कुल्लू: हिमाचल प्रदेश में साल 2022 का पर्यटन सीजन काफी बेहतर रहा है और 2 सालों तक कोरोना का संकट झेल रहे होटल व पर्यटन कारोबारियों को भी काफी राहत मिली है. ऐसे में साल 2023 भी पर्यटन कारोबारियों के लिए बेहतर रहे, इसके लिए पर्यटन कारोबारियों ने हिमाचल प्रदेश में एयर व रेल कनेक्टिविटी को मजबूत करने की मांग रखी है. इसके अलावा पर्यटन कारोबारियों का कहना है कि अगर रोपवे सेक्टर की ओर भी केंद्र सरकार ध्यान दे तो हिमाचल प्रदेश के पर्यटन कारोबार को दोगुना किया जा सकता है.
'हिमाचल में पर्यटकों के लिए सुविधाएं बढ़ाई जाए': केंद्रीय बजट से कारोबारियों को आस है कि केंद्र सरकार हिमाचल में सुविधाओं को बढ़ाएगी तो पर्यटन को पंख लगेंगे. वहीं, हिमाचल प्रदेश को पूरे देश में पर्यटन के क्षेत्र में अव्वल बनाया जा सकता है. कारोबारियों का कहना है कि अगर हिमाचल में सैलानियों के लिए सुविधाओं को बढ़ाया जाएगा तो टूरिस्ट भारी मात्रा में यहां पहुंचेंगे. बता दें कि हिमाचल प्रदेश में कोरोना के 2 साल पर्यटन कारोबारियों के लिए काफी बुरी स्थिति लेकर आए थे. लेकिन साल 2022 में पर्यटन कारोबार बेहतर रहा और 70 लाख की आबादी वाले प्रदेश में ढाई करोड़ से अधिक पर्यटक सैर कर वापस अपने-अपने घरों की ओर लौट गए. ढाई करोड़ से अधिक पर्यटक आने के चलते अब पर्यटन कारोबारियों में काफी उत्साह है.
'हवाई टिकट की दरों में की जाए कमी': पर्यटन कारोबारी अनिल कांत शर्मा का कहना है कि हिमाचल प्रदेश में हवाई जहाज की सुविधा पूरे देश में सबसे महंगी है. अगर दिल्ली से हिमाचल के अलावा अन्य राज्यों के पर्यटन स्थलों की बात की जाए तो वहां पर 4 हजार से लेकर 7 हजार रुपए तक ही हवाई टिकट यात्रा उपलब्ध है. लेकिन दिल्ली से अगर पर्यटक को कुल्लू मनाली आना हो तो उसे 18 हजार से लेकर 25 हजार रुपए तक की टिकट मिलती है. ऐसे में प्रदेश के पर्यटन को बढ़ावा कैसे मिलेगा? केंद्रीय सरकार को बजट में हिमाचल के पर्यटन कारोबार को बढ़ावा देने के लिए हवाई टिकट की दरों में कमी और उस पर लगने वाले टैक्स को कम करना होगा.
'रेलवे विस्तार की ओर भी केंद्र सरकार ध्यान दे': पर्यटन कारोबारी नवनीत सूद का कहना हैं कि हिमाचल में लंबे समय से दिल्ली लेह रेलवे लाइन जो प्रस्तावित है जो कुल्लू मनाली होकर ही जाएगी. उसे जल्द ही धरातल पर उतारा जाना चाहिए. चंडीगढ़ से मनाली आने के लिए सड़क मार्ग होते हुए पर्यटकों को 8 घंटे से अधिक का सफर तय करना पड़ता है, हालांकि यहां पर फोरलेन का कार्य अभी निर्माणाधीन है. लेकिन अभी तक वह पूरा नहीं हो पाया है. पर्यटक अपनी सुविधा के लिए सड़क मार्ग के बजाय ट्रेन या फिर हवाई सेवा को तवज्जो देते हैं और वह यात्रा सड़क मार्ग से काफी सस्ती भी पड़ती है. ऐसे में रेलवे विस्तार की ओर भी केंद्र सरकार को ध्यान देना होगा. जिससे ट्रांसपोर्ट की समस्या कम होगी और पर्यटन के लिए भी यह बेहतरीन कदम साबित होगा.
'रोपवे सेक्टर को बढ़ावा दे केंद्र सरकार': होटल कारोबारी भाविक ठाकुर का कहना है कि हिमाचल प्रदेश में पर्यावरण को भी ध्यान में रखना होगा और अगर पहाड़ी इलाकों में अधिक सड़कों का निर्माण किया गया तो इससे हिमाचल के पर्यावरण का संतुलन भी बिगड़ेगा. ऐसे में केंद्रीय बजट में रोपवे सेक्टर की ओर विशेष ध्यान देना होगा. रोपवे के माध्यम से पर्यटकों को नई-नई जगहों की ओर जाने का भी मौका मिलेगा और ग्रामीण क्षेत्रों की आर्थिकी भी इससे काफी मजबूत होगी.
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