कुल्लू: अंतरराष्ट्रीय दशहरा उत्सव में मुहल्ले के बाद ढालपुर में देवी-देवता प्रचंड हुए. प्रचंड देवताओं में धुंबल नाग, माता कोटली, देवता वीरनाथ व देवता शिवराड़ी नारायण शामिल रहे. मुहल्ले में शरीक होने के बाद यह देवता अपने शिविर में नहीं गए और धुंबल नाग ने सभी देवताओं को एकत्र किया. इसके बाद सभी देवता डीसी कार्यालय पहुंचे, उसके बाद वहां से जवाब न मिलने पर एसपी कार्यालय भी पहुंचे.
देवी -देवताओं का कहना है कि आखिर इस बार दशहरा पर्व में उन पर यह प्रतिबंध क्यों लगाया. देवताओं ने कहा कि यह देव धरती है और ढालपुर मैदान उनका है. प्रशासन उन पर प्रतिबंध लगाने बाला कौन होता है. देवताओं ने यह भी कहा कि दोहरे मापदंड क्यों पहनाए गए. पूरे देश में पर्यटक घूम रहे हैं, कुल्लू-मनाली पर्यटकों से भरा पड़ा है लेकिन देवता पर ही प्रतिबंध लगाया.
इसके अलावा देवता इस लिए भी नाराज है कि सिर्फ सात देवताओं को ही क्यों बुलाया सभी अठारह करडु देवताओं को क्यों नहीं बुलाया. सबसे ज्यादा नाराजगी इस बात को लेकर भी रही कि आखिर देव नियमों की धज्जियां क्यों उड़ाई गई और देव कारकुनों के कोविड टेस्ट क्यों करवाए, जबकि देव नियम के अनुसार कोई भी बाहरी व्यक्ति देवता के गुर-पुजारी को छू भी नहीं सकता.
गौर रहे कि जिन देवताओं ने दशहरा कमेटी का विरोध किया है उन्हें भी नहीं बुलाया था और इन देवताओं ने प्रशासन के आदेश नहीं माने. देवताओं ने कहा कि आज सरकार, कारदार व आम लोग देवताओं से बड़े हो गए हैं और देवताओं पर प्रतिबंध लगा रहे हैं, इसे सहन नहीं किया जाएगा. इन देवताओं ने कहा कि जिला के सभी देवी-देवता चाहे वे अठारह करडु हो, चाहे अठारह नाग हो या फिर नारयण सभी प्रशासन व दशहरा कमेटी के इस व्यवहार से नाराज हैं.
देवताओं ने कहा कि जो देवता यहां आए हैं या नहीं आए हैं सभी नाराज व आक्रोशित हैं. देवताओं ने कहा कि इसके परिणाम गंभीर होंगें और इसके कुछ संकेत दिए जा चुके हैं और कुछ बहुत कुछ घटने वाला है.
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