कुल्लू: जिला कुल्लू, मंडी, लाहौल स्पीति और चंबा के पांगी विधानसभा क्षेत्र की जनता को स्वास्थ्य सुविधाएं (Health facilities) देने वाला कुल्लू का क्षेत्रीय अस्पताल बीते 6 माह से शिशु रोग विशेषज्ञ की कमी झेल रहा है. 8 विधानसभा क्षेत्र की जनता अपने स्वास्थ्य के लिए कुल्लू अस्पताल (Kullu Hospital) पर निर्भर है, लेकिन शिशु रोग विशेषज्ञ (Child specialist) का पद ना होने के चलते लोग मजबूरन निजी अस्पतालों में उपचार करने को मजबूर हैं.
ऐसा नहीं है कि डॉक्टरों की कमी के बारे में सरकार या प्रशासन को जानकारी नहीं है. शिक्षा मंत्री गोविंद ठाकुर के समक्ष भी शिशु रोग विशेषज्ञ की तैनाती का मुद्दा उठाया गया. वहीं, शिक्षा मंत्री गोविंद ठाकुर भी जनता को हर बार आश्वासन देते रहे कि जल्द यहां पर खाली पड़े पदों को भरा जाएगा, लेकिन इतना समय बीतने के बाद भी शिशु रोग विशेषज्ञ का पद नहीं भर पाया. डब्ल्यूएचओ के द्वारा भी बार-बार कोरोना संक्रमण की तीसरी लहर आने की चेतावनी दी जा रही है. ऐसे में जिला कुल्लू की जनता भी अपने बच्चों के स्वास्थ्य को लेकर आशंकित हो गई है कि अगर कोरोना के तीसरी लहर जिला कुल्लू में फैलती है तो आखिर उनके छोटे बच्चों के स्वास्थ्य का रखवाला कौन होगा.
कुल्लू सदर के विधायक सुंदर सिंह ठाकुर ने भी स्वास्थ्य सेवा को लेकर प्रदेश सरकार को जमकर लताड़ लगाई है. कुल्लू सदर के विधायक सुंदर सिंह ठाकुर का कहना है कि ढालपुर मैदान में कई बार मुख्यमंत्री हेलीकॉप्टर के माध्यम से उतरे और यहां भाजपा के कई राष्ट्रीय नेताओं का भी आना-जाना लगा रहा, लेकिन ढालपुर मैदान के साथ सटे क्षेत्रीय अस्पताल की किसी ने सुध नहीं ली. हालांकि पहले यहां पर सर्जन, मेडिकल विशेषज्ञ के पद भी खाली चल रहे थे और कांग्रेस ने इस मुद्दे को लेकर प्रदर्शन भी किया था. सरकार ने कांग्रेस के प्रदर्शन के बाद बाकी पदों को तो भर दिया, लेकिन शिशु रोग विशेषज्ञ का पद आज तक नहीं भर पाई है. ऐसे में प्रदेश सरकार को क्या 8 विधानसभा क्षेत्र के जनता के पाते की बिल्कुल भी चिंता नहीं है.
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