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पौंग डैम में 2700 पहुंची मृतक पक्षियों की संख्या, आज विभाग करेगा साइट का दौरा

पौंग बांध में मंगलवार को 336 और विदेशी परिंदे मृत मिले हैं. अब तक बांध क्षेत्र में 2700 से अधिक परिंदों की मौत हो चुकी है. बर्ड फ्लू के फैलाव को रोकने प्रधान मुख्य अरण्यपाल अर्चना शर्मा विभाग की टीम के साथ आज पौंग बांध का दौरा कर स्थिति का जायजा लेंगी.

पौंग डैम
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Published : Jan 6, 2021, 12:13 PM IST

धर्मशाला: विश्व प्रसिद्ध वेटलैंड साइट पौंग डैम में प्रवासी पक्षियों की मौत का सिलसिला लगातार जारी है. इसको लेकर बुधवार को प्रधान मुख्य अरण्यपाल अर्चना शर्मा विभाग की टीम के साथ पौंग बांध का दौरा कर स्थिति का जायजा लेंगी. उन्होंने माना कि हिमाचल में इतनी बड़ी संख्या में पहली बार पक्षियों की मौत हुई है.

पौंग डैम में बर्ड फ्लू से 2700 पक्षियों की मौत

हिमाचल में सबसे ज्यादा विदेशी पक्षी पौंग बांध में आते हैं. पौंग बांध में बीते मंगलवार को 336 और विदेशी परिंदे मृत मिले हैं. अब तक बांध क्षेत्र में 2700 से अधिक परिंदों की मौत हो चुकी है. बर्ड फ्लू के फैलाव को रोकने के लिए पशुपालन विभाग ने कई कदम उठाए हैं.

पोल्ट्री फार्म से जांच के लिए भरे 119 सैंपल

पशुपालन विभाग जिला कांगड़ा के उपनिदेशक डॉ. संजीव धीमान ने बताया कि विभाग ने रैपिड रिस्पांस टीम गठित कर पौंग बांध क्षेत्र में महामारी के एपिक सेंटर (जहां विदेशी परिंदे मरे थे) के आसपास पोल्ट्री फार्म से 119 सैंपल जांच के लिए जालंधर लैब भेजे हैं. उन्होंने कहा कि इनकी रिपोर्ट पॉजिटिव आई तो एक किलोमीटर तक के दायरे में आने वाले सभी पोल्ट्री उत्पादों को नष्ट किया जाएगा.

ये कार्रवाई प्रभावित क्षेत्र के 10 किलोमीटर के क्षेत्र में की जा सकती है. इसके लिए विभाग केंद्र सरकार के तय मानकों के अनुसार कार्रवाई करेगा. टीम ने यह भी सर्वे किया है कि महामारी वन्य पक्षियों से घरेलू मुर्गे-मुर्गियों में तो नहीं फैली है. प्रदेश में सरकार ने अंडे, मांस, चिकन के प्रयोग पर रोक नहीं लगाई है. ये रोक कांगड़ा के प्रभावित चार उपमंडलों (देहरा, ज्वाली, फतेहपुर व इंदौरा) में ही है.

विदेशी पक्षियों की 17 प्रजातियों में संक्रमण

पशु पालन विभाग के विशेषज्ञों के अनुसार चिकन को उबाल कर खाने से वायरस नहीं फैलता है. पशु में वायरस पाए जाने पर यह खुर के जरिए गोशाला और वहां से इंसान तक फैल सकता है. अभी तक की जांच में सामने आया है कि पौंग बांध में विदेशी पक्षियों की 17 प्रजातियां संक्रमित पाई गई हैं.

इसमें से अधिकांश बार हैडेड गीज हैं. ये पक्षी हिमाचल में सेंट्रल एशिया, पूर्व सोवियत संघ, चीन, मंगोलिया, साइबेरिया जैसे देशों से आते हैं. बता दें कि इस बार पौंग बांध में परिंदों की गिनती नहीं हो पाई, ये गिनती 31 दिसंबर को होनी थी, जोकि फरवरी तक चलती है. पौंग बांध में हर साल एक से डेढ़ लाख विदेशी परिंदे आते हैं. जिन देशों में ये प्रवासी पक्षी पोंग डैम पहुंचते हैं. वहां इन दिनों सर्दियों में भारी बर्फबारी होती है.

धर्मशाला: विश्व प्रसिद्ध वेटलैंड साइट पौंग डैम में प्रवासी पक्षियों की मौत का सिलसिला लगातार जारी है. इसको लेकर बुधवार को प्रधान मुख्य अरण्यपाल अर्चना शर्मा विभाग की टीम के साथ पौंग बांध का दौरा कर स्थिति का जायजा लेंगी. उन्होंने माना कि हिमाचल में इतनी बड़ी संख्या में पहली बार पक्षियों की मौत हुई है.

पौंग डैम में बर्ड फ्लू से 2700 पक्षियों की मौत

हिमाचल में सबसे ज्यादा विदेशी पक्षी पौंग बांध में आते हैं. पौंग बांध में बीते मंगलवार को 336 और विदेशी परिंदे मृत मिले हैं. अब तक बांध क्षेत्र में 2700 से अधिक परिंदों की मौत हो चुकी है. बर्ड फ्लू के फैलाव को रोकने के लिए पशुपालन विभाग ने कई कदम उठाए हैं.

पोल्ट्री फार्म से जांच के लिए भरे 119 सैंपल

पशुपालन विभाग जिला कांगड़ा के उपनिदेशक डॉ. संजीव धीमान ने बताया कि विभाग ने रैपिड रिस्पांस टीम गठित कर पौंग बांध क्षेत्र में महामारी के एपिक सेंटर (जहां विदेशी परिंदे मरे थे) के आसपास पोल्ट्री फार्म से 119 सैंपल जांच के लिए जालंधर लैब भेजे हैं. उन्होंने कहा कि इनकी रिपोर्ट पॉजिटिव आई तो एक किलोमीटर तक के दायरे में आने वाले सभी पोल्ट्री उत्पादों को नष्ट किया जाएगा.

ये कार्रवाई प्रभावित क्षेत्र के 10 किलोमीटर के क्षेत्र में की जा सकती है. इसके लिए विभाग केंद्र सरकार के तय मानकों के अनुसार कार्रवाई करेगा. टीम ने यह भी सर्वे किया है कि महामारी वन्य पक्षियों से घरेलू मुर्गे-मुर्गियों में तो नहीं फैली है. प्रदेश में सरकार ने अंडे, मांस, चिकन के प्रयोग पर रोक नहीं लगाई है. ये रोक कांगड़ा के प्रभावित चार उपमंडलों (देहरा, ज्वाली, फतेहपुर व इंदौरा) में ही है.

विदेशी पक्षियों की 17 प्रजातियों में संक्रमण

पशु पालन विभाग के विशेषज्ञों के अनुसार चिकन को उबाल कर खाने से वायरस नहीं फैलता है. पशु में वायरस पाए जाने पर यह खुर के जरिए गोशाला और वहां से इंसान तक फैल सकता है. अभी तक की जांच में सामने आया है कि पौंग बांध में विदेशी पक्षियों की 17 प्रजातियां संक्रमित पाई गई हैं.

इसमें से अधिकांश बार हैडेड गीज हैं. ये पक्षी हिमाचल में सेंट्रल एशिया, पूर्व सोवियत संघ, चीन, मंगोलिया, साइबेरिया जैसे देशों से आते हैं. बता दें कि इस बार पौंग बांध में परिंदों की गिनती नहीं हो पाई, ये गिनती 31 दिसंबर को होनी थी, जोकि फरवरी तक चलती है. पौंग बांध में हर साल एक से डेढ़ लाख विदेशी परिंदे आते हैं. जिन देशों में ये प्रवासी पक्षी पोंग डैम पहुंचते हैं. वहां इन दिनों सर्दियों में भारी बर्फबारी होती है.

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