धर्मशाला: ग्लोबल सिटी मैक्लोडगंज में सालों से तहबाजारी व्यवस्था के तहत रेहड़ी फड़ लगाकर दिहाड़ी लगाने और रोजी रोटी चलाने वाले पौने 5 सौ के करीब रेहड़ी फड़ धारक लामबद्ध हो गये हैं. दरअसल, स्मार्ट सिटी योजना के तहत धर्मशाला के कई स्थानों पर इस तरह से काम करने वाले सैकड़ों कब्जाधारियों के कब्जों को उखाड़कर शहर को स्मार्ट बनाने का काम जोरों शोरों पर चल रहा है. इसी कड़ी में धर्मशाला का नगर निगम, स्मार्ट सिटी प्रशासन और जिला प्रशासन ऐसे कब्जाधारियों को मौके से उठाकर वहां नया कंस्ट्रक्शन करने को कह रहा है. कुछ दिन से मैक्लोडगंज में भी यही तस्वीर देखने को मिल रही है. (Street vendors of Dharamshala)
ऐसे में सालों से एक ही जगह पर रेहड़ी फड़ लगाकर प्रशासन को तहबाजारी देने वाले ये वेंडर्स अब बिना नोटिस और किसी स्थायी हल के मौके से उजड़ने को तैयार नहीं हो रहे. नतीजतन मामला प्रशासन और वेंडर्स एसोसिएशन के संघर्ष तक पहुंच चुका है. आज सीटू (CITU- Centre of Indian Trade Unions) के बैनर तले धर्मशाला पहुंची मैक्लोडगंज रेहड़ी फड़ी यूनियन ने ADC गन्धर्वा राठौर के समक्ष अपनी मांग रखते हुये उनकी समस्या का स्थायी हल निकालने की गुहार लगाई.
यूनियन के अध्यक्ष नोरसांग शेरपा और CITU के राज्य उपाध्यक्ष रविन्द्र कुमार ने कहा कि साल 2014 में रेहड़ी फड़ वालों के लिये बने कानून के तहत जब तक वेंडर्स का स्थायी हल नहीं किया जाता, तब तक उन्हें किसी भी सूरत में उजाड़ा नहीं जा सकता. मगर यहां एक नहीं चार चार प्रशासन काम कर रहे हैं. एक को मनाते हैं तो दूसरा आ जाता है, दूसरे को मनाते तो चौथा आ धमकता है. ऐसे में कई दिनों से रेहड़ी फड़ संचालक परेशानी के दौर से गुजरते हुए लाचार हो चुके हैं. आज प्रशासन की चौखट पर आए हैं. अगर यहां उन्हें स्थायी हल के साथ न्याय नहीं मिला तो आगे आंदोलन का रास्ता अख्तियार होगा.
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वहीं, ADC गन्धर्वा राठौर ने कहा कि जिला प्रशासन विभागों के प्रशासनिक अधिकारियों के साथ बैठक कर इस मसले का स्थायी हल ढूंढने पर जोर देगा, ताकि सांप भी मर जाए और लाठी भी न टूटे यानी वेंडर्स का भी काम हो जाए और स्मार्ट सिटी का कार्य भी न रुके.