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पालमपुर के सुशील कुमार बेहतरीन सेवाओं के लिए राष्ट्रपति पुलिस पदक के लिए चयनित

राष्ट्रपति पुलिस पदक मिलने पर सुशील कुमार ने खुशी जाहिर की है. उन्होंने कहा कि अगर कोई सची निष्ठा और ईमादारी से अपनी सेवाएं दे तो उसका फल अवश्य मिलता है. राष्ट्रपति पुलिस पदक उस पुलिसकर्मी को मिलता है जिसने अपने पुलिस सेवा के दौरान बेहतरीन और सराहनीय कार्य किया है.

sushil kumar selected for president police medal for best services
सुशील कुमार बेहतरीन सेवाओं के लिए राष्ट्रपति पुलिस पदक के लिए चयनित
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Published : Jan 26, 2020, 2:25 PM IST

कांगड़ा: उपमंडल पालमपुर के खैरा निवासी सुशील कुमार को बेहतरीन सेवाओं के लिए राष्ट्रपति पुलिस पदक प्रदान किया जाएगा. वर्तमान में सुशील कुमार पुलिस प्रशिक्षण महाविद्यालय डरोह में मुख्य आंतरिक प्रशिक्षक के पद पर अपनी सेवाएं दे रहे हैं.

1984 में बतौर सिपाही के पद पर करियर की शुरुआत करने वाले सुशील कुमार फिलहाल इंस्पेक्टर के पद पर तैनात हैं. वह 10 वर्ष तक हिमाचल पुलिस वालीबॉल टीम के कप्तान भी रहे चुके हैं. वर्ष 2006 में सुशील कुमार जिला चंबा में कार्यरत थे. उस दौरान उन्होंने ब्लाइंड मर्डर केस को सुलझाकर आरोप महिला को सलाखों के पीछे पहुंचाया था. महिला ने पोते को बेरहमी से मार डाला था. चोरियों के मामलों को सुलझाने में भी सुशील कुमार को महारत हासिल है. सुशील कुमार के परिवार में एक बेटा और बेटी है बेटा भी भारतीय सेना में अपनी सेवाएं दे रहा है .

राष्ट्रपति पुलिस पदक मिलने पर सुशील कुमार ने खुशी जाहिर की है. उन्होंने कहा कि अगर कोई सची निष्ठा और ईमादारी से अपनी सेवाएं दे तो उसका फल अवश्य मिलता है. राष्ट्रपति पुलिस पदक उस पुलिसकर्मी को मिलता है जिसने अपने पुलिस सेवा के दौरान बेहतरीन और सराहनीय कार्य किया है.

वीडियो रिपोर्ट

सुशील कुमार ने बताया कि जब वह 2006 में जिला चंबा में कार्यरत थे तो उस दौरान उन्होंने ब्लाइंड मर्डर केस को सुलझाकर महिला को सलाखों के पीछे पहुंचाया था. चोरियों के 80 प्रतिशत मामलों को सुलझाया है. उन्होंने बताया कि पुलिस विभाग की तरफ से उन्हें अतिरिक्त अपराधों के बेहतर अन्वेषण करने और पुलिस प्रशिक्षुओं को बेहतर प्रशिक्षण देने के लिए विभाग की ओर से प्रशंसा पत्र भी मिला है.

कांगड़ा: उपमंडल पालमपुर के खैरा निवासी सुशील कुमार को बेहतरीन सेवाओं के लिए राष्ट्रपति पुलिस पदक प्रदान किया जाएगा. वर्तमान में सुशील कुमार पुलिस प्रशिक्षण महाविद्यालय डरोह में मुख्य आंतरिक प्रशिक्षक के पद पर अपनी सेवाएं दे रहे हैं.

1984 में बतौर सिपाही के पद पर करियर की शुरुआत करने वाले सुशील कुमार फिलहाल इंस्पेक्टर के पद पर तैनात हैं. वह 10 वर्ष तक हिमाचल पुलिस वालीबॉल टीम के कप्तान भी रहे चुके हैं. वर्ष 2006 में सुशील कुमार जिला चंबा में कार्यरत थे. उस दौरान उन्होंने ब्लाइंड मर्डर केस को सुलझाकर आरोप महिला को सलाखों के पीछे पहुंचाया था. महिला ने पोते को बेरहमी से मार डाला था. चोरियों के मामलों को सुलझाने में भी सुशील कुमार को महारत हासिल है. सुशील कुमार के परिवार में एक बेटा और बेटी है बेटा भी भारतीय सेना में अपनी सेवाएं दे रहा है .

राष्ट्रपति पुलिस पदक मिलने पर सुशील कुमार ने खुशी जाहिर की है. उन्होंने कहा कि अगर कोई सची निष्ठा और ईमादारी से अपनी सेवाएं दे तो उसका फल अवश्य मिलता है. राष्ट्रपति पुलिस पदक उस पुलिसकर्मी को मिलता है जिसने अपने पुलिस सेवा के दौरान बेहतरीन और सराहनीय कार्य किया है.

वीडियो रिपोर्ट

सुशील कुमार ने बताया कि जब वह 2006 में जिला चंबा में कार्यरत थे तो उस दौरान उन्होंने ब्लाइंड मर्डर केस को सुलझाकर महिला को सलाखों के पीछे पहुंचाया था. चोरियों के 80 प्रतिशत मामलों को सुलझाया है. उन्होंने बताया कि पुलिस विभाग की तरफ से उन्हें अतिरिक्त अपराधों के बेहतर अन्वेषण करने और पुलिस प्रशिक्षुओं को बेहतर प्रशिक्षण देने के लिए विभाग की ओर से प्रशंसा पत्र भी मिला है.

Intro:उपमंडल पालमपुर के खैरा निवासी सुशील कुमार को बेहतरीन सेवाओं के लिए राष्ट्रपति पुलिस पदक प्रदान किया जाएगा। वर्तमान में वह पुलिस प्रशिक्षण महाविद्यालय डरोह में मुख्य आंतरिक प्रशिक्षक के पद पर सेवाएं प्रदान कर रहे हैं व पुलिस प्रशिक्षुको पुलिस व्यवहारिक कार्य के लिए प्रशिक्षण देते है । 1984 में बतौर सिपाही सेवाएं शुरू करने वाले सुशील कुमार इंस्पेक्टर पद तक पहुंचे हैं। वह 10 वर्ष तक हिमाचल पुलिस वालीबॉल टीम के कप्तान भी रहे चुके हैं। वर्ष 2006 में सुशील कुमार जिला चंबा में कार्यरत थे तो उस दौरान उन्होंने ब्लाइंड मर्डर केस को सुलझाकर महिला को सलाखों के पीछे पहुंचाया था। महिला ने पोते को बेरहमी से मार डाला था। चोरियों के मामलों को सुलझाने में भी सुशील कुमार को महारत हासिल है। सुशील कुमार के परिवार में एक बेटा और बेटी है बेटा भी भारतीय सेना में अपनी सेवाएं दे रहा है ।Body:राष्ट्रपति पुलिस पदक के लिए पुलिस प्रशिक्षण महाविद्यालय डरोह में मुख्य आंतरिक प्रशिक्षक पद कार्यरत पुलिस निरिक्षक सुशील कुमार का चयन होने पर उन्होने कहा कि आज तक पुलिस में जो सेवाए दी उसमे सबसे अच्छा पल महसूस हो रहा है । अगर कोई सची निष्ठा और ईमादारी से अपनी सेवाएं दे तो उसका फल अवश्य मिलता है । राष्ट्रपति पुलिस पदक उस पुलिस कर्मी को मिलता है जिसने अपने पुलिस सेवा के दौरान बेहतरीन और सराहनीय कार्य किया तथा इसमे अन्वेषण, खेल और पढ़ाने के क्षेत्र को देखा जाता है ।Conclusion:सुशील कुमार ने बताया कि जब वह 2006 में जिला चंबा में कार्यरत थे तो उस दौरान उन्होंने ब्लाइंड मर्डर केस को सुलझाकर महिला को सलाखों के पीछे पहुंचाया था तथा चोरियों के 80 प्रतिशत मामलों सुलझाया है । सुशील कुमार ने बताया कि उन्हे पुलिस विभाग की तरफ से अतिरिक्त अपराधो के बेहतर अन्वेषण करने के लिए प्रंशासा पत्र व पुलिस प्रशिक्षुओ को बेहतर प्रशिक्षण देने के लिए भी विभाग से प्रंशासा पत्र मिले है
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