त्र ठंड से बचाव है. बॉडी को खुद अपना तापमान मेंटेंन करने का भी मौका देना चाहिए. अगर ठंड के साथ बुखार आ रहा है तो ऊनी वस्त्र पहन सकते हैं. अगर आप स्वस्थ हैं तो ऊनी वस्त्र न भी पहने तो उससे कोई नुकसान नहीं होगा. क्योंकि जब हमारे शरीर को इसकी जरूरत होती है तो बॉडी खुद इसका संकेत देती है.'

ये भी पढ़ें: जवानी में ही कमजोर हो रहा हिमाचली युवाओं का दिल, विश्व विख्यात हार्ट सर्जन डॉ. महंत ने बताई ये वजह

शिमला: इन दिनों जम्मू-कश्मीर, हिमाचल, उत्तराखंड, यूपी से लेकर पूरे उत्तर भारत में कड़ाके की ठंड पड़ रही है. मौसम के हिसाब से हमारी आदतें भी बदलती हैं. जैसे गर्मियों में ठंडे पानी से नहाते और सोते समय कम और हल्के कपड़े पहनते हैं, लेकिन सर्दियों में हम इससे ठीक उल्टा गर्म पानी से नहाते हैं और गर्म ऊनी कपड़े पहनते हैं. हालांकि कुछ लोग सर्दियों में भी ठंडे पानी से ही नहाते हैं.

कुछ लोगों का मानना है कि ठंडे पानी से नहाने से शरीर चुस्त और तंदरुस्त रहता है. तो पूरे सर्दियों में लंबे समय तक ठंडे पानी से नहाना खतरनाक हो सकता है, क्योंकि ये कोल्ड स्ट्रोक का कारण बन सकती हैं, खासकर दिल या रेस्पिरेटरी के मरीजों पर इसका ज्यादा असर होता है. सर्दियों में ठंडे पानी से नहाने के दौरान उसकी शुरुआत सिर से करना खतरनाक हो सकता है.

सर्दियों में ऐसे रखें अपने शरीर का ख्याल (ETV BHARAT)

सर्दियों में हार्ट अटैक की आशंका ज्यादा

आईजीएमसी के मेडिसन विभाग के डॉक्टर उशेन्द्र शर्मा ने बताया कि, सर्दियों में हार्ट अटैक की आशंका ज्यादा होती है. सर्दियों में ठंडे पानी से नहाना और उसकी शुरुआत सिर से करना खतरनाक हो सकता है, क्योंकि ब्लड सर्कुलेशन ऊपर से नीचे यानी सिर से पैर की तरफ होता है. एकदम से सिर पर ठंडा पानी डालने से सिर की नसें सिकुड़ जाती हैं. इससे सारा रक्त प्रवाह तेजी से सिर की ओर जा सकता है. इससे ब्रेन हेमरेज, लकवा, हार्ट अटैक का खतरा रहता है. इसलिए दिमाग और शरीर का तापमान नियंत्रित रखने के लिए बहुत ठंडे पानी से नहीं नहाना चाहिए. सर्दियों में गुनगुने पानी से नहाएं. पानी डालने की शुरुआत पैरों, पीठ या हाथ आदि से करें.'

आईजीएसमी में कार्डियोलॉजी विभाग के प्रोफेसर डॉ. अरविंद कन्दोरिया ने बताया कि, 'सर्दियों के मौसम में शरीर की अन्य धमनियों की तरह कोरोनरी धमनियां सिकुड़ सकती हैं और कोरोनरी आर्टरी डिजीज यानी हार्ट की ब्लड वेसेल्स में थक्का जमने के कारण दिल का दौरा पड़ने के मामले बढ़ जाते हैं. इन्हें सावधानियां बरतकर काफी हद तक रोका जा सकता है. ठंड के मौसम में मनुष्य को गर्म रखने के लिए हार्ट को अधिक मेहनत करनी पड़ती है और ब्लड को पंप करते समय रक्त कोशिकाएं सिकुड़ जाती हैं और इससे हार्ट की कार्य प्रणाली प्रभावित होती है, जिसकी वजह से कई तरह की शारीरिक दिक्कतें आने लगती हैं. हार्ट से संबंधित बीमारियों की दवा खा रहे मरीज सर्दियों के मौसम में में भी नियमित रूप से दवाई खाते रहें और समय समय पर चिकित्सक से अपनी जांच करवाते रहें.'

डॉ. अरविंद कन्दोरिया ने बताया कि, 'अगर आप हृदय संबंधी समस्या से पीड़ित हैं तो सर्दियों में सुबह की सैर और व्यायाम के दौरान अपना खास ख्याल रखें. इस मौसम में ठंड के बीच व्यायाम या सैर के दौरान धमनियां सिकुड़ सकती हैं और खून गाढ़ा हो जाता है, इससे ब्लड क्लॉट बनने से हार्ट अटैक की आशंका बढ़ती है.'

डॉक्टर उशेन्द्र शर्मा ने बताया कि, 'कई बार लोग ठंडे या गर्म पानी से नहाने के तुरंत बाद घर से बाहर निकल जाते हैं. इस तापअंतर के कारण शरीर का तापमान कम होता है. इससे वायरस हमला करते हैं. सबसे पहले नाक बहना, गले में खराश और दर्द होना शुरू हो जाता है. समय पर इसका इलाज न किया जाए तो इससे निमोनिया भी हो सकता है.'

सर्दियों में एकदम बिस्तर से न उठें

सर्दियों में जब आप नींद में होते हैं तो शरीर की धमनियां संकुचित होती हैं और रक्त प्रवाह धीमा हो जाता है. ऐसे में नींद खुलते ही बिस्तर न छोड़े. तुरंत दिनचर्या में लग जाने से बीपी बढ़ सकता है, जिससे चक्कर, बेहोशी से लेकर दिल का दौरा पड़ने तक का खतरा भी रहता है. इससे स्ट्रेस हार्मोन जैसे कार्टिसोल का स्तर बढ़ जाता है, जो दिल पर दबाव डाल सकता है. सर्दियों में नींद खुलने पर कुछ मिनट बिस्तर पर रहें. हाथों को स्ट्रेच करें. पैरों को नीचे करके हिलाएं. कुछ देर बिस्तर पर बैठें रहें, इसके बाद बिस्तर छोड़ें.

हीटर या अंगीठी लगातार कमरे न चलाएं

डॉक्टर उशेन्द्र शर्मा ने बताया कि, 'अंगीठी, हीटर की गर्मी हवा की नमी को सोखने के साथ ऑक्सीजन का स्तर कम कर देती है. कमरे में अंगीठी लगाकर नहीं सोना चाहिए. अंगीठी से कमरे में कार्बन मोनो-ऑक्साइड, कार्बनडाईऑक्साइड बढ़ जाती है. इससे मौत भी हो सकती है. सर्दियों में हीटर या ब्लोअर जैसे उपकरणों से घर को जरूरत से ज्यादा गर्म रखना भी नुकसानदायक हो सकता है. हीटर, अंगीठी लगाते समय कमरे में नमी बने रहे इसके लिए कमरे में पानी की बाल्टी भरकर रखें. इसके साथ ही हवा का प्रवाह बना रहे इसके लिए खिड़की आदि खुली रखें'

अगर ऊनी कपड़े पहनकर सोते हैं तो पहले सूती कपड़े पहनें

ऊनी कपड़े शरीर से निकलने वाली गर्मी को बाहर नहीं निकलने देते हैं. इस स्थिति में शरीर का ऊपरी तापमान कम हो जाता है और अंदरूनी तापमान रेगुलेट नहीं हो पाता है. इससे बीपी कम हो सकता है और सांस लेने में परेशानी हो सकती है. इसका असर दिल की सेहत पर भी पड़ता है. अगर आप ऊनी कपड़े पहनकर सोते हैं तो उससे पहले अंदर सूती कपड़े पहने. डॉक्टर उशेन्द्र शर्मा ने बताया कि, 'ऊनी वस्त्र ठंड से बचाव है. बॉडी को खुद अपना तापमान मेंटेंन करने का भी मौका देना चाहिए. अगर ठंड के साथ बुखार आ रहा है तो ऊनी वस्त्र पहन सकते हैं. अगर आप स्वस्थ हैं तो ऊनी वस्त्र न भी पहने तो उससे कोई नुकसान नहीं होगा. क्योंकि जब हमारे शरीर को इसकी जरूरत होती है तो बॉडी खुद इसका संकेत देती है.'

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Last Updated : 8 hours ago
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