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इसलिए आपके ATM से कोई और उड़ा ले जाता है रकम, बैंक ठगी मामलों पर लगाम कसने के लिए बैठक

बैंक संबधी मामलों में बढ़ती ठगी पर लगाम कसने को लेकर कांगड़ा पुलिस प्रशासन ने शुक्रवार को बैठक की. बैठक की अध्यक्षता करते हुए डीआईजी संतोष पटियाल ने बैंक अधिकारियों से ऐसे मामलों पर रोक लगाने के लिए सुझाव मांगे. डीआईजी ने लोगों को किसी से भी बैंक संबंधी जानकारी सांझा न करने की अपील की.

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Published : Jun 14, 2019, 8:13 PM IST

बैठक की अध्यक्षता करते डीआईजी संतोष पटियाल.

धर्मशाला: बैंक संबंधित ठगी के मामलों पर जिला पुलिस प्रशासन ने एसएसपी कार्यालय में विभिन्न बैंकों के अधिकारियों की बैठक की गई. बैठक में अधिकारियों से चर्चा के दौरान बैंक से जुड़े ठगी के मामलों पर लगाम लगाने को लेकर चर्चा की गई.

इस बैठक में सामने आया कि अधिकतर लोग अपने बैंक खाते व एटीएम संबंधी जानकारियां अज्ञात फोन करने वालों से सांझा कर देते हैं, जिसकी वजह से वो ठगी का शिकार होते हैं. बैठक में चर्चा के दौरान डीआईजी संतोष पटियाल ने कहा कि पुलिस द्वारा ऐसे मामलों की गंभीरता से जांच की जा रही है और लोगों को किसी से भी बैंक संबंधी जानकारी सांझा न करने बारे जागरूक किया जा रहा है.

वीडियो.

डीआईजी संतोष पटियाल ने बताया कि एटीएम व बैंक खातों से ठगी के मामले बढ़ रहे हैं, जिसके चलते बैंक अधिकारियों से बैठक की गई. उन्होंने लोगों से अपील की है कि अपने बैंक अकाउंट व एटीएम बारे जानकारी किसी से सांझा न करें. बैंक कभी भी ग्राहक से कोई डिटेल नहीं मांगता है. एटीएम यूज करते समय कार्ड डालने वाली जगह पर भी ध्यान दें, कि वहां कोई डिवाइस तो नहीं लगा है.

ये भी पढ़ें: एमएसएमई क्षेत्र में कॉरपोरेट पर प्रतिबंध नहीं, हमारी सरकार निवेश के अनुकूल है: गडकरी

संतोष पटियाल ने कहा कि कई बार एटीएम के कीपैड पर लोग ट्रांसपेरेंट शीट लगाकर पिन नंबर ट्रेस कर लेते हैं. बैंक अधिकारियों को एटीएम में छेड़छाड़ करने पर ऑटोमेटिक सायरन व बायोमीट्रिक मशीन लगाने का सुझाव दिया गया है. हालांकि, यह पॉलिसी डिसीजन है. उन्होंने कहा कि ये पॉलिसी डिसीजन और बायोमीट्रिक मशीन लगने पर अंगूठा लगने के बाद ही एटीएम से पैसे निकाले जा सकेंगे.

धर्मशाला: बैंक संबंधित ठगी के मामलों पर जिला पुलिस प्रशासन ने एसएसपी कार्यालय में विभिन्न बैंकों के अधिकारियों की बैठक की गई. बैठक में अधिकारियों से चर्चा के दौरान बैंक से जुड़े ठगी के मामलों पर लगाम लगाने को लेकर चर्चा की गई.

इस बैठक में सामने आया कि अधिकतर लोग अपने बैंक खाते व एटीएम संबंधी जानकारियां अज्ञात फोन करने वालों से सांझा कर देते हैं, जिसकी वजह से वो ठगी का शिकार होते हैं. बैठक में चर्चा के दौरान डीआईजी संतोष पटियाल ने कहा कि पुलिस द्वारा ऐसे मामलों की गंभीरता से जांच की जा रही है और लोगों को किसी से भी बैंक संबंधी जानकारी सांझा न करने बारे जागरूक किया जा रहा है.

वीडियो.

डीआईजी संतोष पटियाल ने बताया कि एटीएम व बैंक खातों से ठगी के मामले बढ़ रहे हैं, जिसके चलते बैंक अधिकारियों से बैठक की गई. उन्होंने लोगों से अपील की है कि अपने बैंक अकाउंट व एटीएम बारे जानकारी किसी से सांझा न करें. बैंक कभी भी ग्राहक से कोई डिटेल नहीं मांगता है. एटीएम यूज करते समय कार्ड डालने वाली जगह पर भी ध्यान दें, कि वहां कोई डिवाइस तो नहीं लगा है.

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संतोष पटियाल ने कहा कि कई बार एटीएम के कीपैड पर लोग ट्रांसपेरेंट शीट लगाकर पिन नंबर ट्रेस कर लेते हैं. बैंक अधिकारियों को एटीएम में छेड़छाड़ करने पर ऑटोमेटिक सायरन व बायोमीट्रिक मशीन लगाने का सुझाव दिया गया है. हालांकि, यह पॉलिसी डिसीजन है. उन्होंने कहा कि ये पॉलिसी डिसीजन और बायोमीट्रिक मशीन लगने पर अंगूठा लगने के बाद ही एटीएम से पैसे निकाले जा सकेंगे.

Intro:धर्मशाला- जिला कांगड़ा में बैंक से जुड़े ठगी के मामलों पर लगाम कसने के लिए एटीएम से छेड़छाड़ होने पर ऑटोमेटिक सायरन व एटीएम को बायोमीट्रिक से जोडऩे की दिशा में कदम उठाए जा सकते हैं। बैंक संबंधित ठगी के मामलों पर जिला पुलिस प्रशासन गंभीर है, इसी कड़ी में जिला पुलिस प्रशासन द्वारा विभिन्न बैंकों के अधिकारियों की बैठक एसएसपी कार्यालय में आयोजित की गई। बैंक अधिकारियों से चर्चा के दौरान जहां बैंक से जुड़े ठगी के मामलों पर चर्चा की गई, वहीं ऐसे मामलों पर कैसे लगाम लगाई जाए, इस पर विचार भी सांझा किए गए।


Body:बैठक में सामने आया कि अधिकतर लोग अपने बैंक खाते व एटीएम संबंधी जानकारियां अज्ञात फोन करने वालों से सांझा कर देते हैं, जिसकी वजह से वे ठगी का शिकार होते हैं। बैठक में चर्चा के दौरान डीआईजी संतोष पटियाल ने कहा कि पुलिस द्वारा ऐसे मामलों की गंभीरता से जांच की जा रही है, वहीं आम जनता को भी किसी से भी बैंक संबंधी जानकारी सांझा न करने बारे जागरूक किया जा रहा है।  


Conclusion:डीआईजी संतोष पटियाल ने बताया कि बैंक से संबंधित एटीएम व बैंक खातों से ठगी के मामलों में इजाफा हुआ है, जिसके चलते बैंक अधिकारियों से बैठक की गई है। कोई भी व्यक्ति अपने बैंक अकाउंट व एटीएम बारे जानकारी किसी से सांझा न करें। बैंक कभी भी ग्राहक से कोई डिटेल नहीं मांगता है। एटीएम यूज करते समय कार्ड डालने वाली जगह पर भी ध्यान दें कि वहां कोई डिवाइस तो नहीं लगा है। कई बार एटीएम के कीपैड पर लोग ट्रांसपरेंट शीट लगाकर पिन नंबर टे्रस कर लेते हैं। बैंक अधिकारियों को एटीएम में छेड़छाड़ करने पर ऑटोमेटिक सायरन व बायोमीट्रिक मशीन लगाने का सुझाव दिया गया है। हालांकि यह पॉलिसी डिसीजन है, लेकिन यदि हम ऐसा कर पाते हैं तो आपका अंगूठा लगने के बाद ही एटीएम से पैसे निकाले जा सकेंगे।
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