कुल्लू: जिला दंडाधिकारी आशुतोष गर्ग ने शुक्रवार को एक आदेश जारी करते हुए आम जनता को जिले के किसी भी भाग में तेज बहाव वाली नदियों, नालों और खड्डों की ओर रूख न करने की एडवाइजरी जारी की है. हालांकि आजीविका से जुड़ी साहसिक गतिविधियों के लिए बकायदा अनुमति प्रदान की गई है लेकिन बिना अनुमति के इस प्रकार की गतिविधियां करने पर और नदी नालों के तेज बहाव के समीप जाने पर हिमाचल पुलिस अधिनियम की धारा-115 के तहत आठ दिन तक की कैद और 1000 रुपए से लेकर 5000 रुपए तक का जुर्माना या फिर दोनों कर सकती है.
जिला दंडाधिकारी को पुलिस अधीक्षक से प्राप्त रिपोर्ट के अनुसार जिले में बाहरी राज्यों से भारी संख्या में आ रहे सैलानी बजौरा से सोलंग नाला, भुंतर से मणिकर्ण और बंजार तहसील की तीर्थन नदी के कुछ भागों में फोटो व सेल्फी लेने के लिए नदियों के समीप उतर रहे हैं. इसके अलावा कुछ होटल और रेस्तरां मालिकों ने भी नदियों के किनारों पर बाहर बैठने के स्थल और ओपन एयर कैफे स्थापित किए हैं जो जल स्तर में अचानक वृद्धि की स्थिति में जान के लिए बड़ा खतरा बन सकते हैं.
जिला प्रशासन द्वारा इस संबंध में समय-समय पर एडवाइजरी जारी करने के बावजूद लोग अनावश्यक रूप से नदियों के उच्च बहाव वाले स्थलों की ओर आकर्षित हो रहे हैं और अपनी जान को जोखिम में डाल रहे हैं. गौर तलब है अनेक ऐसी घटनाएं पूर्व में हो चुकी हैं जब जिले की नदियों में डूबकर लोग अपनी जान गवां चुके हैं. आदेश में कहा गया है कि बरसात का मौसम आ रहा है और इन दिनों नदी-नालों के जलस्तर में अचानक बढ़ोतरी होने की लगातार संभावना बनी रहती है. ऐसे में नदी के समीप जाने वाले लोगों की जान खतरे में पड़ सकती है. जिला दंडाधिकारी ने इन मामलों को गंभीरतापूर्वक लेते हुए उल्लंघन करने वालों के विरुद्ध सख्ती से निपटने को कहा है.
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