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हमीरपुर प्रशासन का सराहनीय कदम, कोरोना पीड़ितों को तनावमुक्त रखने किया जा रहा प्रयास

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Published : Jul 6, 2020, 6:26 PM IST

हमीरपुर में कोरोना संक्रमित मरीजों का हौसला बढ़ाने के लिए जिला प्रशासन कड़ी मेहनत कर रहा है. जिला कोविड केयर सेंटर एनआईटी हमीरपुर में कोविड-19 से स्वस्थ होकर घर जाने वाले लोगों को उपायुक्त मिलने पहुंचते हैं. इस दौरान वह मरीजों का हौसला अफजाई भी करते हैं.

administration is trying to keep corona patients stress free
फोटो.

हमीरपुर: भौगोलिक दृष्टि से हिमाचल के छोटे से जिले हमीरपुर में कोरोना के बेशक अधिक मामले सामने आ रहे हों, लेकिन जिला का रिकवरी रेट भी बेहतर है. कोरोना पीड़ितों के उपचार के दौरान मानसिक तनाव से मुक्ति के लिए भी डॉक्टरों की टीम लगातार काम कर रही है.

जिला प्रशासन भी कोरोना काल में अपनी भूमिका निभा रहा है. जिसके चलते उपायुक्त हमीरपुर खुद स्वास्थ हुए मरीजों से मिलने जाते हैं और उनको समाज को प्रेरित करने के लिए भी प्रोत्साहित करते हैं. जिला कोविड केयर सेंटर एनआईटी हमीरपुर में जब लोगों को स्वस्थ होने के बाद घर भेजा जाता है, तो उपायुक्त खुद उनसे मिलने पहुंचते हैं. यहां पर सामाजिक दूरी का ध्यान रखते हुए वह मरीजों का हौसला भी बढ़ाते हैं.

वीडियो रिपोर्ट.

उपायुक्त हमीरपुर हरिकेश मीणा ने कहा कि कोरोना संक्रमित लोग हिम्मत के साथ बीमारी का सामना कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि यह लोग समाज में लोगों के लिए प्रेरणा का स्त्रोत बन सकते हैं. समाज को भी इन्हें सम्मान के साथ अपनाना होगा. उन्होंने कहा कि मरीजों को तनाव से मुक्ति दिलाने का काम बेहद जरूरी है. वहीं, डॉक्टरो की टीम इसके लिए कार्य कर रही है.

हरिकेश मीणा ने कहा कि कहा कि कई बार मरीजों के फॉलोअप सैंपल की रिपोर्ट पॉजिटिव आती है, तो उन्हें प्रोत्साहित करना पड़ता है. इसके अलावा मरीजों के परिजनों से भी बातचीत की जाती है कि वह घबराए नहीं. हरिकेश मीणा ने बताया कि कई बार मरीजों की पहली रिपोर्ट ही नेगेटिव आ जाती है, लेकिन कई दफा रिपोर्ट पॉजिटिव आने पर मरीजों के साथ परिजनों से भी बातचीत की जाती है.

बता दें कि जिला में कोरोना के नए मामले लगातार सामने आ रहे हैं. ऐसे में जिला में सावधानी बरतना और भी जरूरी हो जाता है. जिला प्रशासन का प्रयास है कि जो लोग स्वस्थ हो चुके हैं उनको प्रोत्साहित किया जाए ताकि वह समाज में घुल मिलकर लोगों को प्रेरित कर सकें.

गौर रहे कि उपायुक्त हमीरपुर भी इस मामले में एक नजीर पेश कर रहे हैं. वह खुद स्वस्थ हुए मरीजों से मिलकर उन्हें उत्साहित करते हैं. इसके अलावा फोन पर उन मरीजों से भी बात की जाती है, जिनकी फॉलोअप सैंपल रिपोर्ट पॉजिटिव आती है ताकि वह घबराए नहीं और डटकर बीमारी का मुकाबला करें.

ये भी पढ़ें: प्रॉपर्टी टैक्स, पानी व कूड़ा शुल्क के खिलाफ नागरिक सभा ने किया प्रदर्शन, बिल माफ करने की मांग

हमीरपुर: भौगोलिक दृष्टि से हिमाचल के छोटे से जिले हमीरपुर में कोरोना के बेशक अधिक मामले सामने आ रहे हों, लेकिन जिला का रिकवरी रेट भी बेहतर है. कोरोना पीड़ितों के उपचार के दौरान मानसिक तनाव से मुक्ति के लिए भी डॉक्टरों की टीम लगातार काम कर रही है.

जिला प्रशासन भी कोरोना काल में अपनी भूमिका निभा रहा है. जिसके चलते उपायुक्त हमीरपुर खुद स्वास्थ हुए मरीजों से मिलने जाते हैं और उनको समाज को प्रेरित करने के लिए भी प्रोत्साहित करते हैं. जिला कोविड केयर सेंटर एनआईटी हमीरपुर में जब लोगों को स्वस्थ होने के बाद घर भेजा जाता है, तो उपायुक्त खुद उनसे मिलने पहुंचते हैं. यहां पर सामाजिक दूरी का ध्यान रखते हुए वह मरीजों का हौसला भी बढ़ाते हैं.

वीडियो रिपोर्ट.

उपायुक्त हमीरपुर हरिकेश मीणा ने कहा कि कोरोना संक्रमित लोग हिम्मत के साथ बीमारी का सामना कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि यह लोग समाज में लोगों के लिए प्रेरणा का स्त्रोत बन सकते हैं. समाज को भी इन्हें सम्मान के साथ अपनाना होगा. उन्होंने कहा कि मरीजों को तनाव से मुक्ति दिलाने का काम बेहद जरूरी है. वहीं, डॉक्टरो की टीम इसके लिए कार्य कर रही है.

हरिकेश मीणा ने कहा कि कहा कि कई बार मरीजों के फॉलोअप सैंपल की रिपोर्ट पॉजिटिव आती है, तो उन्हें प्रोत्साहित करना पड़ता है. इसके अलावा मरीजों के परिजनों से भी बातचीत की जाती है कि वह घबराए नहीं. हरिकेश मीणा ने बताया कि कई बार मरीजों की पहली रिपोर्ट ही नेगेटिव आ जाती है, लेकिन कई दफा रिपोर्ट पॉजिटिव आने पर मरीजों के साथ परिजनों से भी बातचीत की जाती है.

बता दें कि जिला में कोरोना के नए मामले लगातार सामने आ रहे हैं. ऐसे में जिला में सावधानी बरतना और भी जरूरी हो जाता है. जिला प्रशासन का प्रयास है कि जो लोग स्वस्थ हो चुके हैं उनको प्रोत्साहित किया जाए ताकि वह समाज में घुल मिलकर लोगों को प्रेरित कर सकें.

गौर रहे कि उपायुक्त हमीरपुर भी इस मामले में एक नजीर पेश कर रहे हैं. वह खुद स्वस्थ हुए मरीजों से मिलकर उन्हें उत्साहित करते हैं. इसके अलावा फोन पर उन मरीजों से भी बात की जाती है, जिनकी फॉलोअप सैंपल रिपोर्ट पॉजिटिव आती है ताकि वह घबराए नहीं और डटकर बीमारी का मुकाबला करें.

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