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हिमाचल प्रदेश शिक्षा बोर्ड की नई पहल, स्कूली बच्चों को संस्कृत में दिखाए जांएगे कार्टून

संस्कृत भाषा को प्राथमिकता देने कि लिए हिमाचल प्रदेश शिक्षा बोर्ड ने नई योजना तैयार की है. प्रदेश के स्कूलों में संस्कृत विषय को दूसरी कक्षा से शुरू कर दिया जाएगा.

HP board designed new policy to promote sanskrit
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Published : Dec 1, 2019, 11:42 PM IST

हमीरपुरः हिमाचल प्रदेश शिक्षा बोर्ड ने स्कूलों में संस्कृत भाषा को प्राथमिकता देने कि लिए नई योजना तैयार की है. अब प्रदेश के स्कूलों में संस्कृत भाषा को हाईटेक तरीके से बच्चों को खेल-खेल में सिखाया जाएगा. प्रदेश के स्कूलों में संस्कृत विषय को दूसरी कक्षा से शुरू करने के निर्णय के बाद शिक्षा बोर्ड ने सिलेबस को तैयार करने के लिए कवायद शुरू कर दी है.

जानकारी के अनुसार शिक्षा बोर्ड संस्कृत भाषा की इस योजना के लिए मॉड्यूल और चैप्टर तैयार कर रहा है. यह चैप्टर डिजीटल तरीके से वीडियो फॉर्मेट में से तैयार किए जा रहे हैं. इन मॉड्यूल को बच्चों की कक्षाओं में दिखाया जाएगा.

वीडियो.

शिक्षा बोर्ड का प्रयास है कि डिजीटल मोड में जिस तरह से बच्चे कार्टून को टीवी पर देखना पसंद करते हैं, ठीक उसी तरह से वीडियो तैयार किए जाएं और उन्हें बच्चों को दिखाकर उसी तरह की एक्टिविटी करवाई जाए.

हिमाचल प्रदेश शिक्षा बोर्ड के चेयरमैन डॉक्टर सुरेश सोनी ने कहा कि बच्चों को कम्युनिकेटिव संस्कृत सिखाई जाएगी और यह कोई मुश्किल कार्य नहीं होगा. इस विषय को रोचक बनाया जाएगा और बच्चे खेल-खेल में संस्कृत सीखेंगे. आने वाले 3 साल में इसके परिणाम हमारे सामने होंगे.

हमीरपुरः हिमाचल प्रदेश शिक्षा बोर्ड ने स्कूलों में संस्कृत भाषा को प्राथमिकता देने कि लिए नई योजना तैयार की है. अब प्रदेश के स्कूलों में संस्कृत भाषा को हाईटेक तरीके से बच्चों को खेल-खेल में सिखाया जाएगा. प्रदेश के स्कूलों में संस्कृत विषय को दूसरी कक्षा से शुरू करने के निर्णय के बाद शिक्षा बोर्ड ने सिलेबस को तैयार करने के लिए कवायद शुरू कर दी है.

जानकारी के अनुसार शिक्षा बोर्ड संस्कृत भाषा की इस योजना के लिए मॉड्यूल और चैप्टर तैयार कर रहा है. यह चैप्टर डिजीटल तरीके से वीडियो फॉर्मेट में से तैयार किए जा रहे हैं. इन मॉड्यूल को बच्चों की कक्षाओं में दिखाया जाएगा.

वीडियो.

शिक्षा बोर्ड का प्रयास है कि डिजीटल मोड में जिस तरह से बच्चे कार्टून को टीवी पर देखना पसंद करते हैं, ठीक उसी तरह से वीडियो तैयार किए जाएं और उन्हें बच्चों को दिखाकर उसी तरह की एक्टिविटी करवाई जाए.

हिमाचल प्रदेश शिक्षा बोर्ड के चेयरमैन डॉक्टर सुरेश सोनी ने कहा कि बच्चों को कम्युनिकेटिव संस्कृत सिखाई जाएगी और यह कोई मुश्किल कार्य नहीं होगा. इस विषय को रोचक बनाया जाएगा और बच्चे खेल-खेल में संस्कृत सीखेंगे. आने वाले 3 साल में इसके परिणाम हमारे सामने होंगे.

Intro:संस्कृत भाषा को प्रदेश के स्कूलों में इस तरह से पढ़ेंगे नौनिहाल, प्रदेश शिक्षा बोर्ड ने बनाई यह योजना
हमीरपुर.
सूबे के स्कूलों में संस्कृत भाषा विषय को हाईटेक तरीके से बच्चों को खेल-खेल में सिखाया जाएगा। प्रदेश के स्कूलों में संस्कृत विषय को दूसरी कक्षा से शुरू करने के निर्णय के बाद शिक्षा बोर्ड ने सिलेबस को तैयार करने के लिए कवायद शुरू कर दी है. शिक्षा बोर्ड इसके लिए मॉड्यूल और चैप्टर तैयार कर रहा है यह चैप्टर इलेक्ट्रॉनिक तौर पर तैयार किए जा रहे हैं वीडियो फॉर्मेट में इन चैप्टर को बच्चों को कक्षाओं में दिखाया जाएगा बाकायदा बोर्ड की तरफ से यह मॉडल और इलेक्ट्रॉनिक मोड में शूट किए गए चैप्टर सभी स्कूलों को दिए जाएंगे।
रविवार को हमीरपुर में एक निजी स्कूल के वार्षिक उत्सव में बतौर मुख्य अतिथि पहुंचे प्रदेश शिक्षा बोर्ड के चेयरमैन डॉ सुरेश सोनी ने एक सवाल के जवाब में यह खुलासा किया है।
शिक्षा बोर्ड का प्रयास है कि इलेक्ट्रॉनिक मोड में जिस तरह से बच्चे कार्टून को टीवी पर देखना पसंद करते हैं उसी तरह से वीडियो तैयार किए जाएं और उन्हें बच्चों को दिखाकर उसी तरह की एक्टिविटी करवाई जाए।

बाइट
हिमाचल प्रदेश शिक्षा बोर्ड के चेयरमैन डॉक्टर सुरेश सोनी ने कहा कि बच्चों को कम्युनिकेटिव संस्कृत सिखाई जाएगी और यह कोई मुश्किल कार्य नहीं होगा। उन्होंने कहा कि इस विषय को रोचक बनाया जाएगा। बच्चे खेल-खेल में संस्कृत सीखेंगे और आगे आने वाले 3 साल में इसके परिणाम हमारे सामने होंगे। इसके लिए लेक्चर मॉड्यूल और चैप्टर तैयार किए जा रहे हैं। दूसरी तीसरी एवं चौथी कक्षा के बच्चों को वीडियो के माध्यम से ही संस्कृत पढ़ाई जाएगी।


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