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बालीचौकी विकास खंड में हांफने लगी पीएम आवास योजना, लोगों ने सरकार से की ये मांग

विकास खंड सराज में अभी तक मात्र 21 परिवारों को आवास योजना के तहत लाया गया है. इस योजना में अभी तक खंड की मात्र 2 पंचायतों खौली व कथयारी के लाभार्थियों को ही आवास योजना के तहत चयनित किया गया है. आंकड़ों के अनुसार आवास योजना के तहत वर्ष 2017-18 में मात्र 2 मकान अलॉट किये गए, जिसमें 1 ग्राम पंचायत खौली व एक कथयारी के खाते में आया.

Pradhan Mantri Awas Yojana
प्रधानमंत्री आवास योजना
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Published : Oct 8, 2020, 4:39 PM IST

सराज/मंडी: देश में सरकार ने बेशक 2022 तक सभी पात्र लोगों को प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत आवास देने का लक्ष्य रखा है. वहीं, मंडी जिला के विकास खंड सराज में सरकार को यह लक्ष्य टेढ़ी खीर की तरह नजर आ रहा है.

विकास खंड सराज में अभी तक केवल 21 परिवारों को आवास योजना के तहत लाया गया है. इस योजना में अभी तक खंड की मात्र 2 पंचायतों खौली व कथयारी के लाभार्थियों को ही आवास योजना के तहत चयनित किया गया है. आंकड़ों के अनुसार आवास योजना के तहत वर्ष 2017-18 में मात्र 2 मकान अलॉट किये गए, जिसमें 1 ग्राम पंचायत खौली व एक कथयारी के खाते में आया.

वीडियो

वर्ष 2019-20 में योजना के तहत 3 मकान अलॉट हुए, जिसमें 1 खौली व 2 कथयारी के हिस्से आए. वर्ष 2020-21 में सर्वाधिक 16 मकान अलॉट हुए, जिसमें 15 खौली व 1 कथयारी पंचायत के आवेदकों को मिले. उक्त आवासों में अभी तक मात्र 6 मकान पूरे हो चुके हैं और अन्य के लिए अभी तक मात्र 1 ही किश्त जारी की गई है.

विकास खंड बालीचौकी में 2 साल पहले एक नए खंड के तौर पर काम कर रहा है, लेकिन आवास योजना में अन्य पंचायतों की अनदेखी को लेकर लोगों में भारी रोष है. विकास खंड के तहत आने वाले गांव टिक्की के दुर्गादास ने बताया कि उन्होंने वर्ष 2017 में प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत आवेदन किया, लेकिन अभी तक भी वे मकान से महरूम है. पंचायत माणी के सुरजमणि ने भी आवास योजना में नाम न आने पर रोष जताया. दूसरी ओर ग्राम पंचायत बुंगजहल गाड़ के प्रधान महेंद्र राणा ने भी बालीचौकी खंड में चरणबद्ध तरीके से आवास योजना को लागू करने की मांग की.

गौरतलब है कि 34 ग्राम पंचायतों से सृजित किए गए 2 साल पुराने बालीचौकी विकास खंड में वर्तमान में 50 ग्राम पंचायतें शामिल हैं. इस योजना की गति देखकर सरकार के 2022 के लक्ष्य को तय समय में हासिल करने की उम्मीद नहीं लगती.

विकास खंड बालीचौकी में कार्यरत खंड विकास अधिकारी चेतराम ने जानकारी देते हुए कहा कि आवास योजना के लिए पूर्व में सर्वे 2011 की जनगणना के आधार पर हुआ था, जिसमें तकनीकी खामियों के चलते मात्र 2 पंचायतें ही लाभान्वित हो रही थी.

वहीं वर्ष 2017 के सर्वे के चलते अब चरणवद्ध रूप से लाभार्थियों को आवास मिलने शुरू होंगे. उन्होंने ग्राम सभा मे किये गए चयन को लेकर कहा कि ग्राम सभाओं ने तय पैमाने से ज्यादा लोगों के नाम ग्राम सभा में डाले हैं, जिस कारण भी विभाग को चयन में दिक्कत आ रही है.

ये भी पढ़ें: प्रधानमंत्री आवास योजना का लोगों को नहीं मिला लाभ, दो साल से लोग सरकार से लगा रहे गुहार

सराज/मंडी: देश में सरकार ने बेशक 2022 तक सभी पात्र लोगों को प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत आवास देने का लक्ष्य रखा है. वहीं, मंडी जिला के विकास खंड सराज में सरकार को यह लक्ष्य टेढ़ी खीर की तरह नजर आ रहा है.

विकास खंड सराज में अभी तक केवल 21 परिवारों को आवास योजना के तहत लाया गया है. इस योजना में अभी तक खंड की मात्र 2 पंचायतों खौली व कथयारी के लाभार्थियों को ही आवास योजना के तहत चयनित किया गया है. आंकड़ों के अनुसार आवास योजना के तहत वर्ष 2017-18 में मात्र 2 मकान अलॉट किये गए, जिसमें 1 ग्राम पंचायत खौली व एक कथयारी के खाते में आया.

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वर्ष 2019-20 में योजना के तहत 3 मकान अलॉट हुए, जिसमें 1 खौली व 2 कथयारी के हिस्से आए. वर्ष 2020-21 में सर्वाधिक 16 मकान अलॉट हुए, जिसमें 15 खौली व 1 कथयारी पंचायत के आवेदकों को मिले. उक्त आवासों में अभी तक मात्र 6 मकान पूरे हो चुके हैं और अन्य के लिए अभी तक मात्र 1 ही किश्त जारी की गई है.

विकास खंड बालीचौकी में 2 साल पहले एक नए खंड के तौर पर काम कर रहा है, लेकिन आवास योजना में अन्य पंचायतों की अनदेखी को लेकर लोगों में भारी रोष है. विकास खंड के तहत आने वाले गांव टिक्की के दुर्गादास ने बताया कि उन्होंने वर्ष 2017 में प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत आवेदन किया, लेकिन अभी तक भी वे मकान से महरूम है. पंचायत माणी के सुरजमणि ने भी आवास योजना में नाम न आने पर रोष जताया. दूसरी ओर ग्राम पंचायत बुंगजहल गाड़ के प्रधान महेंद्र राणा ने भी बालीचौकी खंड में चरणबद्ध तरीके से आवास योजना को लागू करने की मांग की.

गौरतलब है कि 34 ग्राम पंचायतों से सृजित किए गए 2 साल पुराने बालीचौकी विकास खंड में वर्तमान में 50 ग्राम पंचायतें शामिल हैं. इस योजना की गति देखकर सरकार के 2022 के लक्ष्य को तय समय में हासिल करने की उम्मीद नहीं लगती.

विकास खंड बालीचौकी में कार्यरत खंड विकास अधिकारी चेतराम ने जानकारी देते हुए कहा कि आवास योजना के लिए पूर्व में सर्वे 2011 की जनगणना के आधार पर हुआ था, जिसमें तकनीकी खामियों के चलते मात्र 2 पंचायतें ही लाभान्वित हो रही थी.

वहीं वर्ष 2017 के सर्वे के चलते अब चरणवद्ध रूप से लाभार्थियों को आवास मिलने शुरू होंगे. उन्होंने ग्राम सभा मे किये गए चयन को लेकर कहा कि ग्राम सभाओं ने तय पैमाने से ज्यादा लोगों के नाम ग्राम सभा में डाले हैं, जिस कारण भी विभाग को चयन में दिक्कत आ रही है.

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