ETV Bharat / state

लक्ष्य योजना के तहत धर्मशाला अस्पताल की होगी असेसमेंट, दो दिवसीय दौरे पर पहुंची टीम

author img

By

Published : Jan 23, 2020, 6:59 PM IST

Updated : Jan 23, 2020, 7:20 PM IST

भारत सरकार की लक्ष्य योजना के अंतर्गत जोनल अस्पताल धर्मशाला में सुविधाओं की असेसमेंट करने टीम  धर्मशाला पहुंची. दो दिवसीय दौरे पर पहुंची टीम ने धर्मशाला अस्पताल में लक्ष्य योजना के मानकों के तहत सुविधाओं की असेसमेंट की.

Dharamshala hospital
Dharamshala hospital

धर्मशाला: भारत सरकार की लक्ष्य योजना के अंतर्गत जोनल अस्पताल धर्मशाला में सुविधाओं की असेसमेंट करने टीम धर्मशाला पहुंची. दो दिवसीय दौरे पर पहुंची टीम ने धर्मशाला अस्पताल में लक्ष्य योजना के मानकों के तहत सुविधाओं की असेसमेंट की.

योजना के तहत टीम द्वारा प्रसूति कक्ष, ऑपरेशन थियेटर और प्रसूति सबंधी गहन देखभाल इकाइयों के अलावा अन्य व्यवस्थाओं की जांच की जानी है. टीम में शामिल इंडियन इंस्टीटयूट ऑफ हेल्थ केयर कम्यूनिकेशन की डायरेक्टर एवं नेशनल क्वालिटी असेसमेंट सिस्टम की एक्सर्टनल एसेसर डॉ. इंदु अरनेजा ने कहा कि वह यहां निरीक्षण नहीं, बल्कि योजना के तहत सुविधाओं की असेसमेंट करने पहुंची हैं.

वीडियो.

केंद्र सरकार की विभिन्न योजनाओं के तहत सरकारी अस्पतालों और सुविधाओं में क्वालिटी सुधार की दिशा में कार्य करते हुए प्रमोट कर रहे हैं. जिस तरह से निजी अस्पतालों में क्वालिटी की ओर विशेष ध्यान दिया जाता है उसी तरह सरकारी अस्पतालों को भी प्रोत्साहित करने के लिए कार्य किया जा रहा है, जिससे कि मरीज की सुरक्षा सुनिश्चित हो और देखभाल में कोई कमी न हो.

केंद्र सरकार का लक्ष्य प्रोग्राम है, जिसमें मदर एंड चाइल्ड हेल्थ केयर पर फोकस किया जा रहा है. अस्पतालों में जहां लेबर रूम है और आपरेशन थियेटर हैं, वो लक्ष्य के लिए अप्लाई करते हैं, क्योंकि यह सभी सरकारी अस्पतालों के लिए अनिवार्य है कि वो लक्ष्य के मानकों को पूरा करें.

Dharamshala hospital
जोनल अस्पताल धर्मशाला.

उसी तरह की एक असेसमेंट की जा रही है. डॉ. इंदु अरनेजा ने कहा कि हालांकि कमियां तो हैं, लेकिन लोगों में जागरूकता आ जाए कि सीमित संसाधनों में किस तरह आगे बढऩा है तो निश्चित तौर पर जो थोड़ी बहुत कमियां हैं, उन्हें दूर किया जा सकता है.

कमियां हर किसी में होती हैं, लेकिन हमें यह देखना है कि इन्हें कैसा दूर करके और बेहतर किया जा सकता है. अस्पतालों में सुविधाओं की असेसमेंट की जा रही है न कि यह कमियां ढूंढी जा रही हैं, बस यही सोच है कि कैसे बेहतर किया जा सकता है.

वहीं, डॉ. इंदू अरनेजा ने कहा कि केंद्र सरकार की ओर से पहले से ही अस्पतालों की चैक लिस्ट तैयार है, उसी लिस्ट के आधार पर टीम अस्पतालों को स्कोर करती है. चैक लिस्ट में टीम सदस्य अपना पर्सनल ऑपिनियन नहीं ले सकते, क्योंकि लिस्ट पहले से डिफाइंड होती है.

उस लिस्ट को आवर्जव करते हुए स्कोर दिए जाते हैं, स्कोरिंग अच्छी आती है तो पता चलता है कि पैरा मीटर को पूरा किया जा रहा है और कमी रहती है तो पता चलता है कि किस एरिया में काम करने की जरूरत है.

धर्मशाला: भारत सरकार की लक्ष्य योजना के अंतर्गत जोनल अस्पताल धर्मशाला में सुविधाओं की असेसमेंट करने टीम धर्मशाला पहुंची. दो दिवसीय दौरे पर पहुंची टीम ने धर्मशाला अस्पताल में लक्ष्य योजना के मानकों के तहत सुविधाओं की असेसमेंट की.

योजना के तहत टीम द्वारा प्रसूति कक्ष, ऑपरेशन थियेटर और प्रसूति सबंधी गहन देखभाल इकाइयों के अलावा अन्य व्यवस्थाओं की जांच की जानी है. टीम में शामिल इंडियन इंस्टीटयूट ऑफ हेल्थ केयर कम्यूनिकेशन की डायरेक्टर एवं नेशनल क्वालिटी असेसमेंट सिस्टम की एक्सर्टनल एसेसर डॉ. इंदु अरनेजा ने कहा कि वह यहां निरीक्षण नहीं, बल्कि योजना के तहत सुविधाओं की असेसमेंट करने पहुंची हैं.

वीडियो.

केंद्र सरकार की विभिन्न योजनाओं के तहत सरकारी अस्पतालों और सुविधाओं में क्वालिटी सुधार की दिशा में कार्य करते हुए प्रमोट कर रहे हैं. जिस तरह से निजी अस्पतालों में क्वालिटी की ओर विशेष ध्यान दिया जाता है उसी तरह सरकारी अस्पतालों को भी प्रोत्साहित करने के लिए कार्य किया जा रहा है, जिससे कि मरीज की सुरक्षा सुनिश्चित हो और देखभाल में कोई कमी न हो.

केंद्र सरकार का लक्ष्य प्रोग्राम है, जिसमें मदर एंड चाइल्ड हेल्थ केयर पर फोकस किया जा रहा है. अस्पतालों में जहां लेबर रूम है और आपरेशन थियेटर हैं, वो लक्ष्य के लिए अप्लाई करते हैं, क्योंकि यह सभी सरकारी अस्पतालों के लिए अनिवार्य है कि वो लक्ष्य के मानकों को पूरा करें.

Dharamshala hospital
जोनल अस्पताल धर्मशाला.

उसी तरह की एक असेसमेंट की जा रही है. डॉ. इंदु अरनेजा ने कहा कि हालांकि कमियां तो हैं, लेकिन लोगों में जागरूकता आ जाए कि सीमित संसाधनों में किस तरह आगे बढऩा है तो निश्चित तौर पर जो थोड़ी बहुत कमियां हैं, उन्हें दूर किया जा सकता है.

कमियां हर किसी में होती हैं, लेकिन हमें यह देखना है कि इन्हें कैसा दूर करके और बेहतर किया जा सकता है. अस्पतालों में सुविधाओं की असेसमेंट की जा रही है न कि यह कमियां ढूंढी जा रही हैं, बस यही सोच है कि कैसे बेहतर किया जा सकता है.

वहीं, डॉ. इंदू अरनेजा ने कहा कि केंद्र सरकार की ओर से पहले से ही अस्पतालों की चैक लिस्ट तैयार है, उसी लिस्ट के आधार पर टीम अस्पतालों को स्कोर करती है. चैक लिस्ट में टीम सदस्य अपना पर्सनल ऑपिनियन नहीं ले सकते, क्योंकि लिस्ट पहले से डिफाइंड होती है.

उस लिस्ट को आवर्जव करते हुए स्कोर दिए जाते हैं, स्कोरिंग अच्छी आती है तो पता चलता है कि पैरा मीटर को पूरा किया जा रहा है और कमी रहती है तो पता चलता है कि किस एरिया में काम करने की जरूरत है.

Intro:धर्मशाला- भारत सरकार की लक्ष्य योजना के अंतर्गत जोनल अस्पताल धर्मशाला में सुविधाओं की एसेस्मेंट करने टीम  धर्मशाला पहुंची। दो दिवसीय दौरे पर पहुंची टीम ने धर्मशाला अस्पताल में लक्ष्य योजना के मानकों के तहत सुविधाओं की एसेस्मेंट की। योजना के तहत टीम द्वारा प्रसूति कक्ष, ऑपरेशन थियेटर और प्रसूति सबंधी गहन देखभाल इकाइयों के अलावा अन्य व्यवस्थाओं की जांच की जानी है। टीम में शामिल  इंडियन इंस्टीटयूट आफ हेल्थ केयर कम्यूनिकेशन की डायरेक्टर एवं नेशनल क्वालिटी एसेस्मेंट सिस्टम की एक्सर्टनल एसेसर डा. इंदु अरनेेजा ने कहा कि वह यहां निरीक्षण नहीं, बल्कि योजना के तहत सुविधाओं की एसेस्मेंट करने पहुंची हैं। केंद्र सरकार की विभिन्न योजनाओं के तहत सरकारी अस्पतालों और सुविधाओं में क्वालिटी सुधार की दिशा में कार्य करते हुए प्रमोट कर रहे हैं। जिस तरह से निजी अस्पतालों में क्वालिटी  की ओर विशेष ध्यान दिया जाता है उसी सरकारी अस्पतालों को भी प्रोत्साहित करने के लिए कार्य किया जा रहा है, जिससे कि मरीज की सुरक्षा सुनिश्चित हो और देखभाल में कोई कमी न हो।





Body: केंद्र सरकार का लक्ष्य प्रोग्राम है, जिसमें मदर एंड चाइल्ड हेल्थ केयर पर फोकस किया जा रहा है। अस्पतालों में जहां लेबर रूम है और आपरेशन थियेटर हैं, वो लक्ष्य के लिए अप्लाई करते हैं, क्योंकि यह सभी सरकारी अस्पतालों के लिए अनिवार्य है कि वो लक्ष्य के मानकों को पूरा करें। उसी तरह की एक एसेस्मेंट की जा रही है। डा. इंदु अरनेजा ने कहा कि हालांकि कमियां तो हैं, लेकिन लोगों में जागरूकता आ जाए कि सीमित संसाधनों में किस तरह आगे बढऩा है तो निश्चित तौर पर जो थोड़ी बहुत कमियां हैं, उन्हें दूर किया जा सकता है। कमियां हर किसी में होती हैं, लेकिन हमें यह देखना है कि इन्हें कैसा दूर करके और बेहतर किया जा सकता है। अस्पतालों में सुविधाओं की एसेस्मेंट की जा रही है न कि यह कमियां ढूंढी जा रही हैं, बस यही सोच है कि कैसे बेहतर किया जा सकता है।




Conclusion:वही डा. इंदू अरनेजा ने कहा कि केंद्र सरकार की ओर से पहले से ही अस्पतालों की चैक लिस्ट तैयार है, उसी लिस्ट के आधार पर टीम अस्पतालों को स्कोर करती है। चैक लिस्ट में टीम सदस्य अपना पर्सनल ऑपिनियन नहीं डाल सकते, क्योंकि लिस्ट पहले से डिफाइंड होती है तथा उसे लिस्ट को आवर्जव करते  हुए स्कोर दिए जाते हैं, स्कोरिंग अच्छी आती है तो पता चलता है कि पैरा मीटर को पूरा किया जा रहा है और कमी रहती है तो पता चलता है कि किस एरिया में काम करने की जरूरत है।

Last Updated : Jan 23, 2020, 7:20 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.