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किन्नौर की बोली और संस्कृति को बचाएगा भाषा व संस्कृति विभाग, लोगों से पुरानी चीजें खरीदने की अपील - kinnaur news

जनजातीय जिला किन्नौर के भाषा एवं संस्कृति विभाग ने जिला किन्नौर की बोली और यहां धरोहर, पुरानी चीजों को बचाने के लिए कवायद शुरू की है. जिला भाषा एवं संस्कृति विभाग अधिकारी नरेंद्र शर्मा ने कहा कि जल्द ही किन्नौर की स्थानीय किन्नौरी बोली को बड़े स्तर पर बोलचाल के लिए मंच के माध्यम से कार्यक्रम करवाए जाएंगे.

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किन्नौर की बोली और संस्कृति को बचाएगा भाषा एवं संस्कृति विभाग
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Published : Feb 27, 2020, 5:36 PM IST

किन्नौरः जनजातीय जिला किन्नौर के भाषा एवं संस्कृति विभाग ने जिला किन्नौर की बोली और यहां धरोहर, पुरानी चीजों को बचाने के लिए कवायद शुरू की है. जिला भाषा एवं संस्कृति विभाग अधिकारी नरेंद्र शर्मा ने कहा कि जल्द ही किन्नौर की स्थानीय किन्नौरी बोली को बड़े स्तर पर बोलचाल के लिए मंच के माध्यम से कार्यक्रम करवाए जाएंगे. जिसमें कुछ किन्नौर के बुद्धिजीवी वर्ग से किन्नौरी बोली के विषय मे बातचीत की जाएगी.

वहीं, दूसरी ओर विभाग यहां के किले, पुराने मकानों को संरक्षित करने के लिए सरकार द्वारा धनराशि भी दी गई है. जिससे इन सबका जीर्णोद्धार किया जाएगा. साथ ही किन्नौर से बाहर पढ़ाई करने वाले बच्चों को भी अपनी बोली और संस्कृति को प्रख्यात करने के लिए प्रेरित किया जाएगा.

वीडियो.

जिससे किन्नौरी बोली और संस्कृति को हर व्यक्ति जान सके, उन्होंने कहा कि इसके अलावा इस बार विभाग ने किन्नौर में एक ओर मुहिम छेड़ दी है. जिसमे किन्नौर में पुराने समय के आभूषण और दूसरी दुर्लभ चीजों को इकट्ठा कर संग्रहालय में रखा जाएगा. जिससे आने वाली पीढ़ी को किन्नौर के आभूषणों और यहां पौराणिक चीजों का पता चल सके. जिसके लिए विभाग ग्रामीण क्षेत्रों में जाकर लोगों से इन चीजों को इकट्ठा कर उनको उसकी कीमत भी देगा.

बता दें कि जिला किन्नौर की बोली, संस्कृति और यहां के दुर्लभ होते आभूषणों के लिए भाषा एवं संस्कृति विभाग की यह पहल अब ग्रामीण क्षेत्रों में जाकर और मंच के माध्यम से जागरूकता शिविर से सफल करने के लिए अप्रैल महीने से मुहिम छेड़ी जाएगी. जिससे किन्नौर की संस्कृति, बोली, आभूषणों को देश विदेश में पहचान मिल सके.

ये भी पढ़ें: साल में एक बार खुलतें हैं कोठी शिव मंदिर के कपाट, श्रद्धालुओं का लगता है तांता

किन्नौरः जनजातीय जिला किन्नौर के भाषा एवं संस्कृति विभाग ने जिला किन्नौर की बोली और यहां धरोहर, पुरानी चीजों को बचाने के लिए कवायद शुरू की है. जिला भाषा एवं संस्कृति विभाग अधिकारी नरेंद्र शर्मा ने कहा कि जल्द ही किन्नौर की स्थानीय किन्नौरी बोली को बड़े स्तर पर बोलचाल के लिए मंच के माध्यम से कार्यक्रम करवाए जाएंगे. जिसमें कुछ किन्नौर के बुद्धिजीवी वर्ग से किन्नौरी बोली के विषय मे बातचीत की जाएगी.

वहीं, दूसरी ओर विभाग यहां के किले, पुराने मकानों को संरक्षित करने के लिए सरकार द्वारा धनराशि भी दी गई है. जिससे इन सबका जीर्णोद्धार किया जाएगा. साथ ही किन्नौर से बाहर पढ़ाई करने वाले बच्चों को भी अपनी बोली और संस्कृति को प्रख्यात करने के लिए प्रेरित किया जाएगा.

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जिससे किन्नौरी बोली और संस्कृति को हर व्यक्ति जान सके, उन्होंने कहा कि इसके अलावा इस बार विभाग ने किन्नौर में एक ओर मुहिम छेड़ दी है. जिसमे किन्नौर में पुराने समय के आभूषण और दूसरी दुर्लभ चीजों को इकट्ठा कर संग्रहालय में रखा जाएगा. जिससे आने वाली पीढ़ी को किन्नौर के आभूषणों और यहां पौराणिक चीजों का पता चल सके. जिसके लिए विभाग ग्रामीण क्षेत्रों में जाकर लोगों से इन चीजों को इकट्ठा कर उनको उसकी कीमत भी देगा.

बता दें कि जिला किन्नौर की बोली, संस्कृति और यहां के दुर्लभ होते आभूषणों के लिए भाषा एवं संस्कृति विभाग की यह पहल अब ग्रामीण क्षेत्रों में जाकर और मंच के माध्यम से जागरूकता शिविर से सफल करने के लिए अप्रैल महीने से मुहिम छेड़ी जाएगी. जिससे किन्नौर की संस्कृति, बोली, आभूषणों को देश विदेश में पहचान मिल सके.

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