धर्मशाला: कोरोना महामारी के चलते लगाए गए लॉकडाउन से देश में कारोबार ठप्प पड़ा है. ऐसे में करोड़ों लोगों का रोजगार छिन गया है. लॉकडाउन का चौथा चरण आते-आते कई राज्यों की सरकारों ने विकास कार्यों में ढील देना शुरू कर दिया है. हिमाचल सरकार ने भी कुछ विकास कार्यों में ढील दे दी है, जिससे हजारों लोगों को दोबारा रोजगार मिला है. प्रदेश सरकार ने 20 अप्रैल को मनरेगा के काम शुरू करने को छूट दी, जिसके बाद प्रदेश के विभिन्न जिलों में मनरेगा के कार्य शुरू किये गए.
जिला कांगड़ा में मनरेगा के कार्य शुरू होने से मजदूर तबके ने राहत की सांस ली है. मनरेगा शुरू होने से सैकड़ों परिवारों की रोजी रोटी की समस्या कुछ हद तक हल हो गई है. जिला के सभी उपमंडलों में काम शुरू हो चुके हैं, जिससे गरीब तबके के लोगों को राहत मिली है. मनरेगा कार्यों के दौरान सरकारी निर्देशों का पूरा ध्यान रखा जा रहा है. कार्यस्थल पर मास्क पहनकर आने के निर्देश दिये गए हैं. वहीं, सोशल डिस्टेंसिंग को भी ध्यान में रखने के आदेश दिये गए हैं.
एडीसी कांगड़ा राघव शर्मा ने बताया कि कोरोना के चलते मार्च महीने से काफी काम रुक गए थे. उन्होंने बताया कि 20 अप्रैल को छूट मिलने के बाद मनरेगा के सभी उपमंडलों में काम शुरू हो चुके हैं. अभी तक जिला के उपमंडलों में 3421 काम शुरू किये जा चुके हैं.
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कांगड़ा जिला में मनरेगा मजदूरों को दो करोड़ 26 लाख का भुगतान किया जा चुका है. एडीसी ने बताया कि जिला में 18 लाख मिस्त्रियों को भुगतान किया गया है. इसके अलावा नौ हजार 659 परिवार मनरेगा के कार्य में जुड़ चुके हैं. उन्होंने बताया कि मनरेगा के कार्य शुरू कर ये सुनिश्चित किया जा रहा है कि गरीब परिवारों को मनरेगा का लाभ मिल सके.