ETV Bharat / state

खैर और दियार के गल-सड़ रहे पेड़ों को काटने की मंजूरी मिले तो मिलेगा करोड़ों का राजस्व: धवाला

author img

By

Published : May 10, 2020, 5:19 PM IST

धवाला ने कहा कि उन्हें जानकारी मिली है कि भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष डॉक्टर राजीव बिंदल ने भी सरकार के राजस्व को बढ़ाने के लिए खैर के पेड़ों के कटान माइनिंग के लिए उचित नीति निर्धारण तथा शराब बिक्री पर एक्साइज पॉलिसी के सबन्ध में भी सरकार को सुझाव भेजे हैं. वे भाजपा के प्रदेश अध्य्क्ष के सभी सुझावों का समर्थन करते हैं, और सरकार से आग्रह करते हैं कि दिए गए सुझावों पर प्राथमिकता से कार्य किया जाए.

Ramesh Dhawala news, रमेश धवाला न्यूज
रमेश धवाला, राज्य योजना आयोग के उपाध्यक्ष

ज्वालामुखी: कोरोना महासंकट के कारण प्रदेश के हुए आर्थिक नुकसान की भरपाई के लिए अब राज्य सरकार को नीति निर्धारित करके जरूरी कदम उठाने की तरफ ध्यान देना होगा. यह बात राज्य योजना आयोग के उपाध्यक्ष रमेश धवाला ने ज्वालामुखी में पत्रकारों के साथ कही.

धवाला ने कहा कि यह निश्चित हो चुका है कि कोरोना के कारण पूरा विश्व आर्थिक मंदी का सामना करेगा. ऐसे में हिमाचल जैसे छोटे प्रदेश को इस संकट से मुकाबला करने के लिए प्रभावी पहल करनी पड़ेगी जिससे ना तो प्रदेश का विकास रुके और ना ही यहां के लोगों के जीवन पर कोई विपरीत असर पड़े. उन्होंने कहा कि वो दावे से कह सकते हैं कि यदि प्रदेश के जंगलों में वर्षों से गल-सड़ रहे और चोरी हो रहे खैर और दियार के पेड़ों को सरकार काटने की मंजूरी दे तो अकेले कांगड़ा के खैर ही हिमाचल के 50 हजार करोड़ के कर्जे की भरपाई कर देंगे.

वीडियो.

अतः खैर और दियार हिमाचल की आर्थिकी को स्वाबलम्बी बनाने के लिए तुरूप का पत्ता साबित होंगे. धवाला ने कहा कि प्रदेश में भाजपा सरकार बनने के बाद उन्होंने इस महत्वपूर्ण विषय को कई बार विधानसभा में जोर शोर से उठाया है ताकि सरकार प्रभावी योजना बनाकर इस पर काम करे. धवाला ने कहा कि इन पेड़ों पर कटान की रोक के कारण हजारों करोड़ की यह वन सम्पदा या तो सड़ रही है या फिर लकड़ी माफिया के हाथों चोरी होकर तबाह की जा रही है.

धवाला ने कहा कि कोरोना के महासंकट के कारण प्रदेश सरकार के सामने भी भविष्य में बड़ी चुनैतियां आयेंगी इससे मना नहीं किया जा सकता. विकास को रफ्तार देने के साथ साथ बेरोजगारी को काबू में रखकर आगे बढ़ना अब कोई आसान काम नहीं होगा, इसलिए सरकार समय रहते अपनी आर्थिक क्षमता को बढ़ाने हेतु तेजी से काम करे.

धवाला ने कहा कि कोरोना के कारण आने वाला समय हर सेक्टर के लिए बड़ी चुनैती लाएगा. हजारों लाखों कामगार अपने अपने कार्य क्षेत्रों को छोड़कर घरों को चले गए हैं. उद्योगों के सामने कामगारों की चुनौती औद्योगिक विकास पर विपरीत असर डालेगी और इससे भी सरकारी राजस्व पर ही उल्टा असर पड़ेगा. समय आ गया है कि सरकार को फिजूल खर्ची पर पूर्ण विराम लगाकर मात्र आय के नए संसाधन खोजने पर अपना ध्यान लगाना पड़ेगा.

राजस्व बढ़ाने को प्रदेश अध्यक्ष के सुझावों को धवाला का समर्थन

धवाला ने कहा कि उन्हें जानकारी मिली है कि भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष डॉक्टर राजीव बिंदल ने भी सरकार के राजस्व को बढ़ाने के लिए खैर के पेड़ों के कटान माइनिंग के लिए उचित नीति निर्धारण तथा शराब बिक्री पर एक्साइज पॉलिसी के सबन्ध में भी सरकार को सुझाव भेजे हैं. वे भाजपा के प्रदेश अध्य्क्ष के सभी सुझावों का समर्थन करते हैं, और सरकार से आग्रह करते हैं कि दिए गए सुझावों पर प्राथमिकता से कार्य किया जाए.

ये भी पढ़ें- प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता दीपक शर्मा ने CM को दी नसीहत, वरिष्ठ नेताओं का लें सहयोग

ज्वालामुखी: कोरोना महासंकट के कारण प्रदेश के हुए आर्थिक नुकसान की भरपाई के लिए अब राज्य सरकार को नीति निर्धारित करके जरूरी कदम उठाने की तरफ ध्यान देना होगा. यह बात राज्य योजना आयोग के उपाध्यक्ष रमेश धवाला ने ज्वालामुखी में पत्रकारों के साथ कही.

धवाला ने कहा कि यह निश्चित हो चुका है कि कोरोना के कारण पूरा विश्व आर्थिक मंदी का सामना करेगा. ऐसे में हिमाचल जैसे छोटे प्रदेश को इस संकट से मुकाबला करने के लिए प्रभावी पहल करनी पड़ेगी जिससे ना तो प्रदेश का विकास रुके और ना ही यहां के लोगों के जीवन पर कोई विपरीत असर पड़े. उन्होंने कहा कि वो दावे से कह सकते हैं कि यदि प्रदेश के जंगलों में वर्षों से गल-सड़ रहे और चोरी हो रहे खैर और दियार के पेड़ों को सरकार काटने की मंजूरी दे तो अकेले कांगड़ा के खैर ही हिमाचल के 50 हजार करोड़ के कर्जे की भरपाई कर देंगे.

वीडियो.

अतः खैर और दियार हिमाचल की आर्थिकी को स्वाबलम्बी बनाने के लिए तुरूप का पत्ता साबित होंगे. धवाला ने कहा कि प्रदेश में भाजपा सरकार बनने के बाद उन्होंने इस महत्वपूर्ण विषय को कई बार विधानसभा में जोर शोर से उठाया है ताकि सरकार प्रभावी योजना बनाकर इस पर काम करे. धवाला ने कहा कि इन पेड़ों पर कटान की रोक के कारण हजारों करोड़ की यह वन सम्पदा या तो सड़ रही है या फिर लकड़ी माफिया के हाथों चोरी होकर तबाह की जा रही है.

धवाला ने कहा कि कोरोना के महासंकट के कारण प्रदेश सरकार के सामने भी भविष्य में बड़ी चुनैतियां आयेंगी इससे मना नहीं किया जा सकता. विकास को रफ्तार देने के साथ साथ बेरोजगारी को काबू में रखकर आगे बढ़ना अब कोई आसान काम नहीं होगा, इसलिए सरकार समय रहते अपनी आर्थिक क्षमता को बढ़ाने हेतु तेजी से काम करे.

धवाला ने कहा कि कोरोना के कारण आने वाला समय हर सेक्टर के लिए बड़ी चुनैती लाएगा. हजारों लाखों कामगार अपने अपने कार्य क्षेत्रों को छोड़कर घरों को चले गए हैं. उद्योगों के सामने कामगारों की चुनौती औद्योगिक विकास पर विपरीत असर डालेगी और इससे भी सरकारी राजस्व पर ही उल्टा असर पड़ेगा. समय आ गया है कि सरकार को फिजूल खर्ची पर पूर्ण विराम लगाकर मात्र आय के नए संसाधन खोजने पर अपना ध्यान लगाना पड़ेगा.

राजस्व बढ़ाने को प्रदेश अध्यक्ष के सुझावों को धवाला का समर्थन

धवाला ने कहा कि उन्हें जानकारी मिली है कि भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष डॉक्टर राजीव बिंदल ने भी सरकार के राजस्व को बढ़ाने के लिए खैर के पेड़ों के कटान माइनिंग के लिए उचित नीति निर्धारण तथा शराब बिक्री पर एक्साइज पॉलिसी के सबन्ध में भी सरकार को सुझाव भेजे हैं. वे भाजपा के प्रदेश अध्य्क्ष के सभी सुझावों का समर्थन करते हैं, और सरकार से आग्रह करते हैं कि दिए गए सुझावों पर प्राथमिकता से कार्य किया जाए.

ये भी पढ़ें- प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता दीपक शर्मा ने CM को दी नसीहत, वरिष्ठ नेताओं का लें सहयोग

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.