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CPIM ने सेरी मंच पर किया प्रदर्शन, केंद्र सरकार के खिलाफ की जमकर की नारेबाजी

सीटू ने बुधवार को मंडी के सेरी मंच पर अपनी मांगों को लेकर केंद्र और प्रदेश सरकार के खिलाफ धरना प्रदर्शन किया. इस दौरान उन्होंने सरकार से बस किराया वृद्धि के निर्णय को वापस लेने की मांग की.

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Published : Aug 26, 2020, 5:39 PM IST

CPIM protest against government at seri manch mandi
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मंडी: पूरे देश में बुधवार को मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी द्वारा केंद्र सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया गया. मंडी के सेरी मंच पर भी सीटू के बैनर तले विभिन्न मजदूर संगठनों ने अपनी मांगों को लेकर धरना प्रदर्शन किया और केंद्र सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी भी की.

सीटू के जिला सचिवालय सदस्य सुरेश सरवाल ने कहा कि विभिन्न मांगों को लेकर बुधवार को सरकार के खिलाफ धरना प्रदर्शन किया गया है. उन्होंने कहा कि सरकार को बस किराया वृद्धि के निर्णय को वापस लेना चाहिए, बिजली के बिलों में की गई वृद्धि को कम किया जाए. सुरेश ने कहा कि बिजली की दरों में की गई बढ़ोतरी से मध्यमवर्गीय और गरीब परिवारों पर इसका बूरा असर देखने को मिलेगा.

वीडियो रिपोर्ट.

सुरेश ने सरकार से मांग करते हुए कहा कि मनरेगा के तहत 100 दिनों के बजाए 200 दिनों का रोजगार उपलब्ध कराया जाए. उन्होंने कहा कि शहरी क्षेत्रों में रोजगार गारंटी योजना को सही ढंग से लागू किया जाए और आयकर दर से बाहर सभी परिवारों को 6 महीने तक प्रतिमाह 7500 राशि दी जाए.

सीटू का कहना है कि केंद्र और प्रदेश सरकार लगातार जनविरोधी फैसले ले रही है, जिसके कारण यह महामारी देश में बड़े पैमाने पर फैल रही है. सीटू ने आरोप लगाते हुए कहा कि प्रदेश सरकार के गलत निर्णय के कारण यह महामारी और बढ़ रही है. प्रदेश सरकार रैलियां करने में व्यस्त हैं, जोकि इस महामारी के दौर में सरकार का गलत फैसला है.

सीटू का कहना है कि केंद्र सरकार के द्वारा निजीकरण की प्रक्रिया को बंद किया जाए और श्रम कानूनों में जो बदलाव किए जा रहे हैं उन्हें भी बंद किया जाए. सीटू ने चेतावनी देते हुए कहा कि अगर सरकार उनकी मांगों को नहीं मानेगी तो आने वाले समय में सरकार के खिलाफ उग्र आंदोलन किया जाएगा.

ये भी पढ़ें: प्रदेश सरकार पर कांग्रेस का हमला, एक नहीं कई मंत्रियों के भ्रष्टाचार की खुलेंगी परतें

मंडी: पूरे देश में बुधवार को मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी द्वारा केंद्र सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया गया. मंडी के सेरी मंच पर भी सीटू के बैनर तले विभिन्न मजदूर संगठनों ने अपनी मांगों को लेकर धरना प्रदर्शन किया और केंद्र सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी भी की.

सीटू के जिला सचिवालय सदस्य सुरेश सरवाल ने कहा कि विभिन्न मांगों को लेकर बुधवार को सरकार के खिलाफ धरना प्रदर्शन किया गया है. उन्होंने कहा कि सरकार को बस किराया वृद्धि के निर्णय को वापस लेना चाहिए, बिजली के बिलों में की गई वृद्धि को कम किया जाए. सुरेश ने कहा कि बिजली की दरों में की गई बढ़ोतरी से मध्यमवर्गीय और गरीब परिवारों पर इसका बूरा असर देखने को मिलेगा.

वीडियो रिपोर्ट.

सुरेश ने सरकार से मांग करते हुए कहा कि मनरेगा के तहत 100 दिनों के बजाए 200 दिनों का रोजगार उपलब्ध कराया जाए. उन्होंने कहा कि शहरी क्षेत्रों में रोजगार गारंटी योजना को सही ढंग से लागू किया जाए और आयकर दर से बाहर सभी परिवारों को 6 महीने तक प्रतिमाह 7500 राशि दी जाए.

सीटू का कहना है कि केंद्र और प्रदेश सरकार लगातार जनविरोधी फैसले ले रही है, जिसके कारण यह महामारी देश में बड़े पैमाने पर फैल रही है. सीटू ने आरोप लगाते हुए कहा कि प्रदेश सरकार के गलत निर्णय के कारण यह महामारी और बढ़ रही है. प्रदेश सरकार रैलियां करने में व्यस्त हैं, जोकि इस महामारी के दौर में सरकार का गलत फैसला है.

सीटू का कहना है कि केंद्र सरकार के द्वारा निजीकरण की प्रक्रिया को बंद किया जाए और श्रम कानूनों में जो बदलाव किए जा रहे हैं उन्हें भी बंद किया जाए. सीटू ने चेतावनी देते हुए कहा कि अगर सरकार उनकी मांगों को नहीं मानेगी तो आने वाले समय में सरकार के खिलाफ उग्र आंदोलन किया जाएगा.

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