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कंगना रनौत के चुनाव को चुनौती देने वाली याचिका पर कोर्ट में सुनवाई, जानिए क्या है मामला

कंगना का चुनाव को चुनौती देने वाली याचिका पर हाईकोर्ट में सुनवाई हुई. कोर्ट में कंगना के वकील ने रिप्लाई दायरर किया है.

कॉन्सेप्ट फोटो
फाइल फोटो (ETV BHARAT)
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By ETV Bharat Himachal Pradesh Team

Published : 2 hours ago

शिमला: कंगना रनौत के चुनाव को चुनौती देने वाली याचिका पर हिमाचल हाईकोर्ट में आज सुनवाई हुई. न्यायधीश संदीप शर्मा की अदालत में मामले की सुनवाई हुई. कंगना रनौत के वकील ने कोर्ट में रिप्लाई दायर किया है. दूसरी तरफ याचिका कर्ता के वकील ने कोर्ट से रिजॉइंडर दायर करने को समय मांगा है. मामले की सुनवाई अब चार सप्ताह बाद होगी.

दरअसल याचिकाकर्ता लायक राम नेगी एक रिटायर्ड कर्मी हैं. उन्होंने लोकसभा चुनाव में अपने नामांकन पत्र को अनुचित तरीके से रद्द करने का आरोप लगाते हुए मंडी लोकसभा सीट पर हुए चुनाव को रद्द करने की मांग की है. प्रार्थी ने चुनाव आयोग के रिटर्निंग ऑफिसर जिलाधीश मंडी को भी इस मामले में प्रतिवादी बनाया है.

याचिकाकर्ता ने दिया ये तर्क

याचिकाकर्ता ने कोर्ट में बताया है कि 14 मई 2024 को लोकसभा चुनाव के लिए मंडी लोकसभा सीट के लिए अपना नामांकन पत्र दाखिल किया था. वन विभाग से वॉलंटियर रिटायरमेंट लेने पर उन्होंने निर्वाचन अधिकारी को वन विभाग से जारी आवश्यक नो ड्यूस सर्टिफिकेट नामांकन पत्र के साथ सौंपे थे. नामांकन के दौरान प्रार्थी को कहा गया कि स्वतंत्र रूप से संबंधित विभागों द्वारा सरकारी आवास के बिजली, पानी और टेलीफोन के नो ड्यू सर्टिफिकेट भी नामांकन के साथ जमा करने होंगे.उसे यह प्रमाणपत्र देने के लिए अगले दिन तक का समय दिया गया था.

प्राथी के मुताबिक 15 मई को नामांकन पत्रों की जांच की जानी थी. 15 मई को उसने विभिन्न विभागों द्वारा जारी बिजली, पानी और टेलीफोन के नो ड्यूस सर्टिफिकेट रिटर्निंग ऑफिसर के सामने पेश किए, लेकिन उनके दस्तावेजों को स्वीकार करने से इनकार कर दिया गया. उन्हें बताया गया कि नामांकन पत्र में उपरोक्त नो ड्यूस सर्टिफिकेट न लगाना एक बड़ी त्रुटि है, जिसे अब दूर नहीं किया जा सकता और उनका नामांकन रद्द कर दिया गया.

याचिकाकर्ता ने की कांगना का चुनाव रद्द करने की मांग

प्रार्थी का कहना है कि, नामांकन अस्वीकार होने से उन्हें लोकसभा चुनाव लड़ने से वंचित होना पड़ा. ये कोई भारी त्रुटि नहीं थी, जिस कारण उसका नामांकन रद्द किया जाए. यदि उसे चुनाव लड़ने का अवसर प्रदान किया जाता तो संभवतः उन्हें लोकसभा चुनाव जीत मिल सकती थी. प्रार्थी ने मंडी सीट के लिए हुए लोकसभा चुनाव को रद्द करने की गुहार लगाई है, ताकि पुनः इस सीट के लिए चुनाव हो सकें.

ये भी पढ़ें: कंगना रनौत का उद्धव ठाकरे पर निशाना, 'महाराष्ट्र चुनाव में महिलाओं का अपमान करने वाले 'दैत्यों' की हुई हार'

शिमला: कंगना रनौत के चुनाव को चुनौती देने वाली याचिका पर हिमाचल हाईकोर्ट में आज सुनवाई हुई. न्यायधीश संदीप शर्मा की अदालत में मामले की सुनवाई हुई. कंगना रनौत के वकील ने कोर्ट में रिप्लाई दायर किया है. दूसरी तरफ याचिका कर्ता के वकील ने कोर्ट से रिजॉइंडर दायर करने को समय मांगा है. मामले की सुनवाई अब चार सप्ताह बाद होगी.

दरअसल याचिकाकर्ता लायक राम नेगी एक रिटायर्ड कर्मी हैं. उन्होंने लोकसभा चुनाव में अपने नामांकन पत्र को अनुचित तरीके से रद्द करने का आरोप लगाते हुए मंडी लोकसभा सीट पर हुए चुनाव को रद्द करने की मांग की है. प्रार्थी ने चुनाव आयोग के रिटर्निंग ऑफिसर जिलाधीश मंडी को भी इस मामले में प्रतिवादी बनाया है.

याचिकाकर्ता ने दिया ये तर्क

याचिकाकर्ता ने कोर्ट में बताया है कि 14 मई 2024 को लोकसभा चुनाव के लिए मंडी लोकसभा सीट के लिए अपना नामांकन पत्र दाखिल किया था. वन विभाग से वॉलंटियर रिटायरमेंट लेने पर उन्होंने निर्वाचन अधिकारी को वन विभाग से जारी आवश्यक नो ड्यूस सर्टिफिकेट नामांकन पत्र के साथ सौंपे थे. नामांकन के दौरान प्रार्थी को कहा गया कि स्वतंत्र रूप से संबंधित विभागों द्वारा सरकारी आवास के बिजली, पानी और टेलीफोन के नो ड्यू सर्टिफिकेट भी नामांकन के साथ जमा करने होंगे.उसे यह प्रमाणपत्र देने के लिए अगले दिन तक का समय दिया गया था.

प्राथी के मुताबिक 15 मई को नामांकन पत्रों की जांच की जानी थी. 15 मई को उसने विभिन्न विभागों द्वारा जारी बिजली, पानी और टेलीफोन के नो ड्यूस सर्टिफिकेट रिटर्निंग ऑफिसर के सामने पेश किए, लेकिन उनके दस्तावेजों को स्वीकार करने से इनकार कर दिया गया. उन्हें बताया गया कि नामांकन पत्र में उपरोक्त नो ड्यूस सर्टिफिकेट न लगाना एक बड़ी त्रुटि है, जिसे अब दूर नहीं किया जा सकता और उनका नामांकन रद्द कर दिया गया.

याचिकाकर्ता ने की कांगना का चुनाव रद्द करने की मांग

प्रार्थी का कहना है कि, नामांकन अस्वीकार होने से उन्हें लोकसभा चुनाव लड़ने से वंचित होना पड़ा. ये कोई भारी त्रुटि नहीं थी, जिस कारण उसका नामांकन रद्द किया जाए. यदि उसे चुनाव लड़ने का अवसर प्रदान किया जाता तो संभवतः उन्हें लोकसभा चुनाव जीत मिल सकती थी. प्रार्थी ने मंडी सीट के लिए हुए लोकसभा चुनाव को रद्द करने की गुहार लगाई है, ताकि पुनः इस सीट के लिए चुनाव हो सकें.

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