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कहीं सीट बेल्ट ही न बन जाए मौत का कारण! नए कानून से पहाड़ों में वाहन चालक नाखुश - नए कानून

प्रदेश में वाहनों के सीट बेल्ट कानून को लेकर लोगों ने सरकार के इस निर्णय का स्वागत तो किया है, लेकिन प्रदेश के पहाड़ी इलाकों में इस नियम में थोडे़ बदलाव की मांग भी की है.

कहीं सीट बेल्ट ही न बन जाए मौत का कारण! नए कानून से पहाड़ों में वाहन चालक नाखुश
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Published : Sep 13, 2019, 6:26 PM IST

Updated : Sep 14, 2019, 7:05 AM IST

किन्नौर: जिला किन्नौर के लोगों में नये मोटर वाहन अधिनियम के तहत गाड़ी चलाते वक्त सीट बेल्ट वाले कानून को लेकर खासी खुशी देखने को नहीं मिल रही है. लोगों का कहना है कि हिमाचल के पहाड़ी इलाकों में सीट बेल्ट कामयाब नहीं है.


लोगों का कहना है कि दुर्घटना के वक्त जब वाहन पहाड़ियों से टकराती है या खाई में गिरती है तो सीट बेल्ट शरीर में फंस जाता है, जिस कारण कई बार चलाक व साथ बैठे व्यक्ति को बाहर निकलने का मौका नहीं मिल पाता और उनकी मौत हो जाती है.

वीडियो

बता दें कि लोगों ने सरकार व न्यायालय के इस फैसले का स्वागत किया है, लेकिन लोगों ने पहाड़ी इलाकों में रियायत भी मांगी है. लोगों का कहना है कि समतल इलाकों में सीट बेल्ट लगाना अनिवार्य होना चाहिए लेकिन पहाड़ी इलाकों को देखते हुए इस नियम में थोडे़ बदलाव किए जाने चाहिए.

किन्नौर: जिला किन्नौर के लोगों में नये मोटर वाहन अधिनियम के तहत गाड़ी चलाते वक्त सीट बेल्ट वाले कानून को लेकर खासी खुशी देखने को नहीं मिल रही है. लोगों का कहना है कि हिमाचल के पहाड़ी इलाकों में सीट बेल्ट कामयाब नहीं है.


लोगों का कहना है कि दुर्घटना के वक्त जब वाहन पहाड़ियों से टकराती है या खाई में गिरती है तो सीट बेल्ट शरीर में फंस जाता है, जिस कारण कई बार चलाक व साथ बैठे व्यक्ति को बाहर निकलने का मौका नहीं मिल पाता और उनकी मौत हो जाती है.

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बता दें कि लोगों ने सरकार व न्यायालय के इस फैसले का स्वागत किया है, लेकिन लोगों ने पहाड़ी इलाकों में रियायत भी मांगी है. लोगों का कहना है कि समतल इलाकों में सीट बेल्ट लगाना अनिवार्य होना चाहिए लेकिन पहाड़ी इलाकों को देखते हुए इस नियम में थोडे़ बदलाव किए जाने चाहिए.

Intro:किन्नौर में वाहनों के सीट बेल्ट कानून को लेकर वाहन चालक नाखुश,कहा पहाड़ी इलाको में ठीक नही सीट बेल्ट,दुर्घटना के समय शरीर मे फस जाता है सीट बेल्ट ।





Body:जिला किन्नौर के लोगो मे नए सीट बेल्ट कानून जो एक सितंबर से लागू हुए है उसको लेकर किन्नौर के लोगो में खासी खुशी नही दिखाई दे रही है लोगो का कहना है कि हिमाचल के अप्पर शिमला व खासकर जनजातीय जिला किन्नौर पहाड़ी इलाका है जहां वाहनों में सीट बेल्ट कामयाब नही है दुर्घटना के वक्त जब वाहन पहाड़ियों से टकराती है या खाई में गिरती है तो सीट बेल्ट शरीर मे फस जाता है जिसकारण कई बार चलाक व साथ बैठे व्यक्ति को बाहर निकलने का मौका नही मिलता और उनकी मौत हो जाती है किन्नौर में बीते वर्ष में एक दो बड़े दुर्घटना ऐसे हुए जिसमे बिना सीट बेल्ट के व्यक्तियों ने वाहनों से बाहर निकलकर अपनी जान बचाई जबकि वाहन पूरी तरह खत्म हो चुकी थी


Conclusion:बता दे कि सरकार व न्यायालय के इस फैसले को लोगो ने स्वागत किया है लेकिन पहाड़ी इलाको में रियायत भी मांगी है लोगो का कहना है कि समतल इलाको में सीट बेल्ट लगाना अनिवार्य होना चाहिए लेकिन पहाड़ी इलाको को देखते हुए इस नियम में थोडे बदलाव भी होने चाहिए।



बाइट----1----बूटटो नेगी टूर एन्ड ट्रेवलिंग चालक


बाइट-2---सुभाष नेगी------रोपा पूह निवासी।
Last Updated : Sep 14, 2019, 7:05 AM IST
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