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कैसे मिलता है गोल्ड लोन, इसे लेने से पहले किन-किन बातों का रखना चाहिए ध्यान - GOLD LOAN

कई बार हमें गोल्ड लोन की आवश्यकता पड़ जाती है. इसे लेने से पहले किन बातों का ध्यान रखना चाहिए पढ़िए इस खबर में.

गोल्ड लोन
गोल्ड लोन (ETV BHARAT)
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By ETV Bharat Himachal Pradesh Team

Published : Jan 22, 2025, 7:41 PM IST

शिमला: सोना एक मूल्यवान धातु है, इसकी अहमियत सदियों से रही है. सोने के आभूषणों का प्रचलन वर्तमान से लेकर राजा महाराजों के जमाने में भी लोगों में रहा है, लेकिन आज इसकी सबसे अहम भूमिका मौद्रिक प्रणाली में है. आज भी किसी देश की आर्थिक ताकत का अंदाजा उसके गोल्ड रिजर्व से लगाया जाता है. कई बार सरकारें सोना गिरवी रखकर कर्ज भी लेती हैं. आम लोग भी सोना गिरवी रखकर बैंकों और सरकार से मान्यता प्राप्त संस्थाओं से गोल्ड लोन लेते हैं.

गोल्ड लोन लेना एक आसान प्रक्रिया है, लेकिन कई बार बैंक और आम लोगों के साथ भी गोल्ड लोन के नाम पर ठगी हो जाती है. हाल ही में हिमाचल के शिमला में दो अलग-अलग बैंको से गोल्ड लोन के नाम पर ठगी करने का मामला सामने आया है. शिमला में यूको और आईसीआईसीआई बैंक में नकली सोना गिरवी रखकर शातिरों ने करीब 59 लाख रुपये से ज्यादा का लोन ले लिया, जब बाद में बैंक ने सोने की जांच करवाई तो पता चला की वो नकली है. बैंकों के साथ साथ NBFC (नॉन बैंकिग फाइनेंशियल कंपनी) लोगों को गोल्ड लोन देती है. गोल्ड लोन कैसे मिलता है और इसे लेते समय किन बातों का ध्यान रखना चाहिए इसे लेकर हमने एसबीआई के प्रबंधक वित्तीय समावेश अधिकारी से बातचीत की. उनसे बातचीत के अंश नीचे दिए गए हैं.

एसबीआई के वित्तीय समावेश अधिकारी ने बताया कि गोल्ड लोने के लिए अगर आप बैंक के पास जाते हैं तो सबसे पहले बैंक आपके सोने की जांच करता है. बैंक किसी सुनार से सोने की जांच करवाएगा. सुनार ये सर्टिफिकेट देगा कि आपका सोना कितना कैरेट का है. इसकी प्रोसेसिंग फीस भी लोन लेने वाले व्यक्ति के खाते से कटेगी. इसके अलावा बैंक के पास भी सोने की जांच के लिए किट होती है. इसमें नाइट्रिक एसिड और स्टोन टच विधि के जरिए सोने की गुणवत्ता को जांचा जाता है. बैंक अपनी किट का इस्तेमाल तब करता है जब किसी ने छोटा लोन लेना होता है. अगर लोन की रकम बड़ी है तो सोने की जांच बैंक सुनार से करवाएगा.

इन बातों का रखें ध्यान
इन बातों का रखें ध्यान (ETV BHARAT)

प्योरिटी के आधार पर मिलता है गोल्ड लोन

जांच के दौरान अगर आपका सोना 18 कैरेट से कम निकलता है को आपको गोल्ड लोन नहीं मिलेगा. 18 से 22 कैरेट के बीच के गोल्ड पर ही लोन मिल सकता है. आपको बैंक से कितना लोन मिलेगा ये कैरेट के हिसाब से ही तय होता है. माना आपका सोना 18 कैरेट का है और उसकी कीमत 1 लाख है, तो बैंक आपको 65 हजार का लोन दे सकता है, 22 कैरेट पर आपको इससे ज्यादा लोन मिल सकता है. गोल्ड की प्योरिटी के आधार पर ही लोन मंजूर होता है. अलग अलग बैंक और NBFC (नॉन बैंकिग फाइनेंशियल कंपनी) अपने हिसाब से लोन की मात्रा तय करते हैं.

इन कामों के लिए ले सकते हैं गोल्ड लोन

किसी भी काम जैसे एग्रीकल्चर, पर्सनल विजेनस, बच्चों की पढ़ाई, शादी या फिर इमरजेंसी में मेडिकल खर्च के लिए गोल्ड ले सकते हैं, लेकिन इसमें ब्याज दर अलग अलग रहती है. एग्रीकल्चर लोन पर ब्याज दर कम होती है, जबकि पर्सनल बिजनेस लोन को एसएमई में रजिस्टर किया जाता है.

इन चीजों पर ले सकते हैं गोल्ड लोन

आरबीआई की गाइडलाइन के मुताबिक बैंक 20 लाख तक का ही गोल्ड लोन दे सकते हैं. बैंक 50 ग्राम तक सोना ही लोन के लिए गिरवी रख सकते हैं. गोल्ड लोन के लिए सोने के बिस्किट, आभूषण, सिक्कों को बैंक स्वीकर करता है. इसके अलावा आरबीआई की ओर से जारी गोल्ड बॉन्ड पर गोल्ड लोन लिया जा सकता है.

लोन लेते समय लगते हैं ये चार्ज

गोल्ड लोन में भी दूसरे आम लोन की तरह प्रोसेसिंग फीस लगती है. ये फीस बैंक और NBFC (नॉन बैंकिग फाइनेंशियल कंपनी) के हिसाब से अलग-अलग होती है. गोल्ड लोन लेते समय प्रोसेसिंग फीस पर GST भी लगता है. इसके अलावा वैल्यूएशन चार्ज, सर्विस चार्ज जैसे कुछ अन्य खर्चे होते हैं.

लोन लौटाने के लिए EMI और बुलेट पेमेंट का ऑप्शन

एसबीआई के वित्तिय समावेशी अधिकारी ने बताया कि तय टाइम पीरियड के हिसाब से लोन चुकाना होता है. आप किश्तों में भी लोन चुका सकते हैं. आप नौकरीपेशा हैं और आपको हर महीने सैलरी मिलती है, तो EMI में पेमेंट कर सकते हैं. आपके पास एकमुश्त मूल भुगतान के साथ ब्याज भरने का विकल्प भी रहता है. माना आपने 2 साल के लिए गोल्ड लोन लिया है, तो आप लोन टर्म के बाद यानि दो साल पूरा होने पर ब्याज सहित पूरी रकम एकमुश्त लौटा सकते हैं और अपना सोना वापस ले सकते हैं. इसे बुलेट रिपेमेंट कहते हैं. हालांकि बुलेट रिपमेंट में भी लोन का ब्याज मंथली बेसिस पर ही कैलकुलेट किया जाता है. बुलेट रिपेमेंट का पीरियड तीन महीने से तीन साल का होता है.

डिफॉल्टर होने के बाद ये करता है बैंक

आपने अगर गोल्ड लोन का भुगतान नहीं किया है तो लोन अवधि पूरी होने के 30 दिन बाद बैंक आपको एक नोटिस जारी करेगा और आपको पैसा भरने की चेतावनी देगा. आगर इसके बाद भी आप लोन जमा नहीं करते हैं तो 15 दिन बाद आपको एक और नोटिस जारी किया जाएगा. आखिरी में तीसरे नोटिस में आपका सोना सेल आउट करने की चेतावनी दी जाती है. इसके बाद बैंक आपका सोना सेल आउट कर सकता है. सेल आउट के समय अगर आपके सोने की कीमत कम हो गई है तो आपकी देनदारी सोना बेचने से भी पूरी नहीं हो पाती है तो लोन धारक के खिलाफ बैंक लीगल एक्शन लेता है. अगर सोना सेल आउट होने के बाद बैंक के पास लोन धारक की देनदारी से अधिक पैसा आता है, तो बचा हुआ पैसा लोन लेने वाले व्यक्ति को वापस कर दिया जाता है.

इन बातों का रखें ध्यान

  • ये बात पता करें कि गोल्ड की वैल्यूएशन के लिए बैंक या एनबीएफसी किस तरीके का इस्तेमाल कर रहा है. डिफॉल्टर होने पर नीलामी प्रक्रिया क्या होगी इसे भी अच्छे से समझ लें.
  • बैंक या एनबीएफसी के गोल्ड लोन की शर्तों को अच्छी तरह से समझें. ये भी अच्छे से समझें कि आपसे कौन कौन से चार्ज लिए जा रहे हैं.
  • आरबीआई की गाइडलाइन का पालन करने वाली एनबीएफसी से गोल्ड लोन लें और लोन से पहले ब्याज दर पता कर लें, क्योंकि हर बैंक और एनबीएफसी का रेट ऑफ इंटरेस्ट अलग अलग होता है.

ये भी पढ़ें: गणतंत्र दिवस पर शिमला के रिज मैदान पर होगा राज्यस्तरीय कार्यक्रम, पंजाब पुलिस सहित 25 टुकड़ियां लेंगी परेड में हिस्सा

शिमला: सोना एक मूल्यवान धातु है, इसकी अहमियत सदियों से रही है. सोने के आभूषणों का प्रचलन वर्तमान से लेकर राजा महाराजों के जमाने में भी लोगों में रहा है, लेकिन आज इसकी सबसे अहम भूमिका मौद्रिक प्रणाली में है. आज भी किसी देश की आर्थिक ताकत का अंदाजा उसके गोल्ड रिजर्व से लगाया जाता है. कई बार सरकारें सोना गिरवी रखकर कर्ज भी लेती हैं. आम लोग भी सोना गिरवी रखकर बैंकों और सरकार से मान्यता प्राप्त संस्थाओं से गोल्ड लोन लेते हैं.

गोल्ड लोन लेना एक आसान प्रक्रिया है, लेकिन कई बार बैंक और आम लोगों के साथ भी गोल्ड लोन के नाम पर ठगी हो जाती है. हाल ही में हिमाचल के शिमला में दो अलग-अलग बैंको से गोल्ड लोन के नाम पर ठगी करने का मामला सामने आया है. शिमला में यूको और आईसीआईसीआई बैंक में नकली सोना गिरवी रखकर शातिरों ने करीब 59 लाख रुपये से ज्यादा का लोन ले लिया, जब बाद में बैंक ने सोने की जांच करवाई तो पता चला की वो नकली है. बैंकों के साथ साथ NBFC (नॉन बैंकिग फाइनेंशियल कंपनी) लोगों को गोल्ड लोन देती है. गोल्ड लोन कैसे मिलता है और इसे लेते समय किन बातों का ध्यान रखना चाहिए इसे लेकर हमने एसबीआई के प्रबंधक वित्तीय समावेश अधिकारी से बातचीत की. उनसे बातचीत के अंश नीचे दिए गए हैं.

एसबीआई के वित्तीय समावेश अधिकारी ने बताया कि गोल्ड लोने के लिए अगर आप बैंक के पास जाते हैं तो सबसे पहले बैंक आपके सोने की जांच करता है. बैंक किसी सुनार से सोने की जांच करवाएगा. सुनार ये सर्टिफिकेट देगा कि आपका सोना कितना कैरेट का है. इसकी प्रोसेसिंग फीस भी लोन लेने वाले व्यक्ति के खाते से कटेगी. इसके अलावा बैंक के पास भी सोने की जांच के लिए किट होती है. इसमें नाइट्रिक एसिड और स्टोन टच विधि के जरिए सोने की गुणवत्ता को जांचा जाता है. बैंक अपनी किट का इस्तेमाल तब करता है जब किसी ने छोटा लोन लेना होता है. अगर लोन की रकम बड़ी है तो सोने की जांच बैंक सुनार से करवाएगा.

इन बातों का रखें ध्यान
इन बातों का रखें ध्यान (ETV BHARAT)

प्योरिटी के आधार पर मिलता है गोल्ड लोन

जांच के दौरान अगर आपका सोना 18 कैरेट से कम निकलता है को आपको गोल्ड लोन नहीं मिलेगा. 18 से 22 कैरेट के बीच के गोल्ड पर ही लोन मिल सकता है. आपको बैंक से कितना लोन मिलेगा ये कैरेट के हिसाब से ही तय होता है. माना आपका सोना 18 कैरेट का है और उसकी कीमत 1 लाख है, तो बैंक आपको 65 हजार का लोन दे सकता है, 22 कैरेट पर आपको इससे ज्यादा लोन मिल सकता है. गोल्ड की प्योरिटी के आधार पर ही लोन मंजूर होता है. अलग अलग बैंक और NBFC (नॉन बैंकिग फाइनेंशियल कंपनी) अपने हिसाब से लोन की मात्रा तय करते हैं.

इन कामों के लिए ले सकते हैं गोल्ड लोन

किसी भी काम जैसे एग्रीकल्चर, पर्सनल विजेनस, बच्चों की पढ़ाई, शादी या फिर इमरजेंसी में मेडिकल खर्च के लिए गोल्ड ले सकते हैं, लेकिन इसमें ब्याज दर अलग अलग रहती है. एग्रीकल्चर लोन पर ब्याज दर कम होती है, जबकि पर्सनल बिजनेस लोन को एसएमई में रजिस्टर किया जाता है.

इन चीजों पर ले सकते हैं गोल्ड लोन

आरबीआई की गाइडलाइन के मुताबिक बैंक 20 लाख तक का ही गोल्ड लोन दे सकते हैं. बैंक 50 ग्राम तक सोना ही लोन के लिए गिरवी रख सकते हैं. गोल्ड लोन के लिए सोने के बिस्किट, आभूषण, सिक्कों को बैंक स्वीकर करता है. इसके अलावा आरबीआई की ओर से जारी गोल्ड बॉन्ड पर गोल्ड लोन लिया जा सकता है.

लोन लेते समय लगते हैं ये चार्ज

गोल्ड लोन में भी दूसरे आम लोन की तरह प्रोसेसिंग फीस लगती है. ये फीस बैंक और NBFC (नॉन बैंकिग फाइनेंशियल कंपनी) के हिसाब से अलग-अलग होती है. गोल्ड लोन लेते समय प्रोसेसिंग फीस पर GST भी लगता है. इसके अलावा वैल्यूएशन चार्ज, सर्विस चार्ज जैसे कुछ अन्य खर्चे होते हैं.

लोन लौटाने के लिए EMI और बुलेट पेमेंट का ऑप्शन

एसबीआई के वित्तिय समावेशी अधिकारी ने बताया कि तय टाइम पीरियड के हिसाब से लोन चुकाना होता है. आप किश्तों में भी लोन चुका सकते हैं. आप नौकरीपेशा हैं और आपको हर महीने सैलरी मिलती है, तो EMI में पेमेंट कर सकते हैं. आपके पास एकमुश्त मूल भुगतान के साथ ब्याज भरने का विकल्प भी रहता है. माना आपने 2 साल के लिए गोल्ड लोन लिया है, तो आप लोन टर्म के बाद यानि दो साल पूरा होने पर ब्याज सहित पूरी रकम एकमुश्त लौटा सकते हैं और अपना सोना वापस ले सकते हैं. इसे बुलेट रिपेमेंट कहते हैं. हालांकि बुलेट रिपमेंट में भी लोन का ब्याज मंथली बेसिस पर ही कैलकुलेट किया जाता है. बुलेट रिपेमेंट का पीरियड तीन महीने से तीन साल का होता है.

डिफॉल्टर होने के बाद ये करता है बैंक

आपने अगर गोल्ड लोन का भुगतान नहीं किया है तो लोन अवधि पूरी होने के 30 दिन बाद बैंक आपको एक नोटिस जारी करेगा और आपको पैसा भरने की चेतावनी देगा. आगर इसके बाद भी आप लोन जमा नहीं करते हैं तो 15 दिन बाद आपको एक और नोटिस जारी किया जाएगा. आखिरी में तीसरे नोटिस में आपका सोना सेल आउट करने की चेतावनी दी जाती है. इसके बाद बैंक आपका सोना सेल आउट कर सकता है. सेल आउट के समय अगर आपके सोने की कीमत कम हो गई है तो आपकी देनदारी सोना बेचने से भी पूरी नहीं हो पाती है तो लोन धारक के खिलाफ बैंक लीगल एक्शन लेता है. अगर सोना सेल आउट होने के बाद बैंक के पास लोन धारक की देनदारी से अधिक पैसा आता है, तो बचा हुआ पैसा लोन लेने वाले व्यक्ति को वापस कर दिया जाता है.

इन बातों का रखें ध्यान

  • ये बात पता करें कि गोल्ड की वैल्यूएशन के लिए बैंक या एनबीएफसी किस तरीके का इस्तेमाल कर रहा है. डिफॉल्टर होने पर नीलामी प्रक्रिया क्या होगी इसे भी अच्छे से समझ लें.
  • बैंक या एनबीएफसी के गोल्ड लोन की शर्तों को अच्छी तरह से समझें. ये भी अच्छे से समझें कि आपसे कौन कौन से चार्ज लिए जा रहे हैं.
  • आरबीआई की गाइडलाइन का पालन करने वाली एनबीएफसी से गोल्ड लोन लें और लोन से पहले ब्याज दर पता कर लें, क्योंकि हर बैंक और एनबीएफसी का रेट ऑफ इंटरेस्ट अलग अलग होता है.

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