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बांग्लादेश 95 भारतीय मछुआरों को रिहा करेगा, तीन महीने से जेल में हैं बंद - INDIAN FISHERMEN

पश्चिम बंगाल के दक्षिण 24 परगना जिले के रहने वाले ये मछुआरे अंतरराष्ट्रीय जलक्षेत्र में भटक गए थे और उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया था.

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प्रतीकात्मक तस्वीर (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Jan 1, 2025, 8:50 PM IST

काकद्वीप: बांग्लादेश 95 भारतीय मछुआरों को छह नावों के साथ रिहा करेगा, जो तीन महीने से जेल में बंद हैं. इस मामले पर दोनों देशों के बीच कई दौर की चर्चा हुई. हालांकि, मछुआरों के परिवार इस प्रक्रिया में तेजी लाने में सरकार की उदासीनता की आलोचना की थी.

कुछ दिन पहले, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बांग्लादेश में बंद एक दर्जन मछुआरों की जल्द रिहाई की बात कही थी, जिन्हें बाद में छोड़ दिया गया था. इसके बाद, बांग्लादेश की अंतरिम सरकार ने शेष मछुआरों को रिहा करने का फैसला लिया.

बांग्लादेश की जेल में बंद मछुआरे बंगाल के दक्षिण 24 परगना जिले के सुंदरबंद के काकद्वीप के रहने वाले हैं, जो तीन महीने पहले मछली पकड़ने की तलाश में अंतरराष्ट्रीय जल क्षेत्र में भटक गए थे, जिसके कारण उन्हें बांग्लादेश की नौसेना ने गिरफ्तार कर लिया था. तब से, उनके परिवार उनकी स्थिति को लेकर परेशान हैं और रिहाई की मांग कर रहे हैं.

हाल ही में अल्पसंख्यकों के उत्पीड़न के साथ-साथ बांग्लादेश की राजनीति में उथल-पुथल के कारम उनकी रिहाई और मुश्किल हो गई थी और भारतीय अधिकारियों के पास इस पर कोई संतोषजनक जवाब नहीं था. लेकिन बनर्जी की मछुआरों की शीघ्र रिहाई की मांग ने सुंदरबन के मछुआरों के बीच उम्मीद जगाई थी, जो आखिरकार पूरी होने जा रही है.

काकद्वीप के विधायक मंटूराम पाखिरा ने कहा कि संकटग्रस्त बांग्लादेश द्वारा 95 मछुआरों को उनकी नावों के साथ रिहा किया जाना मछुआरे परिवारों के लिए बड़ी राहत की बात है क्योंकि उन्हें पता है कि सरकार उनके साथ है.

यह भी पढ़ें- रेलवे का बड़ा फैसला, बदल गए ट्रेनों के नंबर, जीरो नंबरिंग सिस्टम खत्म

काकद्वीप: बांग्लादेश 95 भारतीय मछुआरों को छह नावों के साथ रिहा करेगा, जो तीन महीने से जेल में बंद हैं. इस मामले पर दोनों देशों के बीच कई दौर की चर्चा हुई. हालांकि, मछुआरों के परिवार इस प्रक्रिया में तेजी लाने में सरकार की उदासीनता की आलोचना की थी.

कुछ दिन पहले, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बांग्लादेश में बंद एक दर्जन मछुआरों की जल्द रिहाई की बात कही थी, जिन्हें बाद में छोड़ दिया गया था. इसके बाद, बांग्लादेश की अंतरिम सरकार ने शेष मछुआरों को रिहा करने का फैसला लिया.

बांग्लादेश की जेल में बंद मछुआरे बंगाल के दक्षिण 24 परगना जिले के सुंदरबंद के काकद्वीप के रहने वाले हैं, जो तीन महीने पहले मछली पकड़ने की तलाश में अंतरराष्ट्रीय जल क्षेत्र में भटक गए थे, जिसके कारण उन्हें बांग्लादेश की नौसेना ने गिरफ्तार कर लिया था. तब से, उनके परिवार उनकी स्थिति को लेकर परेशान हैं और रिहाई की मांग कर रहे हैं.

हाल ही में अल्पसंख्यकों के उत्पीड़न के साथ-साथ बांग्लादेश की राजनीति में उथल-पुथल के कारम उनकी रिहाई और मुश्किल हो गई थी और भारतीय अधिकारियों के पास इस पर कोई संतोषजनक जवाब नहीं था. लेकिन बनर्जी की मछुआरों की शीघ्र रिहाई की मांग ने सुंदरबन के मछुआरों के बीच उम्मीद जगाई थी, जो आखिरकार पूरी होने जा रही है.

काकद्वीप के विधायक मंटूराम पाखिरा ने कहा कि संकटग्रस्त बांग्लादेश द्वारा 95 मछुआरों को उनकी नावों के साथ रिहा किया जाना मछुआरे परिवारों के लिए बड़ी राहत की बात है क्योंकि उन्हें पता है कि सरकार उनके साथ है.

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