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सुशांत सुसाइड मामले में बोले शांता कुमार, अगर कंगना का इशारा सही है तो सुब्रमण्यम स्वामी दिलाएंगे न्याय - सुशांत सिंह सुसाइड मामला

हिमाचल प्रदेश के भूतपूर्व मुख्यमंत्री शांता कुमार ने कहा कि सुशांत सिंह राजपूत की आत्महत्या पर प्रतिदिन नए-नए रहस्यों का पता चल रहा है. शांता कुमार ने कहा कि उन्हें प्रसन्नता है कि कंगना पुलिस में गवाही दे रही है और बीजेपी के वरिष्ठ नेता व वकील सुब्रमण्यम स्वामी इसमें सहायता कर रहे हैं.

shanta kumar
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Published : Jul 24, 2020, 10:16 PM IST

Updated : Jul 24, 2020, 10:36 PM IST

पालमपुर: हिमाचल प्रदेश के भूतपूर्व मुख्यमंत्री शांता कुमार ने कहा कि बॉलीवुड एक्टर सुशांत सिंह राजपूत की आत्महत्या पर प्रतिदिन नए-नए रहस्यों से पर्दे खुल रहे हैं. उन्होंने कहा कि सिनेमा जगत से उनका न अधिक लगाव है और न परिचय है, लेकिन देश की इस होनहार युवा प्रतिभा की आत्महत्या ने उन्हें भी हिला दिया है.

शांता कुमार ने कहा कि विशेषकर कंगना रनौत को सुनकर हैरानी-परेशानी और खुशी हुई. उन्होंने कहा कि कंगना बहादुर लड़की हैं और बेबाकी से अपनी राय रखती हैं. चेहरे पर ही नहीं शब्दों से भी उनका आत्म विश्वास झलकता है. पहली बार उससे सुना कि बॉलीवुड में मूवी माफिया भी है.

आत्म विश्वास और बेबाकी से भरी उसकी बातें सुनकर बहुत आनन्द आया. फिर गर्व हुआ सोच कर कि आखिर अपने हिमाचल की एक बहादुर बेटी है. हिमाचल के गांव से उठ कर अपनी प्रतिभा व हिम्मत से इतना ऊंचा स्थान प्राप्त किया है. इस बात की भी प्रसन्नता है कि मूवी जगत के इतने ऊंचे पद पर पहुंच कर कंगना की जड़ें हिमाचल से जुड़ी हैं. उन्होंने अपना मकान मनाली में बनाया है.

शांता कुमार ने कहा कि साहित्य जगत में भी कुछ मठाधीश गुटबाज ऐसे हैं, जो यह प्रबंध करते हैं कि किसको सम्मान दिलवाना है और किसको पीछे रखना है. हिंदी जगत की सबसे अधिक पढ़ी जाने वाली उपन्यासकार शिवानी को कभी कोई बड़ा पुरस्कार नहीं मिला. उन्होंने कहा कि एक बार उनका उनसे मिलना हुआ, तो वह कहने लगी कि कभी सोचा पुरस्कार के बारे में नहीं सोचा. मेरे पाठकों का मेरे प्रति प्यार ही सबसे बड़ा पुरस्कार है.

शांता कुमार ने कहा कि देश की राजनीति में भी बहुत कुछ इस प्रकार चल रहा है. आज से करीब 60 वर्ष पहले जब वह राजनीति में आये तो समर्पण, योग्यता और चरित्र के कारण स्थान और सम्मान मिलता था. अब प्रबंधन, तिकड़म परिवारवाद और चाटुकारिता सबसे बड़ी योग्यता हो गई है. कई जगह जीरो हीरो हो गए हैं और हीरो जीरो हो गए हैं, लेकिन सब क्षेत्रों में ऐसे लोग भी हैं जो केवल अपनी प्रतिभा और समर्पण के कारण और भाग्य से अनुकूल वातावरण मिलने के कारण आगे बढ़ते हैं.

आज के इस विकृत वातावरण में ऐसे लोग बड़े भाग्यशाली हैं, लेकिन चिंता का विषय यह है कि ऐसे लोगों की संख्या कम हो रही है.शांता कुमार ने कहा कि सुशांत सिंह राजपूत की आत्महत्या पर पुलिस गंभीरता से जांच कर रही है. देश के लोकप्रिय मनोरंजन साधन में यदि सचमुच एक षड़यंत्र से आत्महत्या नहीं हत्या की गई है जैसा कि कंगना रनौत ने कहा था तो यह अत्यन्त दुर्भाग्यपूर्ण है. इस संबध में निष्पक्ष जांच से दोषियों को पकड़ा जाना चाहिए. उन्हें प्रसन्नता है कि कंगना पुलिस में गवाही दे रही है और प्रसिद्ध नेता व वकील सुब्रमण्यम स्वामी सहायता कर रहे हैं. स्वामी जी मेरे पुराने मित्र हैं. मैंने आज उनसे फोन पर बात की है. उन्होंने विश्वास दिलाया है कि वह इस मामले कंगना की पूरी सहायता करेंगे.

पढ़ें: हिमाचल में प्रभावी तरीके से हो काॅन्टेक्ट ट्रेसिंग: CM जयराम ठाकुर

पालमपुर: हिमाचल प्रदेश के भूतपूर्व मुख्यमंत्री शांता कुमार ने कहा कि बॉलीवुड एक्टर सुशांत सिंह राजपूत की आत्महत्या पर प्रतिदिन नए-नए रहस्यों से पर्दे खुल रहे हैं. उन्होंने कहा कि सिनेमा जगत से उनका न अधिक लगाव है और न परिचय है, लेकिन देश की इस होनहार युवा प्रतिभा की आत्महत्या ने उन्हें भी हिला दिया है.

शांता कुमार ने कहा कि विशेषकर कंगना रनौत को सुनकर हैरानी-परेशानी और खुशी हुई. उन्होंने कहा कि कंगना बहादुर लड़की हैं और बेबाकी से अपनी राय रखती हैं. चेहरे पर ही नहीं शब्दों से भी उनका आत्म विश्वास झलकता है. पहली बार उससे सुना कि बॉलीवुड में मूवी माफिया भी है.

आत्म विश्वास और बेबाकी से भरी उसकी बातें सुनकर बहुत आनन्द आया. फिर गर्व हुआ सोच कर कि आखिर अपने हिमाचल की एक बहादुर बेटी है. हिमाचल के गांव से उठ कर अपनी प्रतिभा व हिम्मत से इतना ऊंचा स्थान प्राप्त किया है. इस बात की भी प्रसन्नता है कि मूवी जगत के इतने ऊंचे पद पर पहुंच कर कंगना की जड़ें हिमाचल से जुड़ी हैं. उन्होंने अपना मकान मनाली में बनाया है.

शांता कुमार ने कहा कि साहित्य जगत में भी कुछ मठाधीश गुटबाज ऐसे हैं, जो यह प्रबंध करते हैं कि किसको सम्मान दिलवाना है और किसको पीछे रखना है. हिंदी जगत की सबसे अधिक पढ़ी जाने वाली उपन्यासकार शिवानी को कभी कोई बड़ा पुरस्कार नहीं मिला. उन्होंने कहा कि एक बार उनका उनसे मिलना हुआ, तो वह कहने लगी कि कभी सोचा पुरस्कार के बारे में नहीं सोचा. मेरे पाठकों का मेरे प्रति प्यार ही सबसे बड़ा पुरस्कार है.

शांता कुमार ने कहा कि देश की राजनीति में भी बहुत कुछ इस प्रकार चल रहा है. आज से करीब 60 वर्ष पहले जब वह राजनीति में आये तो समर्पण, योग्यता और चरित्र के कारण स्थान और सम्मान मिलता था. अब प्रबंधन, तिकड़म परिवारवाद और चाटुकारिता सबसे बड़ी योग्यता हो गई है. कई जगह जीरो हीरो हो गए हैं और हीरो जीरो हो गए हैं, लेकिन सब क्षेत्रों में ऐसे लोग भी हैं जो केवल अपनी प्रतिभा और समर्पण के कारण और भाग्य से अनुकूल वातावरण मिलने के कारण आगे बढ़ते हैं.

आज के इस विकृत वातावरण में ऐसे लोग बड़े भाग्यशाली हैं, लेकिन चिंता का विषय यह है कि ऐसे लोगों की संख्या कम हो रही है.शांता कुमार ने कहा कि सुशांत सिंह राजपूत की आत्महत्या पर पुलिस गंभीरता से जांच कर रही है. देश के लोकप्रिय मनोरंजन साधन में यदि सचमुच एक षड़यंत्र से आत्महत्या नहीं हत्या की गई है जैसा कि कंगना रनौत ने कहा था तो यह अत्यन्त दुर्भाग्यपूर्ण है. इस संबध में निष्पक्ष जांच से दोषियों को पकड़ा जाना चाहिए. उन्हें प्रसन्नता है कि कंगना पुलिस में गवाही दे रही है और प्रसिद्ध नेता व वकील सुब्रमण्यम स्वामी सहायता कर रहे हैं. स्वामी जी मेरे पुराने मित्र हैं. मैंने आज उनसे फोन पर बात की है. उन्होंने विश्वास दिलाया है कि वह इस मामले कंगना की पूरी सहायता करेंगे.

पढ़ें: हिमाचल में प्रभावी तरीके से हो काॅन्टेक्ट ट्रेसिंग: CM जयराम ठाकुर

Last Updated : Jul 24, 2020, 10:36 PM IST
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