हमीरपुर: सरकार के आदेशों के बाद बच्चों को घर पर ही मिड-डे मील का राशन पहुंचाया जा रहा है. भोरंज उपमंडल की राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला वाहन्वीं में छठी से आठवीं कक्षा के छात्रों को घर-घर जाकर मिड-डे मील का राशन पहुंचाया गया. इसके साथ ही स्कूली बच्चों को कोरोना महामारी से बचने और नियमित होमवर्क करने के लिये प्रेरित किया गया.
राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला बाहन्वीं में छठी से लेकर आठवीं कक्षा तक 87 बच्चे शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं. स्कूल बंद होने के कारण ये सभी बच्चे ऑनलाइन पढ़ाई कर रहे हैं. मिड-डे-मील वितरण को लेकर स्कूल प्रशासन ने छह शिक्षकों की दो टीमें गठित की थीं.
दोनों टीमों ने बाहन्वीं, भरठवान, ककड़ोट क्षेत्रों में चावल वितरण के दौरान शारीरिक दूरी के नियम का कड़ाई से पालन किया और स्कूली बच्चों से ऑनलाइन मिल रहे होमवर्क का फीडबैक लेने क साथ इनकी परेशानियों को भी जाना.
स्कूल के प्रधानाचार्य रतन चंद रांगड़ा का कहना है कि दो दिनों में स्कूल के 87 बच्चों को मिड-डे-मील का चावल सरकारी आदेशों के अनुसार घर-घर वितरित कर दिया गया है. उन्होंने कहा कि स्कूल में बच्चों का ऑनलाइन प्रवेश जारी है. इसके लिये अभिभावकों से संर्पक किया जा रहा है.
बता दें कि कोरोना वायरस के कारण स्कूल बंद हैं. ऐसे में सरकार ने बच्चों का मिड-डे मील राशन घर तक पहुंचाने का निर्णय लिया था. इसी के तहत बच्चों को मीड-डे मील का राशन घर तक पहुंचाया गया.
मिड-डे मील के लिए चावल सरकार से निशुल्क दिए जाते हैं, जबकि पहली से पांचवीं तक सब्जी का खर्चा चार रुपये 48 पैसे और छठी से आठवीं के लिए छह रुपये 71 पैसे दिए जाता है, जो बच्चों को खाते में डाले जाएंगे. इसके साथ ही कुकिंग कॉस्ट भी बच्चों के खाते में जाएगी.
इसके साथ ही स्कूल बंद होने के कारण शिक्षा विभाग ने बच्चों की पढ़ाई ऑनलाइन करवाने का निर्णय लिया है. दूरदर्शन शिमला और रेडियो के माध्यम से बच्चों की कक्षाएं ली जा रही हैं. इसके साथ ही व्हाटस एप पर ग्रुप बनाकर बच्चों को स्टडी मैटिरियल बांटा जा रहा है.