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शीत सत्र: पहले दिन कांग्रेस का वॉकआउट, इन्वेस्टर्स मीट को बताया सबसे बड़ा घोटाला

हिमाचल विधानसभा शीतकालीन सत्र के पहले ही दिन कांग्रेस ने सदन से वॉकआउट किया. सदन शुरू होते ही विपक्ष ने इन्वेस्टर मीट और धारा-118 पर चर्चा की मांग की. इसे लेकर विधानसभा अध्यक्ष ने व्यवस्था देने की बात कही, लेकिन कांग्रेसी विधायक चर्चा करने की मांग पर अड़े रहे. इसे लेकर कांग्रेस विधायकों ने सदन से वॉकआउट कर दिया.

congress MLAs walkout from Assembly session proceedings
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Published : Dec 9, 2019, 5:46 PM IST

धर्मशाला: हिमाचल विधानसभा शीतकालीन सत्र के पहले ही दिन कांग्रेस ने सदन से वॉकआउट कर दिया. सदन शुरू होते ही विपक्ष ने इन्वेस्टर्स मीट और धारा-118 पर चर्चा की मांग की. इसे लेकर विधानसभा अध्यक्ष ने व्यवस्था देने की बात कही, लेकिन कांग्रेसी विधायक चर्चा करने की मांग पर अड़े रहे.

सदन में नेता प्रतिपक्ष ने इन्वेस्टर मीट को हिमाचल के इतिहास का सबसे बड़ा घोटाला करार दिया. इस दौरान सदन में कांग्रेस विधायकों ने 'अली बाबा और 40 चोर' के नारे लगाकर सदन से वॉकआउट कर दिया.

वीडियो रिपोर्ट.

सदन से बाहर आने पर नेता प्रतिपक्ष ने आरोप लगाया कि इन्वेस्टर मीट के नाम पर प्रदेश की जनता से धोखा किया गया है. उन्होंने कहा कि इससे पहले नेशनल हाइवे के नाम पर प्रदेश की जनता को ठगा गया और अब इन्वेस्टर मीट के नाम पर इतिहास का सबसे बड़ा घोटाला किया है.

उन्होंने इन्वेस्टर मीट को भाजपा का मेला करार देते हुए कहा कि इस इन्वेस्टर में असली निवेशक पहुंचे ही नहीं. यहां तक कि सरकार ने अपने सांसद अनुराग ठाकुर और राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष जेपी नड्डा को भी विश्वास में लिए बिना ये मीट आयोजित की.

उन्होंने कहा कि सरकार पूंजीपतियों के हाथ मे खेल रही है और ये बैकडोर से निवेश करने के प्रयास में लगी है. अग्निहोत्री ने कहा कि सरकार से आज तक रोप-वे और पावर प्रोजेक्ट्स को लेकर कोई नीति नहीं बनी, फिर किस आधार पर सरकार दो साल का जश्न मनाने जा रही है.

उन्होंने कहा कि सदन में जितनी जल्दी इस मामले चर्चा होगी उतना बेहतर होगा अन्यथा प्रदेश को बिकने नहीं दिया जाएगा. नेता विपक्ष कहा कि सरकार बताए कि सीरियस इन्वेस्टर कौन है और कौन यहां इंडस्ट्री लगाना चाहता है. सरकार को इस मामले में बचने की बजाय चर्चा करनी चाहिए और श्वेत पत्र जारी करना चाहिए.

धर्मशाला: हिमाचल विधानसभा शीतकालीन सत्र के पहले ही दिन कांग्रेस ने सदन से वॉकआउट कर दिया. सदन शुरू होते ही विपक्ष ने इन्वेस्टर्स मीट और धारा-118 पर चर्चा की मांग की. इसे लेकर विधानसभा अध्यक्ष ने व्यवस्था देने की बात कही, लेकिन कांग्रेसी विधायक चर्चा करने की मांग पर अड़े रहे.

सदन में नेता प्रतिपक्ष ने इन्वेस्टर मीट को हिमाचल के इतिहास का सबसे बड़ा घोटाला करार दिया. इस दौरान सदन में कांग्रेस विधायकों ने 'अली बाबा और 40 चोर' के नारे लगाकर सदन से वॉकआउट कर दिया.

वीडियो रिपोर्ट.

सदन से बाहर आने पर नेता प्रतिपक्ष ने आरोप लगाया कि इन्वेस्टर मीट के नाम पर प्रदेश की जनता से धोखा किया गया है. उन्होंने कहा कि इससे पहले नेशनल हाइवे के नाम पर प्रदेश की जनता को ठगा गया और अब इन्वेस्टर मीट के नाम पर इतिहास का सबसे बड़ा घोटाला किया है.

उन्होंने इन्वेस्टर मीट को भाजपा का मेला करार देते हुए कहा कि इस इन्वेस्टर में असली निवेशक पहुंचे ही नहीं. यहां तक कि सरकार ने अपने सांसद अनुराग ठाकुर और राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष जेपी नड्डा को भी विश्वास में लिए बिना ये मीट आयोजित की.

उन्होंने कहा कि सरकार पूंजीपतियों के हाथ मे खेल रही है और ये बैकडोर से निवेश करने के प्रयास में लगी है. अग्निहोत्री ने कहा कि सरकार से आज तक रोप-वे और पावर प्रोजेक्ट्स को लेकर कोई नीति नहीं बनी, फिर किस आधार पर सरकार दो साल का जश्न मनाने जा रही है.

उन्होंने कहा कि सदन में जितनी जल्दी इस मामले चर्चा होगी उतना बेहतर होगा अन्यथा प्रदेश को बिकने नहीं दिया जाएगा. नेता विपक्ष कहा कि सरकार बताए कि सीरियस इन्वेस्टर कौन है और कौन यहां इंडस्ट्री लगाना चाहता है. सरकार को इस मामले में बचने की बजाय चर्चा करनी चाहिए और श्वेत पत्र जारी करना चाहिए.

Intro:विधानसभा शीतकालीन सत्र के पहले ही दिन कांग्रेस ने सदन से वाकआउट कर दिया। सदन शुरू होते ही विपक्ष ने इन्वेस्टर मीट और धारा 118 पर चर्चा की मांग की। इसे लेकर विधानसभा अध्यक्ष ने व्यवस्था देने की बात कही लेकिन कांग्रेसी विधायक चर्चा करने की मांग पर अड़े रहे। सदन में नेता प्रतिपक्ष ने इन्वेस्टर मीट को इतिहास का सबसे बड़ा घोटाला करार दिया। इस दौरान सदन में काँग्रेस विधायकों ने अली बाबा और 40 चोर के नारे लगाकर सदन से वाकआउट कर दिया। सदन से बाहर आने पर नेता प्रतिपक्ष ने आरोप लगाया कि इन्वेस्टर मीट के नाम पर प्रदेश की जनता से धोखा किया गया है। उन्होंने कहा कि इससे पहले नेशनल हाइवे के नाम पर प्रदेश की जनता को ठगा गया और अब इन्वेस्टर मीट के नाम पर इतिहास का सबसे बड़ा घोटाला किया है।


Body:उन्होंने कहा कि सरकार ने इन्वेस्टर मीट को भाजपा का मेला करार देते हुए कहा कि इस इन्वेस्टर में असली निवेशक पहुंचे ही नही। यहां तक कि सरकार ने अपने सांसद अनुराग ठाकुर और राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष जेपी नड्डा को भी विश्वास में लिए बिना ये मीट आयोजित की गई। उन्होंने कहा कि सरकार पूंजीपतियों के हाथ मे खेल रही है और ये बैकडोर से निवेश करने के प्रयास में लगी है। अग्निहोत्री ने कहा कि सरकार से आज तक रोप वे और पावर प्रोजेक्टस को लेकर कोई नीति नही बनी, फिर किस आधार पर सरकार दो साल का जश्न मनाने जा रही है।


Conclusion:उन्होंने कहा कि सदन में जितनी जल्दी इस मामले चर्चा होगी उतना बेहतर होगा अन्यथा प्रदेश को बिकने नही दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि सरकार बताए कि सीरियस इन्वेस्टर कौन है और कौन यहां इंडस्ट्री लगाना चाहता है। उन्होंने कहा कि सरकार को इस मामले में बचने की बजाय चर्चा करनी चाहिए और श्वेत पत्र जारी करना चाहिए।
विसुअल
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सदन से वाकआउट करने के बाद विपक्ष के सदस्य।
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