हमीरपुर: जिला की एक महिला कारोबारी ने उपमंडल भोरंज के तहत पीएनबी की एक शाखा से 50 लाख रुपये की कैश क्रेडिट लिमिट लोन के लिए आवेदन किया था. इस लोन की स्वीकृति के बाद महिला के खाते से ₹2,30,000 फर्जी तरीके से निकाल लिए गए. जांच में यह राशि पहले मैनेजर के एक रिश्तेदार और बाद में पत्नी के बैंक खाते में ट्रांसफर कर दिए गए. शिकायत के बाद ब्रांच मैनेजर के खिलाफ धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया गया और इसी कड़ी में विजिलेंस टीम और पुलिस ने आरोपी के घर व शाखा में दबिश दी.
बता दें कि हमीरपुर में अपने कार्यकाल के दौरान गबन करने का आरोपी मैनेजर इन दिनों ऊना जिले में तैनात है. हालांकि अभी तक आरोपी बैंक मैनेजर को गिरफ्तार नहीं किया जा सका है लेकिन विजिलेंस टीम की कार्रवाई से आरोपित की मुश्किलें बढ़ गई हैं. दबिश दौरान विजिलेंस ने आरोपी अधिकारी से लंबी पूछताछ की.
आरोपी की गिरफ्तारी में तनीकीकी वजह से देरी हो रही है. कानून के जानकारों के मुताबिक सात वर्ष से कम सजा के मामलों में पुलिस आरोपी को एकदम गिरफ्तार नहीं कर सकती. पीएनबी ब्रांच मैनेजर के खिलाफ भी धोखाधड़ी के आरोप में आईपीसी की जिन धाराओं के तहत केस दर्ज हुआ है, उन सभी पांचों धाराओं में सात साल से कम सजा का प्रावधान है. अब विजिलेंस इस मामले में भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम (पीसी एक्ट) में केस दर्ज करने की तैयारी में है. इसके साथ ही वाउचर पर हस्ताक्षर के नमूनों को फॉरेंसिक लैब भेजा जा गया है.
पीएनबी के सर्कल हेड सिद्धार्थ मजूमदार का कहना है कि पुलिस में दर्ज मामले की बैंक प्रबंधन अपने स्तर पर भी जांच करेगा. विजिलेंस टीम और पुलिस को जांच में पूरा सहयोग दिया जा रहा है.