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सरकारी संस्थानों का निजीकरण को लेकर ट्रेड यूनियनों की हड़ताल, जानें महासचिव राजुकमार गौतम ने क्या कहा - trade unions strike In Dharamshala

केंद्र सरकार कॉरपोरेट सेक्टर को लाभ पहुंचाने के लिए सरकारी संस्थानों का निजीकरण करने जा रही,जिसके चलते देश की विभिन्न ट्रेड यूनियनों ने दो दिवसीय देशव्यापी हड़ताल का आहवान (Banks strike continues)किया. जिसके तहत राष्ट्रीयकृत बैंकों के कर्मचारी व अधिकारी भी हड़ताल पर(trade unions strike In Dharamshala) हैं .

Banks strike continue
एचपी स्टेट एसोसिएशन के महासचिव राजकुमार गौतम
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Published : Mar 28, 2022, 3:21 PM IST

धर्मशाला: केंद्र सरकार कॉरपोरेट सेक्टर को लाभ पहुंचाने के लिए सरकारी संस्थानों का निजीकरण करने जा रही,जिसके चलते देश की विभिन्न ट्रेड यूनियनों ने दो दिवसीय देशव्यापी हड़ताल का आहवान (Banks strike continues)किया. जिसके तहत राष्ट्रीयकृत बैंकों के कर्मचारी व अधिकारी भी हड़ताल पर(trade unions strike In Dharamshala) हैं .देश भर में राष्ट्रीयकृत बैंकों के 4 लाख, जबकि विभिन्न ट्रेड यूनियनों के एक करोड़ कर्मचारी हड़ताल पर हैं. यह बात ऑल ऑल इंडिया बैंक इंप्लाइज एसोसिएशन असिस्टेंट सेक्रेटरी एवं एचपी स्टेट एसोसिएशन के महासचिव राजकुमार गौतम ने कही.

उन्होंने कहा कि कॉरपोरेट सेक्टर को लोनिंग के समय उनके आय साधन नहीं देखे हैं, कॉरपोरेट सेक्टर पर आय कर के साथ संपत्ति कर भी लगाया जाए देश भर में रसूखदारों को बड़े-बड़े लोन सरकारों के कहने पर दिए जाते हैं ,बैंकिंग क्षेत्र का नॉन परफार्मिंग एसेट (एनपीए) 10 लाख करोड़ पहुंच गया, एसोसिएशन की मांग है कि ऐसे लोगों पर क्रिमिनल केस दर्ज किए जाए.उन्होंने कहा कि कोरोना काल में हर कोई प्रभावित हुआ ,जबकि देश में कुछ रसूखदार , जिनकी संपत्ति में इजाफा हुआ और सरकार भी ऐसे लोगों को लाभ पहुंचा रही है.

जिसका एसोसिएशन विरोध करती है.
उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा नए लेबर कोड बनाने, निजीकरण के खिलाफ, एनपीएस को रद कर ओपीएस को बहाल करना, अनुबंध कर्मियों को नियमित किया जाए व ठेकेदारी प्रथा बंद की जाए, बढ़ती महंगाई पर लगाम कसने, बैंकों में जमा राशि पर ब्याज बढ़ाने और 5 दिवसीय बैंकिंग सेवाएं शुरू करने जैसी प्रमुख मांगों को लेकर हड़ताल की जा रही .उन्होंने कहा कि अगर उनकी मांगों को नही पूरा किया जाता है तो आगे की रणनीति तय की जाएगी.

ये भी पढ़ें :हिमाचल में भारत बंद का असर, प्रदेश की सड़कों पर जगह-जगह जन विरोधी नीतियों के खिलाफ हुआ प्रदर्शन


धर्मशाला: केंद्र सरकार कॉरपोरेट सेक्टर को लाभ पहुंचाने के लिए सरकारी संस्थानों का निजीकरण करने जा रही,जिसके चलते देश की विभिन्न ट्रेड यूनियनों ने दो दिवसीय देशव्यापी हड़ताल का आहवान (Banks strike continues)किया. जिसके तहत राष्ट्रीयकृत बैंकों के कर्मचारी व अधिकारी भी हड़ताल पर(trade unions strike In Dharamshala) हैं .देश भर में राष्ट्रीयकृत बैंकों के 4 लाख, जबकि विभिन्न ट्रेड यूनियनों के एक करोड़ कर्मचारी हड़ताल पर हैं. यह बात ऑल ऑल इंडिया बैंक इंप्लाइज एसोसिएशन असिस्टेंट सेक्रेटरी एवं एचपी स्टेट एसोसिएशन के महासचिव राजकुमार गौतम ने कही.

उन्होंने कहा कि कॉरपोरेट सेक्टर को लोनिंग के समय उनके आय साधन नहीं देखे हैं, कॉरपोरेट सेक्टर पर आय कर के साथ संपत्ति कर भी लगाया जाए देश भर में रसूखदारों को बड़े-बड़े लोन सरकारों के कहने पर दिए जाते हैं ,बैंकिंग क्षेत्र का नॉन परफार्मिंग एसेट (एनपीए) 10 लाख करोड़ पहुंच गया, एसोसिएशन की मांग है कि ऐसे लोगों पर क्रिमिनल केस दर्ज किए जाए.उन्होंने कहा कि कोरोना काल में हर कोई प्रभावित हुआ ,जबकि देश में कुछ रसूखदार , जिनकी संपत्ति में इजाफा हुआ और सरकार भी ऐसे लोगों को लाभ पहुंचा रही है.

जिसका एसोसिएशन विरोध करती है.
उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा नए लेबर कोड बनाने, निजीकरण के खिलाफ, एनपीएस को रद कर ओपीएस को बहाल करना, अनुबंध कर्मियों को नियमित किया जाए व ठेकेदारी प्रथा बंद की जाए, बढ़ती महंगाई पर लगाम कसने, बैंकों में जमा राशि पर ब्याज बढ़ाने और 5 दिवसीय बैंकिंग सेवाएं शुरू करने जैसी प्रमुख मांगों को लेकर हड़ताल की जा रही .उन्होंने कहा कि अगर उनकी मांगों को नही पूरा किया जाता है तो आगे की रणनीति तय की जाएगी.

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