सुजानपुर: राज्य कांग्रेस उपाध्यक्ष एवं विधायक राजेंद्र राणा ने हमीरपुर के भोटा कोविड सेंटर में उपचाराधीन कोरोना मरीज की मौत के मामले पर सरकार को घेरा है. राजेंद्र राणा ने कहा कि भोटा कोविड सेंटर में कोरोना से हुई पहली मौत ने सरकार के दावों और प्रबंधों का जनाजा निकाल कर रख दिया है.
राजेंद्र राणा ने कहा कि कोविड सेंटर से मिली जानकारी ने यह पूरी तरह साफ कर दिया है कि कोरोना पॉजिटिव मरीजों को उपचार के नाम पर नाजी कैंपों की तरह बंद करके मरने के लिए छोड़ दिया गया है. 12 घंटे से लगातार तड़प रहे मरीज को वेंटिलेटर स्पोर्ट तक नहीं दी गई. कोविड सेंटर में भर्ती मरीजों के वार्डों में इतनी ज्यादा सेनिटाइजेशन हो रही है कि वार्ड एक गैस चेंबर में तबदील हो चुके हैं. फोन कॉल पर सूचना मिलने के बाद भी डॉक्टर घंटों बाद मरीजों का इलाज करने पहुंचते हैं. मरीजों के परिजनों ने बताया कि अत्याधिक सैनिटाइजेशन से उनकी आंखों में लगातार खुजली हो रही है. इस माहौल में लगातार खांसी हो रही है और नाक से पानी बह रहा है.
राणा ने कहा कि कोविड-19 से निपटने के लिए करोड़ों रुपये खर्च कर भोटा कोविड सेंटर में 15 मई को वेंटिलेटर स्थापित किया गया है, लेकिन आपात स्थिति में मृतक मरीज को वेंटिलेटर की मदद भी नहीं दी गई. डॉक्टरों का ड्यूटी रोस्टर सिफारिशों के आधार पर बार-बार बदला जा रहा है. दम घुटने की इस बीमारी में अभी तक एक बार भी श्वास तंत्र विशेषज्ञ कोविड सेंटर नहीं भेजा गया है.
कोविड सेंटरों की जानकारी के लिए नहीं कोई जरिया:
राणा ने कहा कि यह सारी बातें न केवल कुप्रबंधन का खुलासा कर रही हैं, बल्कि प्रशासनिक नाकामियों व मनमानियों को उजागर कर रही हैं. कोविड सेंटर भोटा में मरीजों के पास डॉक्टर के जाने का समय, सेंटर के अंदर उपचार की जानकारी को चेक करने या जानने का सरकार पास कोई जरिया नहीं है. इन सब कमियों व खामियों का जनाजा भोटा में हुई कोरोना पॉजीटिव की पहली मौत से निकला है. उन्होंने कहा कि जनता में आक्रोश है कि इस महामारी की चपेट में आने वाले व्यक्ति को इलाज के नाम पर सिर्फ सेनिटाइज्ड चेंबर में मरने के लिए छोड़ दिया जाएगा.