कुल्लू : भगवान शिव के प्रमुख त्योहार शिवरात्रि के लिए कुल्लू के शिवालय सजने लगे हैं. वीरवार को देशभर में शिवरात्रि का त्योहार मनाया जाएगा. खराहल घाटी स्थित बिजली महादेव के मंदिर को भी 1 दिन के लिए भक्तों के लिए खोला जाएगा. इसके अलावा भूतनाथ मंदिर, महाकालेश्वर मंदिर तथा विशेश्वर मंदिर में भी शिवरात्रि की धूम रहेगी.
शिवयोग में महाशिवरात्रि का आरंभ
11 मार्च महाशिवरात्रि के दिन का आरंभ शिवयोग में होता है, जिसे शिव आराधना के लिए शुभ माना गया है. शिवयोग में गुरुमंत्र और पूजन का संकल्प लेना भी शुभ कहा गया है. लेकिन शिवयोग 11 मार्च को अधिक समय तक नहीं रहेगा. सुबह 9 बजकर 24 मिनट पर ही यह समाप्त हो जाएगा और सिद्ध योग आरंभ हो जाएगा. सिद्ध योग को मंत्र साधना, जप, ध्यान के लिए शुभ फलदायी माना जाता है.
शिवजी के मंत्रों का जप उत्तम
इस योग में किसी नई चीज को सीखने या काम को आरंभ करने के लिए श्रेष्ठ कहा गया है. ऐसे में सिद्ध योग में मध्य रात्रि में शिवजी के मंत्रों का जप उत्तम फलदायी होगा. पंचांग के अनुसार वीरवार को चतुर्दशी का आरंभ 11 मार्च 2 बजकर 40 मिनट तक होगा और चतुर्दशी का समापन 12 मार्च 3 बजकर 3 मिनट पर होगा. शिवरात्रि में निशीथ काल 11 मार्च मध्य रात्रि के बाद 12 बजकर 25 मिनट से 1 बजकर 12 मिनट तक होगा. वही, शिवयोग 11 मार्च सुबह 9 बजकर 24 मिनट तक होगा. उसके बाद सिद्ध योग 9 बजकर 25 मिनट से अगले दिन 8 बजकर 25 मिनट तक होगा.
नक्षत्रों में करें मंत्र, साधना, पूजा
शिवरात्रि में धनिष्ठा नक्षत्र रात 9 बजकर 45 मिनट तक होगा और उसके बाद शतभिषा नक्षत्र शुरू होगा. महाशिवरात्रि के अवसर पर तंत्र, मंत्र साधना, तांत्रिक पूजा, रुद्राभिषेक करने के लिए 12 बजकर 25 मिनट से 1 बजकर 12 मिनट तक का समय श्रेष्ठ रहेगा. सामान्य गृहस्थ को शुभ और मनोकामना पूर्ति के लिए सुबह और संध्या काल में शिव की आराधना करनी चाहिए. वीरवार को दोपहर 2 बजकर 40 मिनट से चतुर्दशी लग जाने से दोपहर बाद शिवजी की पूजा का विशेष महत्व रहेगा.
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