देहरा/कांगड़ा: सदाबहार अभिनेता रहे ऋषि कपूर गुरुवार तीस अप्रैल को भले ही अचानक इस दुनिया को हमेशा के लिए अलविदा कह चले गए, लेकिन उनसे जुड़ी कुछ यादें आज भी जिला कांगडा के छोटे से कस्बे धरोहर गांव गरली में लोगों को भावुक कर रही हैं.
वर्ष 2008 को धरोहर गांव गरली, चंबापतन व परागपुर में लगातार 35 दिनों तक शूट हुई बॉलीवुड हिंदी फिल्म "चिंटू जी" की शूटिंग के लिए फिल्म अभिनेता ऋषि कपूर ने गांववासियों के बीच समय बिताया था. बता दें कि "चिंटू जी " फिल्म में बॉलीवुड एक्टर ऋषि कपूर के साथ धरोहर गांव गरली व आस-पास के कई लोगों ने उनके साथ उक्त फिल्म में भूमिकाएं भी निभाई थी, जो स्थानीय लोगों के लिए एक यादगार बन गई थी.
बता दें कि वर्ष 2009 सितंबर में 'चिंटू जी' फिल्म रिलीज हुई थी. वर्ष 2010 में उक्त फिल्म को बेस्ट फिल्म का खिताब मिला था. वहीं, गुरुवार को ऋषि कपूर के निधन की सूचना धरोहर गांव गरली और परागपुर के लोगों को मिलने पर यहां मातम का महौल छा गया.
फिल्म 'चिंटू जी' की शूटिंग के लिए गरली में ऋषि कपूर ने काफी दिन बिताए थे. वो एक बहुत ही नेक दरियादिल इंसान थे. कड़क जुबान से हंसी मजाक करना उनकी फितरत थी. रोज सुबह 5 बजे उठ कर धरोहर गांव गरली और परागपुर की गलियों में सैर सपाटा किया करते थे.
वहीं, स्थानीय डॉक्टर गौरव ने बताया कि "चिंटू जी" की शूटिंग के दौरान एक सुबह सैर करते मेरे क्लिनिक में आकर अपना बीपी चेक करवाया और मुझे पांच सौ का नोट देकर चले गए. वो एक बहुत दिलदार एक्टर थे. कुछ खट्टी-मीठी यादों के साथ ऋषि कपूर ने इस 30 अप्रैल को सुबह 8 बजकर 45 मिनट पर आखिरी सांस ली और अपने प्रशंसकों को अकेला छोड़ चले गए.
गरली के लाला अतुल सूद, स्नेह परमार, रक्षपाल शर्मा, रूपिंदर डैनी, युवा भाजयुमो अध्यक्ष मुकेश सोनी, प्रधान मदन गोपाल, जयलाल सूद, गोकुल बुटेल, अमित सूद, परबिदर राणा और प्रदीप सूद ने उनके प्रति गहरा शोक व्यक्त किया.
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