हमीरपुर: राम आस्था का विषय है और इसे आस्था की ही दृष्टि से देखा जाना चाहिए. इस मामले को किसी भी दृष्टि में राजनीतिक लाभ के लिए प्रयोग करना न केवल गलत होगा, बल्कि मर्यादा पुरुषोतम की मर्यादाओं के भी खिलाफ होगा.
राज्य कांग्रेस उपाध्यक्ष एवं विधायक राजेंद्र राणा का ने कहा कि यह मंदिर हिंदुस्तान की धार्मिक संस्कृति की धरोहर है. विश्व के इस सर्वोच्च मंदिर के निर्माण के योगदान के लिए न तो किसी व्यक्ति विशेष के योगदान को बड़ा या छोटा ठहराया जा सकता है, न ही देश की आस्था व श्रद्धा को किसी पार्टी विशेष या व्यक्ति विशेष के लिए पेटेंट माना जा सकता है.
विधायक राजेंद्र राणा ने कहा कि राजनीति से ऊपर उठकर समझा जाए तो अब बीजेपी के सांसद सुब्रहम्णयम स्वामी ने खुलासा किया है कि इस मंदिर के लिए पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी, पीवी नरसिम्हा राव व अशोक सिंघल जैसे लोगों ने अथाह प्रयास किए हैं.
राणा ने कहा कि कांग्रेस की विचारधारा इस देश में हमेशा हर धर्म को मानने वालों को स्वतंत्रता देने वाली रही है, धर्म निरपेक्ष रही है. जिसका अनुसरण करते हुए कांग्रेस के बड़े नेताओं ने राम मंदिर निर्माण के प्रयासों में अपना योगदान दिया है.
उन्होंने कहा कि राम का संबंध धर्म विशेष या पार्टी विशेष से जोड़ कर देखना सरासर गलत है. उन्होंने कहा कि राम मंदिर निर्माण के लिए अनेकों संतों-महंतों, साधु समुदाय के साथ कई धार्मिक व सामाजिक संस्थाओं जिनका राम में विश्वास है का योगदान रहा है.
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