पालमपुर: भारतीय जनता पार्टी के नेता एवं हिमाचल प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शान्ता कुमार ने कहा है कि समाचार पत्रों में कांगड़ा के कुछ बीजेपी नेताओं के बयान पढ़कर बहुत दुख हो रहा है. हिमाचल के इतिहास में आज तक कभी भी संगठन मंत्री और विधायकों के बीच इस प्रकार का विवाद सार्वजनिक नहीं हुआ.
शान्ता कुमार ने इन सभी नेताओं से बड़ी विनम्रता से कहा है कि आज सुबह का समाचार पत्र पड़ कर वह आहत ही नहीं हुए बल्कि उन्हें बहुत शर्म भी आई है. उन्होंने कहा कि वह आज पार्टी में कुछ नहीं हैं केवल एक कार्यकर्ता हैं. शान्ता कुमार ने एक कार्यकर्ता के रूप में उन सब नेताओं से हाथ जोड़ कर आग्रह किया है कि इसके बाद कोई भी सार्वजनिक रूप से कुछ न कहें. एक निष्ठावान और समर्पित कार्यकर्ता की यही पहचान होती है.
वहीं, दूसरी ओर प्रदेश बीजेपी महामंत्री और सुंदरनगर विधायक राकेश जम्वाल ने ध्वाला को चेतावनी देते हुए कहा कि अनुशासनहीनता किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं की जाएगी. विधायक रमेश ध्वाला की व्यक्तिगत समस्या हो सकती है, लेकिन गली-चौराहे और मीडिया में इस तरह से बयानबाजी करना शोभा नहीं देता है. जम्वाल ने साफ किया है कि रमेश ध्वाला अगर दोबारा इस तरह की गतिविधियों से बाज नहीं आते हैं तो पार्टी को मजबूर होकर उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई अमल में लानी पड़ेगी.
बता दें कि बीजेपी के वरिष्ठ नेता और ज्वालामुखी से विधायक रमेश ध्वाला ने बीजेपी के प्रांत संगठन मंत्री पवन राणा के खिलाफ बैठक के दौरान मुख्यमंत्री के समक्ष यह बात रखी थी कि संगठन मंत्री बिना विधायकों की सलाह लिए हर विधानसभा क्षेत्र में अपने लोगों को संगठन में शामिल कर रहे हैं, जिससे वहां के पुराने कार्यकर्ताओं और विधायकों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. ध्वाला के बयान पर कांगड़ा जिला के सभी विधायक नाराज हैं.