कुल्लू: जिला कुल्लू के मुख्यालय ढालपुर में तिब्बती समुदाय के लोगों ने राष्ट्रीय विद्रोह दिवस के अवसर पर रैली का आयोजन किया. वहीं, ढालपुर के मैदान में चीन के खिलाफ नारेबाजी भी की गई. कुल्लू के ढालपुर में तिब्बती समुदाय के लोगों के द्वारा तिब्बत की राजधानी ल्हासा में चीन के क्रूर कब्जे के खिलाफ 62 वीं वर्षगांठ का आयोजन किया गया.
अंतरराष्ट्रीय समुदाय से तिब्बती मुद्दे का समर्थन करने का किया आग्रह
प्रदर्शन को सम्बोधित करते हुए तिब्बती सहायता समूह के उप-सलाहकार पेमा नामग्याल ने कहा कि तिब्बती और उनके समर्थक निस्वार्थ बुजुर्ग पीढ़ी द्वारा शुरू किए गए बहादुर संघर्ष के लिए खुद को फिर से समर्पित करते हैं और उन सभी को श्रद्धांजलि देते हैं, जिन्होंने तिब्बत के संघर्ष के लिए अपने जीवन का बलिदान दिया है. वहीं, कुल्लू मनाली के तिब्बतियों ने रामशिला से कुल्लू ढालपुर मैदान तक एक शांतिपूर्ण जुलूस निकाला, जिसमें अंतरराष्ट्रीय समुदाय से तिब्बती मुद्दे का समर्थन करने का आग्रह भी किया गया.
पेमा ने कहा कि तिब्बत पर चीनी आक्रमण के बाद से 1.2 मिलियन से अधिक तिब्बती मारे गए हैं और 6000 से अधिक मठों और तीर्थस्थलों को नष्ट कर दिया गया व हजारों तिब्बतियों को कैद कर यातना दी गई हैं. तिब्बत के भीतर और बाहर 150 से अधिक तिब्बतियों ने आजादी के लिए आत्मदाह कर लिया और तिब्बत में दलाई लामा की वापसी की मांग की.
तिब्बत की समस्याओं के स्थायी समाधान पर करें बातचीत
इस संघर्ष को समाप्त करने का एकमात्र तरीका सिर्फ चीन तिब्बती लोगों की आकांक्षाओं का सम्मान करते हुए अपनी मौजूदा हार्ड लाइन को बदले. साथ ही, इस दौरान तिब्बती सहायता समूह के उप-सलाहकार पेमा नामग्याल, राष्ट्रपति चेमी डोलमा और तिब्बत समर्थन समूह के सदस्यों के साथ आजादी के संघर्ष में तिब्बती लोगों के साथ अपनी एकजुटता दिखाने में अपनी गहरी कृतज्ञता व्यक्त करते हैं.
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