धर्मशाला: हिमाचल प्रदेश के प्रसिद्ध शक्तिपीठ श्री चामुंडा नंदीकेश्वर धाम मंदिर में 21 दिनों में 19 लाख 20 हजार रुपए का चढ़ावा भक्तों द्वारा मंदिर में चढ़ाया गया. कोरोना काल के बाद अब मंदिर के चढ़ावे में आई कमी में धीरे-धीरे वृद्धि दर्ज की जा रही है. मंदिर अधिकारी एवं एसडीएम धर्मशाला शिल्पी बेकटा ने कहा की 28 दिसंबर के बाद 21 जनवरी को मंदिर के दानपात्रों को खोला गया है और कमेटी द्वारा दान किए गए धन की गिनती की गई.
जिसमें मंदिर प्रशासन को 19 लाख 20 हजार का दान प्राप्त हुआ है. उन्होंने कहा कि कोरोना काल के बाद मंदिर के दान में लगातार बढ़ोतरी दर्ज की जा रही है. एसडीएम धर्मशाला शिल्पी बेकटा ने कहा कि चामुंडा मंदिर में लगातार प्रशासन द्वारा सुविधाओं को बढ़ाने का कार्य किया जा रहा है. एसडीएम ने कहा कि श्रद्धालुओं के लिए चामुंडा मंदिर में ऑनलाइन दान करने की व्यवस्था भी शुरू की गई है. जिसके तहत श्रद्धालु अब क्यूआर कोड के माध्यम से भी मंदिर में दान कर सकते हैं.
उन्होंने कहा कि श्रद्धालुओं के लिए प्रशासन द्वारा शुरू की गई ऑनलाइन दान की व्यवस्था के भी सकारात्मक परिणाम देखने को मिल रहे हैं. उन्होंने कहा कि मंदिर प्रशासन को ऑनलाइन माध्यम से करीब 2 लाख 50 हजार रुपए का दान प्राप्त हुआ है. उन्होंने कहा कि पहले क्यूआर कोड को मंदिर की दीवारों के बाहर लगाया गया था, लेकिन अब प्रशासन द्वारा मंदिर के अंदर भी क्यूआर कोड लगाए गए हैं और अब जो भी श्रद्धालु ऑफलाइन दान नहीं देना चाहते हैं, वह ऑनलाइन माध्यम से भी दान दे सकते हैं.
मां की आरतियों का विशेष महत्व- मां चामुंडा की आरतियों का अपना ही विशेष महत्व है. गर्मियों के दौरान मां चामुंडा की आरती सुबह आठ बजे और रात को आठ बजे की जाती है. इसी तरह सर्दियों में मां की आरती सुबह साढ़े आठ बजे और रात को साढ़े छह बजे की जारी है. शैय्या आरती गर्मियों में रात को 10 बजे और सर्दियों में नौ बजे की जाती है. वहीं, मां के श्रृंगार का भी महत्व है. गर्मियों में मां का स्नान व श्रृंगार सुबह पांच बजे और शाम को पांच बजे किया जाता है. सर्दियों में मां का श्रृंगार सुबह साढ़े छह बजे और साढ़े चार बजे किया जाता है.
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