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सुषमा स्वराज का हिमाचल से था गहरा नाता, काम के प्रति अपनी कर्मठता के लिए उनकी थी अलग पहचान

बात 1989 की है जब पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल हिमाचल भाजपा के अध्यक्ष थे. उस दौरान सुषमा स्वराज हिमाचल की भाजपा प्रभारी थी. पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल ने उनके निधन पर ईटीवी भारत से यादें साझा की हैं. उनको याद करते हुए धूमल भावुक हो उठे.

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Published : Aug 7, 2019, 5:33 PM IST

sushma swaraj

हमीरपुर: पूर्व केंद्रीय मंत्री सुषमा स्वराज का हिमाचल से गहरा नाता रहा. हिमाचल में भाजपा के प्रभारी रहते हुए उन्होंने पार्टी को ऊंचाइयों पर ले जाने के लिए कार्य किया था. जब पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल हिमाचल में भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष थे, तब सुषमा स्वराज हिमाचल भाजपा की प्रभारी थी.


बात 1989 की है जब पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल हिमाचल भाजपा के अध्यक्ष थे. उस दौरान सुषमा स्वराज हिमाचल की भाजपा प्रभारी थी. पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल ने उनके निधन पर ईटीवी भारत से यादें साझा की हैं. उनको याद करते हुए धूमल भावुक हो उठे.

पूर्व सीएम प्रेम कुमार धूमल


पूर्व मुख्यमंत्री धूमल ने कहा कि उरग्वे में अंतरराष्ट्रीय कांफ्रेंस हुई थी उस कॉन्फ्रेंस में सांसद रहते हुए उन्होंने कश्मीर पर अपना पक्ष रखा था. इस दौरान पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा था कि मसला यह नहीं है कि कश्मीर में क्या हो रहा है, बल्कि यह है कि जो कश्मीर का हिस्सा पाकिस्तान के नाजायज कब्जे में है वह हमारा कब होगा.


पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि बाद में पूर्व केंद्रीय मंत्री सुषमा स्वराज ने कश्मीर पर अपना पक्ष रखा था और उसके बाद जब वह मुझसे मिली तो कहा कि आपकी स्पीच को हमें रेफरेंस स्पीच के रूप में दिया गया था. धूमल ने कहा कि वर्ष 2007 में जब वह दिल्ली में थे तो अचानक हिमाचल में विधानसभा चुनाव का ऐलान हो गया और उन्हें केंद्रीय नेतृत्व ने हिमाचल भेजा उस दौरान वह सुषमा स्वराज से मिलने गए थे तो उन्होंने विदाई के वक्त गाड़ी तक छोड़ने आई और कहा था "मैं आपको गाड़ी में बिठा रही हूं हिमाचल में आकर मैं आपको सीएम की कुर्सी पर बिठा आऊंगी"


पूर्व मुख्यमंत्री ने 90 के दशक की यादें साझा करते हुए कहा कि जब वहां हिमाचल भाजपा के प्रभारी थी तो करवा चौथ के पर्व के दिन व्यस्तता के चलते वह घर नहीं जा सकी थी जिस दिन उन्हें घर पर होना चाहिए था वह हिमाचल में भाजपा को मजबूत बनाने का कार्य कर रही थी.


राम जन्मभूमि आंदोलन के दौरान अचानक सभी सांसदों को दिल्ली आने के लिए सूचना दी गई थी. इस दौरान गिरफ्तारी दी जानी थी, लेकिन सुषमा स्वराज को इस चीज की जानकारी नहीं थी. वह डायबिटीज की मरीज थी लेकिन उसके बावजूद उन्होंने अपनी गिरफ्तारी देते हुए पार्टी के प्रति सर्वोच्च निष्ठा का उदाहरण दिया था.

हमीरपुर: पूर्व केंद्रीय मंत्री सुषमा स्वराज का हिमाचल से गहरा नाता रहा. हिमाचल में भाजपा के प्रभारी रहते हुए उन्होंने पार्टी को ऊंचाइयों पर ले जाने के लिए कार्य किया था. जब पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल हिमाचल में भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष थे, तब सुषमा स्वराज हिमाचल भाजपा की प्रभारी थी.


बात 1989 की है जब पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल हिमाचल भाजपा के अध्यक्ष थे. उस दौरान सुषमा स्वराज हिमाचल की भाजपा प्रभारी थी. पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल ने उनके निधन पर ईटीवी भारत से यादें साझा की हैं. उनको याद करते हुए धूमल भावुक हो उठे.

पूर्व सीएम प्रेम कुमार धूमल


पूर्व मुख्यमंत्री धूमल ने कहा कि उरग्वे में अंतरराष्ट्रीय कांफ्रेंस हुई थी उस कॉन्फ्रेंस में सांसद रहते हुए उन्होंने कश्मीर पर अपना पक्ष रखा था. इस दौरान पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा था कि मसला यह नहीं है कि कश्मीर में क्या हो रहा है, बल्कि यह है कि जो कश्मीर का हिस्सा पाकिस्तान के नाजायज कब्जे में है वह हमारा कब होगा.


पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि बाद में पूर्व केंद्रीय मंत्री सुषमा स्वराज ने कश्मीर पर अपना पक्ष रखा था और उसके बाद जब वह मुझसे मिली तो कहा कि आपकी स्पीच को हमें रेफरेंस स्पीच के रूप में दिया गया था. धूमल ने कहा कि वर्ष 2007 में जब वह दिल्ली में थे तो अचानक हिमाचल में विधानसभा चुनाव का ऐलान हो गया और उन्हें केंद्रीय नेतृत्व ने हिमाचल भेजा उस दौरान वह सुषमा स्वराज से मिलने गए थे तो उन्होंने विदाई के वक्त गाड़ी तक छोड़ने आई और कहा था "मैं आपको गाड़ी में बिठा रही हूं हिमाचल में आकर मैं आपको सीएम की कुर्सी पर बिठा आऊंगी"


पूर्व मुख्यमंत्री ने 90 के दशक की यादें साझा करते हुए कहा कि जब वहां हिमाचल भाजपा के प्रभारी थी तो करवा चौथ के पर्व के दिन व्यस्तता के चलते वह घर नहीं जा सकी थी जिस दिन उन्हें घर पर होना चाहिए था वह हिमाचल में भाजपा को मजबूत बनाने का कार्य कर रही थी.


राम जन्मभूमि आंदोलन के दौरान अचानक सभी सांसदों को दिल्ली आने के लिए सूचना दी गई थी. इस दौरान गिरफ्तारी दी जानी थी, लेकिन सुषमा स्वराज को इस चीज की जानकारी नहीं थी. वह डायबिटीज की मरीज थी लेकिन उसके बावजूद उन्होंने अपनी गिरफ्तारी देते हुए पार्टी के प्रति सर्वोच्च निष्ठा का उदाहरण दिया था.

Intro:एक्सक्लूसिव स्टोरी
हिमाचल में चुनावों के चलते करवा चौथ के पर्व पर भी घर नहीं जा सकी थी सुषमा स्वराज , प्रदेश से था गहरा नाता जाने पूर्व मुख्यमंत्री धूमल की जुबानी
हमीरपुर.
पूर्व केंद्रीय मंत्री सुषमा स्वराज का हिमाचल से गहरा नाता था हिमाचल में भाजपा के प्रभारी रहते हुए उन्होंने पार्टी को ऊंचाइयों पर ले जाने के लिए कार्य किया था। जब पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल हिमाचल में भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष थे तब सुषमा स्वराज हिमाचल भाजपा की प्रभारी थी। बात 1989 की जब पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल हिमाचल भाजपा के अध्यक्ष थे। उस दौरान सुषमा स्वराज हिमाचल की भाजपा प्रभारी थी पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल ने उनके निधन पर ईटीवी भारत से यादें साझा की हैं। उनको याद करते हुए धूमल भावुक हो उठे।
पूर्व मुख्यमंत्री धूमल ने कहा कि उरग्वे में अंतरराष्ट्रीय कांफ्रेंस हुई थी उस कॉन्फ्रेंस में सांसद रहते हुए उन्होंने कश्मीर पर अपना पक्ष रखा था इस दौरान पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा था कि मसला यह नहीं है कि कश्मीर में क्या हो रहा है बल्कि यह है कि जो कश्मीर का हिस्सा पाकिस्तान के नाजायज कब्जे में है वह हमारा कब होगा। पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि बाद में पूर्व केंद्रीय मंत्री सुषमा स्वराज ने कश्मीर पर अपना पक्ष रखा था और उसके बाद जब वह मुझसे मिली तो कहा कि आपकी स्पीच को हमें रेफरेंस स्पीच के रूप में दिया गया था। धूमल ने कहा कि वर्ष 2007 में जब वह दिल्ली में थे तो अचानक हिमाचल में विधानसभा चुनावों का ऐलान हो गया और उन्हें केंद्रीय नेतृत्व ने हिमाचल भेजा उस दौरान वह सुषमा स्वराज से मिलने गए थे तो उन्होंने विदाई के वक्त गाड़ी तक छोड़ने आई और कहा था कि अब मैं आपको गाड़ी में बिठा रही हूं हिमाचल में आकर मैं आपको सीएम की कुर्सी पर बिठा आऊंगी।
पूर्व मुख्यमंत्री ने 90 के दशक की यादें साझा करते हुए कहा कि जब वहां हिमाचल भाजपा के प्रभारी थी तो करवा चौथ के पर्व के दिन व्यस्तता के चलते वह घर नहीं जा सकी थी जिस दिन उन्हें घर पर होना चाहिए था वह हिमाचल में भाजपा को मजबूत बनाने का कार्य कर रही थी। राम जन्मभूमि आंदोलन के दौरान अचानक सभी सांसदों को दिल्ली आने के लिए सूचना दी गई थी इस दौरान गिरफ्तारी दी जानी थी लेकिन सुषमा स्वराज को इस चीज की जानकारी नहीं थी वह डायबिटीज की मरीज थी लेकिन उसके बावजूद उन्होंने अपनी गिरफ्तारी देते हुए पार्टी के प्रति सर्वोच्च निष्ठा का उदाहरण दिया था।



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