कुल्लू: गड़सा घाटी के शिलागढ़ से टनल की खुदाई का कार्य लगातार जारी है. वहीं मणिकर्ण घाटी के शिल्हा एडिट से भी रोजाना टनल की खुदाई की जा रही है. परियोजना प्रबंधन से मिली जानकारी के अनुसार शीला एडिट की ओर से 2100 मीटर की खुदाई शेष है जबकि गड़सा घाटी के शिलागढ़ से 1500 मीटर की खुदाई का कार्य शेष बचा हुआ है. शीला गढ़ एडिट में टीबीएम के टनल के फंस जाने के चलते कई सालों तक यह कार्य प्रभावित रहा. इसके चलते इस परियोजना के निर्माण में भी काफी देरी हुई है.
एनएचपीसी ने कंपनियों को सौंपा खुदाई का काम
अब एक बार फिर से एनएचपीसी प्रबंधन ने खुदाई का कार्य कंपनियों को सौंप दिया है ताकि जल्द से जल्द यह परियोजना पूरी तरह से राष्ट्र को समर्पित की जा सके. गैमन कंपनी के अधिकारी संतराम का कहना है कि शिल्हा एडिट की ओर से भी रोजाना कई मीटर खुदाई की जा रही है और 2100 मीटर खुदाई का कार्य शेष बचा हुआ है.
टीबीएम के फंस जाने से हुई थी निर्माण में देरी
टनल के भीतर कई बार परिस्थितियां विकट हो रही हैं लेकिन उसके बावजूद भी इसे तय समय पर पूरा कर लिया जाएगा. गौरतलब है कि यह दुनिया की सबसे लंबी 32 किलोमीटर की हेड रेस टनल है. पहले टीबीएम के फंस जाने से इसके निर्माण में देरी हुई थी लेकिन अब कार्य जल्द पूरा होने की संभावना बनी हुई है.
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