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सौरभ वन बिहार में फिर आएगी बहार...बाढ़ से उजड़ा था करगिल युद्ध के शहीद की याद में बना ये पर्यटन स्थल - न्युगल खड्ड

सौरभ वन बिहार पालमपुर में जल्द ही पर्यटक दोबारा घूमने का लुत्फ उठा सकेंगे. जानिए पूरी खबर...

Saurabh Forest Bihar news
सौरभ वन बिहार
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Published : Jan 9, 2020, 7:00 PM IST

पालमपुर: कारगिल युद्ध के पहले शहीद कै. सौरभ कालिया को समर्पित एवं न्युगल खड्ड के बीचों-बीच बने सौरभ वन बिहार पालमपुर में जल्द ही पर्यटक दोबारा घूमने का लुत्फ उठा सकेंगे. इसके लिए वन विभाग ने युद्ध स्तर पर तैयारियां शुरू कर दी हैं.

बता दें कि सौरभ वन विहार पालमपुर क्षेत्र का प्रमुख पर्यटक स्थल बनकर उभरा था, लेकिन 23 सितंबर 2018 और 17 अगस्त 2019 को न्युगल खड्ड में दो बार आई बाढ़ ने इसे काफी नुकसान पहुंचाया था. बाढ़ के कारण सौरभ वन बिहार में बनी झील सहित रॉक गार्डन, फिश इक्वेरियम सहित रास्तों को भारी नुकसान हुआ था. मुख्य गेट सहित वहां खड़ी एक कार व दो स्कूटी भी पानी की भेंट चढ़ गई थी. वहीं, वन बिहार में अब गाद भर चुकी है.

सौरभ वन बिहार में 2017-18 में 64 हजार 275 पर्यटक आए थे. वर्ष 2018 में सितंबर तक ही 52 हजार 108 पर्यटकों ने वन बिहार का रुख किया था. सौरभ वन बिहार सोसायटी के अध्यक्ष संजय सेन ने बताया कि बाढ़ के खतरे से बचाने के लिए रिटेंनिंग वॉल लगवाई जाएगी. इसके लिए सरकार ने 3 करोड़ रुपये का प्रावधान किया है. इस बजट से सौरभ वन बिहार में न्युगल खड्ड की तरफ दीवार लगाई जाएगी. इसका जिम्मा सिंचाई एवं जन स्वास्थ्य विभाग पालमपुर को दिया गया है.

वीडियो.

यहां पड़ी गाद को हटाने के लिए खनन विभाग ने निजी ठेकेदारों की मदद से गाद हटाने का काम शुरू कर दिया है. इसके लिए साढ़े 33 लाख रुपये का बजट स्वीकृत हुआ है. यह धन भी वन बिहार के सौंदर्यीकरण पर खर्च होगा.

बता दें कि साल 1999 में शहीद कै. सौरभ कालिया की याद में सौरभ वन विहार का निर्माण करवाया गया था. तत्कालीन सांसद शांता कुमार ने 8 अप्रैल 2001 को न्युगल खड्ड के मुहाने पर 35 एकड़ भूमि में प्रथम चरण का शुभारंभ किया था. इसके बाद 5 मई 2002 को पांच करोड़ रुपये की लागत से बने नौका बिहार सहित अन्य सुविधाओं का केंद्रीय मंत्री उमा भारती ने लोकार्पण किया था. इसके बाद कई चरणों में सौरभ वन बिहार का निर्माण हुआ था, लेकिन दो बार आई बाढ़ ने यहां भारी तबाही मचाई थी.

ये भी पढ़ें: CM ने अधिकारियों को दिए आवश्यक सेवाएं बहाल करने के निर्देश, लोगों से सावधानी बरतने की अपील

पालमपुर: कारगिल युद्ध के पहले शहीद कै. सौरभ कालिया को समर्पित एवं न्युगल खड्ड के बीचों-बीच बने सौरभ वन बिहार पालमपुर में जल्द ही पर्यटक दोबारा घूमने का लुत्फ उठा सकेंगे. इसके लिए वन विभाग ने युद्ध स्तर पर तैयारियां शुरू कर दी हैं.

बता दें कि सौरभ वन विहार पालमपुर क्षेत्र का प्रमुख पर्यटक स्थल बनकर उभरा था, लेकिन 23 सितंबर 2018 और 17 अगस्त 2019 को न्युगल खड्ड में दो बार आई बाढ़ ने इसे काफी नुकसान पहुंचाया था. बाढ़ के कारण सौरभ वन बिहार में बनी झील सहित रॉक गार्डन, फिश इक्वेरियम सहित रास्तों को भारी नुकसान हुआ था. मुख्य गेट सहित वहां खड़ी एक कार व दो स्कूटी भी पानी की भेंट चढ़ गई थी. वहीं, वन बिहार में अब गाद भर चुकी है.

सौरभ वन बिहार में 2017-18 में 64 हजार 275 पर्यटक आए थे. वर्ष 2018 में सितंबर तक ही 52 हजार 108 पर्यटकों ने वन बिहार का रुख किया था. सौरभ वन बिहार सोसायटी के अध्यक्ष संजय सेन ने बताया कि बाढ़ के खतरे से बचाने के लिए रिटेंनिंग वॉल लगवाई जाएगी. इसके लिए सरकार ने 3 करोड़ रुपये का प्रावधान किया है. इस बजट से सौरभ वन बिहार में न्युगल खड्ड की तरफ दीवार लगाई जाएगी. इसका जिम्मा सिंचाई एवं जन स्वास्थ्य विभाग पालमपुर को दिया गया है.

वीडियो.

यहां पड़ी गाद को हटाने के लिए खनन विभाग ने निजी ठेकेदारों की मदद से गाद हटाने का काम शुरू कर दिया है. इसके लिए साढ़े 33 लाख रुपये का बजट स्वीकृत हुआ है. यह धन भी वन बिहार के सौंदर्यीकरण पर खर्च होगा.

बता दें कि साल 1999 में शहीद कै. सौरभ कालिया की याद में सौरभ वन विहार का निर्माण करवाया गया था. तत्कालीन सांसद शांता कुमार ने 8 अप्रैल 2001 को न्युगल खड्ड के मुहाने पर 35 एकड़ भूमि में प्रथम चरण का शुभारंभ किया था. इसके बाद 5 मई 2002 को पांच करोड़ रुपये की लागत से बने नौका बिहार सहित अन्य सुविधाओं का केंद्रीय मंत्री उमा भारती ने लोकार्पण किया था. इसके बाद कई चरणों में सौरभ वन बिहार का निर्माण हुआ था, लेकिन दो बार आई बाढ़ ने यहां भारी तबाही मचाई थी.

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Intro:पालमपुर --कारगिल युद्ध के प्रथम शहीद कै. सौरभ कालिया को समर्पित एवं न्युगल खड्ड के बीचोंबीच बने सौरभ वन बिहार पालमपुर में शीघ्र ही पर्यटकों को दोबारा नौका बिहार का लुत्फ उठाने का मौका मिलेगा। इसके लिए वन विभाग ने युद्ध स्तर पर तैयारियां शुरू कीं हैं। 23 सितंबर 2018 और 17 अगस्त 2019 को न्युगल खड्ड में दो बार आई बाढ़ ने सौरभ वन बिहार को काफी नुकसान पहुंचाया है। इसमें बनी झील सहित रॉक गार्डन, फिश इक्वेरियम सहित रास्तों को भारी नुकसान हुआ वहीं वन बिहार में गाद भर चुकी है। दूसरी बार हुई तबाही के बाद हालांकि वन मंत्री ने इसकी पुर्नस्थापना को लेकर प्रश्नचिंह लगाया था। लेकिन अपने ड्रीम प्रोजेक्ट को लेकर वरिष्ठ भाजपा नेता की सक्रियता ने प्रदेश सरकार व केंद्र सरकार तक सौरभ वन बिहार की पैरवी करते हुए इसके पुर्ननिर्माण को लेकर हामी भरवा ली। सौरभ वन विहार पालमपुर क्षेत्र का प्रमुख पर्यटक स्थल बनकर उभरा था। यहां वित्तीय वर्ष 2017-18 में 64275 पर्यटक आए थे। वर्ष 2018 में सितंबर तक ही 52108 पर्यटकों ने वन विहार का रुख किया था। अब वन विहार के तबाह होने के बाद युवा इसके आसपास बैठे देखे जा सकते हैं।Body:इसके बारे में जानकारी देते हुए सौरभ वन बिहार सोसायटी के अध्यक्ष संजय सेन ने बताया कि न्युगल खड्ड की बाढ़ से सौरभ वन बिहार के खतरे को लेकर रिटेंनिंग वॉल लगवाने के लिए सरकार ने 3 करोड़ रुपये का प्रावधान किया है इस धन से सौरभ वन बिहार में न्युगल खड्ड की तरफ दीवार लगाई जाएगी। इसका जिम्मा सिंचाई एवं जन स्वास्थ्य विभाग पालमपुर को दिया गया है। वहीं वन बिहार में पड़ी गाद को हटाने के लिए खनन विभाग से मिलकर निजी ठेकेदारों के माध्यम से गाद हटाने का कार्य आरंभ किया है। इसमें वन बिहार सोसाइटी को साढे 33 लाख रुपये प्राप्त हुए हैं। यह धन भी वन बिहार के सुंदरीकरण पर खर्च होगा। वहीं प्रदेश सरकार की ओर से सोसाइटी को न्युगल खड्ड के किनारे अस्थायी रोक लगाने के लिए अतिरिक्त ढाई लाख रुपये मंजूर किए हैं। इस धन से सौरभ वन बिहार में पानी के बहाव को जेसीबी और पोकलेन के माध्यम से मलबा डालकर रोका जाएगा। सूत्र बताते हैं कि विभाग को सबसे पहला कार्य नौका बिहार को पुनः शुरू करना है। इसके लिए मात्र 2 महीनों में कार्य पूर्ण कर लिया जाएगा।
वाईट- संजय सेन- अध्यक्ष सौरभ वन बिहार सोसायटीConclusion:गौर हो कि सौरभ वन बिहार में दो बार आई बाढ़ से लगभग 3 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है। इसमें लाखों रुपये से बना फिश एक्वेरियम भी बर्बाद हो गया था। वन बिहार में स्थापित रॉक गार्डन को भी भारी नुकसान हुआ था। मुख्य गेट सहित वहां खड़ी एक कार व दो स्कूटी भी पानी की भेंट चढ़ी थीं। स्मरण हो कि वर्ष 1999 में कारगिल युद्ध के समय पाकिस्तान आर्मी की यातनाएं सहने के बाद शहीद हुए कै. सौरभ कालिया का शव पालमपुर पहुंचने पर प्रदेश सरकार ने पार्थिव देह को पूरा सम्मान देकर उनकी स्मृति को हमेशा के लिए ताजा करने की घोषणा की थी। इसके तहत तत्कालीन सांसद शांता कुमार ने 8 अप्रैल 2001 को न्युगल खड्ड के मुहाने पर 35 एकड़ भूमि में प्रथम चरण का शुभारंभ किया। इसके बाद 5 मई 2002 को पांच करोड़ रुपये की लागत से बने नौका बिहार सहित अन्य सुविधाओं का केंद्रीय मंत्री उमा भारती ने लोकार्पण किया। इसके बाद कई चरणों में हुए निर्माण में वन बिहार का काफी विस्तार हुआ। मगर बदकिस्मत से दो बार लगातार आई बाढ़ ने सारी उम्मीदों पर पानी फेर दिया। अब यदि विभाग गर्मियों तक नौका बिहार चालू कर देता है तो इसमें विभाग को फिर राजस्व आना आरंभ हो जाएगा।
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