कांगड़ा: उपमंडल पालमपुर के खैरा निवासी सुशील कुमार को बेहतरीन सेवाओं के लिए राष्ट्रपति पुलिस पदक प्रदान किया जाएगा. वर्तमान में सुशील कुमार पुलिस प्रशिक्षण महाविद्यालय डरोह में मुख्य आंतरिक प्रशिक्षक के पद पर अपनी सेवाएं दे रहे हैं.
1984 में बतौर सिपाही के पद पर करियर की शुरुआत करने वाले सुशील कुमार फिलहाल इंस्पेक्टर के पद पर तैनात हैं. वह 10 वर्ष तक हिमाचल पुलिस वालीबॉल टीम के कप्तान भी रहे चुके हैं. वर्ष 2006 में सुशील कुमार जिला चंबा में कार्यरत थे. उस दौरान उन्होंने ब्लाइंड मर्डर केस को सुलझाकर आरोप महिला को सलाखों के पीछे पहुंचाया था. महिला ने पोते को बेरहमी से मार डाला था. चोरियों के मामलों को सुलझाने में भी सुशील कुमार को महारत हासिल है. सुशील कुमार के परिवार में एक बेटा और बेटी है बेटा भी भारतीय सेना में अपनी सेवाएं दे रहा है .
राष्ट्रपति पुलिस पदक मिलने पर सुशील कुमार ने खुशी जाहिर की है. उन्होंने कहा कि अगर कोई सची निष्ठा और ईमादारी से अपनी सेवाएं दे तो उसका फल अवश्य मिलता है. राष्ट्रपति पुलिस पदक उस पुलिसकर्मी को मिलता है जिसने अपने पुलिस सेवा के दौरान बेहतरीन और सराहनीय कार्य किया है.
सुशील कुमार ने बताया कि जब वह 2006 में जिला चंबा में कार्यरत थे तो उस दौरान उन्होंने ब्लाइंड मर्डर केस को सुलझाकर महिला को सलाखों के पीछे पहुंचाया था. चोरियों के 80 प्रतिशत मामलों को सुलझाया है. उन्होंने बताया कि पुलिस विभाग की तरफ से उन्हें अतिरिक्त अपराधों के बेहतर अन्वेषण करने और पुलिस प्रशिक्षुओं को बेहतर प्रशिक्षण देने के लिए विभाग की ओर से प्रशंसा पत्र भी मिला है.