ETV Bharat / state

हिमाचल की दुर्गम चोटी रियो पुर्जिल पर पहुंचे निमास के पर्वतारोही, 6819 मीटर की ऊंचाई पर लहराया तिरंगा - colonel ranveer singh jamwal

निमास के पर्वतारोहियों ने कर्नल रणवीर सिंह जम्वाल के नेतृत्व में हिमाचल प्रदेश की सबसे ऊंची और दुर्गम चोटियों में से एक 'रियो पुर्जिल' पर पहुंचने में बड़ी कामयाबी हासिल की है. ‘हर शिखर तिरंगा’ अभियान के तहत निमास पूरे देश की कठिन चोटियों पर चढ़कर उन पर तिरंगा लहरा रहा है.

Nimas Mountaineer of hoisted tricolour on Himachal highest peak Reo Purgyil in Kinnaur.
निमास टीम ने किन्नौर किन्नौर की चोटी रियो पुर्जिल की फतह.
author img

By

Published : May 26, 2023, 6:06 PM IST

निमास टीम ने किन्नौर किन्नौर की चोटी रियो पुर्जिल की फतह.

किन्नौर: राष्ट्रीय पर्वतारोहण और साहसिक खेल संस्थान (निमास) के अनुभवी पर्वतारोहियों ने कर्नल रणवीर सिंह जम्वाल की अगुवाई में दुर्गम रास्तों से होकर हिमाचल प्रदेश की सबसे ऊंची चोटी और भारत की सबसे मुश्किल चोटियों में से एक 'रियो पुर्जिल' पर पहुंचने में कामयाबी हासिल की है. अब पर्वतारोही दल ने उत्तराखंड के दुर्जेय पर्वत कामेट को अपना अगला लक्ष्य बनाया है. हिमाचल प्रदेश की सबसे ऊंची चोटी 'रियो पुर्जिल' पर चढ़ाई करने के लिए ‘हर शिखर तिरंगा’ के तहत निमास टीम 11 मई 2023 को प्रदेश के किन्नौर जिले के नाको गांव पहुंची थी.

‘हर शिखर तिरंगा’ मुहीम के तहत 'रियो पुर्जिल' की फतह: ‘हर शिखर तिरंगा’ निमास का एक अनोखा और साहसिक अभियान है. जिसका पहले कभी प्रयास नहीं किया गया है. इस कठिन प्रयास में अरुणाचल प्रदेश के दिरांग स्थित राष्ट्रीय पर्वतारोहण और साहसिक खेल संस्थान (निमास) के अनुभवी पर्वतारोहियों की टीम ने पहले ही सात उत्तर पूर्वी राज्यों के सबसे ऊंचे पहाड़ों पर तिरंगा फहराया और अब हिमाचल प्रदेश की सबसे ऊंची चोटी पर पहुंचने में भी सफलता हासिल कर ली है.

हिमाचल की सबसे मुश्किल चोटियों में से एक 'रियो पुर्जिल': हिमालय के दक्षिण ज़ांस्कर रेंज के 'रियो पुर्जिल' भाग में पिछले पांच दशकों में केवल तीन बार पर्वतारोहियों ने सफलतापूर्वक चढ़ाई की है. 'रियो पुर्जिल' पहाड़ में अत्यधिक तकनीकी चुनौतियों और बड़े पत्थर एवं बर्फ सहित कठिन ढाल के कारण इस पर चढ़ने का बहुत कम ही प्रयास किया जाता है. पिछले 10 वर्षों में इस पहाड़ पर चढ़ने के चार से ज्यादा बार प्रयास किए गए, लेकिन वह सफल नहीं हुए.

Nimas team reached Himachal's inaccessible peak Reo Purjil.
किन्नौर की चोटी रियो पुर्जिल पर पहुंची निमास टीम.

18 घंटे में शिखर पर पहुंची निमास टीम: निमास की टीम को पहाड़ी उपकरण और राशन अपनी पीठ पर ही ले जाना पड़ा, क्योंकि बर्फबारी के कारण खच्चर बेस कैंप तक नहीं पहुंच सके. टीम ने शिखर पर पहुंचने से पहले 5,417 मीटर और 6,170 मीटर की ऊंचाई पर दो कैंप लगाए. बर्फ और चट्टानी इलाके के दुर्गम रास्ते से टीम के सदस्यों ने 18 घंटे में गंतव्य शिखर तक पहुंचे. कर्नल रणवीर सिंह जम्वाल के नेतृत्व में टीम 22 मई 2023 को दोपहर दो बजकर पचास मिनट पर शिखर पर पहुंची. टीम 22 मई 2023 को शाम 7:55 बजे बेस कैंप में और आख़िर में 24 मई 2023 की शाम को नाको गांव पहुंची. यहां पूह ब्लॉक के जिला परिषद शांता कुमार नेगी, लेक व्यू होटल के महाप्रबंधक गौरव, नवांग समेत कई गणमान्य ग्रामीणों ने टीम के सदस्यों का जोरदार स्वागत किया.

ये भी पढ़ें: भारत लौटी पर्वतारोही बलजीत कौर: कल सोलन में होगा स्वागत, सोशल मीडिया पर लिखा वतन वापस मां के पास

निमास टीम ने किन्नौर किन्नौर की चोटी रियो पुर्जिल की फतह.

किन्नौर: राष्ट्रीय पर्वतारोहण और साहसिक खेल संस्थान (निमास) के अनुभवी पर्वतारोहियों ने कर्नल रणवीर सिंह जम्वाल की अगुवाई में दुर्गम रास्तों से होकर हिमाचल प्रदेश की सबसे ऊंची चोटी और भारत की सबसे मुश्किल चोटियों में से एक 'रियो पुर्जिल' पर पहुंचने में कामयाबी हासिल की है. अब पर्वतारोही दल ने उत्तराखंड के दुर्जेय पर्वत कामेट को अपना अगला लक्ष्य बनाया है. हिमाचल प्रदेश की सबसे ऊंची चोटी 'रियो पुर्जिल' पर चढ़ाई करने के लिए ‘हर शिखर तिरंगा’ के तहत निमास टीम 11 मई 2023 को प्रदेश के किन्नौर जिले के नाको गांव पहुंची थी.

‘हर शिखर तिरंगा’ मुहीम के तहत 'रियो पुर्जिल' की फतह: ‘हर शिखर तिरंगा’ निमास का एक अनोखा और साहसिक अभियान है. जिसका पहले कभी प्रयास नहीं किया गया है. इस कठिन प्रयास में अरुणाचल प्रदेश के दिरांग स्थित राष्ट्रीय पर्वतारोहण और साहसिक खेल संस्थान (निमास) के अनुभवी पर्वतारोहियों की टीम ने पहले ही सात उत्तर पूर्वी राज्यों के सबसे ऊंचे पहाड़ों पर तिरंगा फहराया और अब हिमाचल प्रदेश की सबसे ऊंची चोटी पर पहुंचने में भी सफलता हासिल कर ली है.

हिमाचल की सबसे मुश्किल चोटियों में से एक 'रियो पुर्जिल': हिमालय के दक्षिण ज़ांस्कर रेंज के 'रियो पुर्जिल' भाग में पिछले पांच दशकों में केवल तीन बार पर्वतारोहियों ने सफलतापूर्वक चढ़ाई की है. 'रियो पुर्जिल' पहाड़ में अत्यधिक तकनीकी चुनौतियों और बड़े पत्थर एवं बर्फ सहित कठिन ढाल के कारण इस पर चढ़ने का बहुत कम ही प्रयास किया जाता है. पिछले 10 वर्षों में इस पहाड़ पर चढ़ने के चार से ज्यादा बार प्रयास किए गए, लेकिन वह सफल नहीं हुए.

Nimas team reached Himachal's inaccessible peak Reo Purjil.
किन्नौर की चोटी रियो पुर्जिल पर पहुंची निमास टीम.

18 घंटे में शिखर पर पहुंची निमास टीम: निमास की टीम को पहाड़ी उपकरण और राशन अपनी पीठ पर ही ले जाना पड़ा, क्योंकि बर्फबारी के कारण खच्चर बेस कैंप तक नहीं पहुंच सके. टीम ने शिखर पर पहुंचने से पहले 5,417 मीटर और 6,170 मीटर की ऊंचाई पर दो कैंप लगाए. बर्फ और चट्टानी इलाके के दुर्गम रास्ते से टीम के सदस्यों ने 18 घंटे में गंतव्य शिखर तक पहुंचे. कर्नल रणवीर सिंह जम्वाल के नेतृत्व में टीम 22 मई 2023 को दोपहर दो बजकर पचास मिनट पर शिखर पर पहुंची. टीम 22 मई 2023 को शाम 7:55 बजे बेस कैंप में और आख़िर में 24 मई 2023 की शाम को नाको गांव पहुंची. यहां पूह ब्लॉक के जिला परिषद शांता कुमार नेगी, लेक व्यू होटल के महाप्रबंधक गौरव, नवांग समेत कई गणमान्य ग्रामीणों ने टीम के सदस्यों का जोरदार स्वागत किया.

ये भी पढ़ें: भारत लौटी पर्वतारोही बलजीत कौर: कल सोलन में होगा स्वागत, सोशल मीडिया पर लिखा वतन वापस मां के पास

ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.