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किन्नौर के पागल नाले में आया मलबा, National Highway-5 बंद

किन्नौर के पागलनाले में बारिश के चलते मलबा आ गया. इस कारण उच्च मार्ग-5 बंद हो गया. सड़क की दोनों छोर पर लंबी वाहनों की कतारों के कारण जाम लग गया. वहीं, मलबा लगातार गिरने के कारण प्रशासन को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.

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Published : Aug 27, 2021, 7:17 PM IST

किन्नौर: बारिश के चलते प्रदेश के कई हिस्सों में जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है. किन्नौर जिले के पागल नाले में बारिश के चलते मलबा आ गया, जिसके चलते राष्ट्रीय उच्च मार्ग-5 अवरुद्ध हो गया. लगातार बारिश के चलते विभिन्न क्षेत्रों में पहाड़ों से पत्थरों के गिरने की सूचना मिल रही. वहीं, निगुलसारी के पास पहाडियों से दोबारा भूस्खलन का भी खतरा बना हुआ है. जिले के टापरी समीप पागल नाले में मलबा आने से फिलहाल राष्ट्रीय उच्च मार्ग-5 पर आवाजाही पूरी तरह ठप हो चुकी और अभी भी इस जगह पर मलबा गिरने का सिलसिला जारी है.

जिसके चलते सड़क के दोनों ओर वाहनों से लंबा जाम लग गया. प्रशासन द्वारा इस मलबे को हटाने की कोशिश की जा रही है, लेकिन मलबा गिरने के चलते सड़क बहाली में समस्या आ रही है. इससे कारण वाहन चालकों सहित अन्य लोगों को भी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. बता दें कि जिले में बारिश के दौरान पहाड़ों से चट्टानों के साथ भूस्खलन होने का खतरा बना रहता है.

प्रशासन ने लोगों को बारिश के दौरान सफर करने से मनाही की गई, ताकि किसी के जानमाल का नुकसान न हो. बता दें कि मौसम विभाग ने 30 अगस्त तक दस जिलों में येलो अलर्ट जारी किया हुआ है. इस दौरान भारी बारिश और भूस्खलन की आशंका जताई गई है. वहीं, 20 सितंबर तक मानसून प्रदेश से विदा होने की बात भी कही गई है.

गौर रहे कि प्रदेश में 27 से 30 अगस्त तक दस जिलों के लिए येलो अलर्ट जारी किया गया है. इस दौरान मौसम विभाग ने आशंका जताई है कि भारी बारिश और भूस्खलन हो सकता है. इस बार मानसून में 316 लोगों की मौत हुई है और करोड़ों का नुकसान हो चुका है.

ये भी पढ़ें : चंडीगढ़ मनाली नेशनल हाईवे-21 पर पहाड़ी से गिरी चट्टानें, सड़क मार्ग बंद

किन्नौर: बारिश के चलते प्रदेश के कई हिस्सों में जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है. किन्नौर जिले के पागल नाले में बारिश के चलते मलबा आ गया, जिसके चलते राष्ट्रीय उच्च मार्ग-5 अवरुद्ध हो गया. लगातार बारिश के चलते विभिन्न क्षेत्रों में पहाड़ों से पत्थरों के गिरने की सूचना मिल रही. वहीं, निगुलसारी के पास पहाडियों से दोबारा भूस्खलन का भी खतरा बना हुआ है. जिले के टापरी समीप पागल नाले में मलबा आने से फिलहाल राष्ट्रीय उच्च मार्ग-5 पर आवाजाही पूरी तरह ठप हो चुकी और अभी भी इस जगह पर मलबा गिरने का सिलसिला जारी है.

जिसके चलते सड़क के दोनों ओर वाहनों से लंबा जाम लग गया. प्रशासन द्वारा इस मलबे को हटाने की कोशिश की जा रही है, लेकिन मलबा गिरने के चलते सड़क बहाली में समस्या आ रही है. इससे कारण वाहन चालकों सहित अन्य लोगों को भी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. बता दें कि जिले में बारिश के दौरान पहाड़ों से चट्टानों के साथ भूस्खलन होने का खतरा बना रहता है.

प्रशासन ने लोगों को बारिश के दौरान सफर करने से मनाही की गई, ताकि किसी के जानमाल का नुकसान न हो. बता दें कि मौसम विभाग ने 30 अगस्त तक दस जिलों में येलो अलर्ट जारी किया हुआ है. इस दौरान भारी बारिश और भूस्खलन की आशंका जताई गई है. वहीं, 20 सितंबर तक मानसून प्रदेश से विदा होने की बात भी कही गई है.

गौर रहे कि प्रदेश में 27 से 30 अगस्त तक दस जिलों के लिए येलो अलर्ट जारी किया गया है. इस दौरान मौसम विभाग ने आशंका जताई है कि भारी बारिश और भूस्खलन हो सकता है. इस बार मानसून में 316 लोगों की मौत हुई है और करोड़ों का नुकसान हो चुका है.

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