हमीरपुर: जिला के नादौन विधानसभा क्षेत्र की 3 पंचायतों में डायरिया का प्रकोप लगातार बढ़ता जा रहा है. 3 दिन के भीतर ही क्षेत्र की 3 पंचायतों के 22 गांव में 500 से अधिक लोग उल्टी और दस्त से पीड़ित हो गए हैं. संबंधित क्षेत्र की पेयजल योजनाओं का जल दूषित होने की आशंका के चलते जल शक्ति विभाग ने पानी की सप्लाई बंद कर दी है. इन तीनों योजनाओं का मुख्य सोर्स कुनाह खड्ड है. यहां से तीनों पेयजल योजनाओं के लिए रोजाना साढ़े चार लाख लीटर पानी लिफ्ट किया जाता है. बीमारी के फैलने के कारण जल शक्ति विभाग यहां पर टैंकर के जरिए लोगों को पानी मुहैया करवा रहा है.
दूषित पानी की वजह से डायरिया फैलने की आशंका: सोमवार शाम को इन पेयजल योजनाओं के पानी के सैंपल की डिटेल रिपोर्ट मिलेगी. उसके बाद ही पेयजल योजनाओं का पानी बहाल होगा. बीमारी फैलने के तीसरे दिन के बाद भी अभी तक कारणों का पता नहीं चल पाया है. माना यही जा रहा है कि दूषित पानी की वजह से यह डायरिया फैला है जिसके चलते लोग उल्टी-दस्त और हल्के बुखार का शिकार हो रहे हैं. स्वास्थ्य विभाग जल शक्ति विभाग द्वारा पानी के सैंपल डिटेल जांच के लिए कंडाघाट स्थित लैब में भेजे गए हैं इसके अलावा पानी के कुछ सैंपल एनआईटी हमीरपुर में स्थित लैब में भी जांच के लिए भेजे गए हैं.
स्वास्थ्य विभाग की टीम ने संभाला मोर्चा: पिछले 3 दिनों से लोग उल्टी और दस्त से पीड़ित है. बताया जा रहा है कि रंगस, कंडरोला और जोल सप्पड़ पंचायतों में अधिकतर लोग बीमार हुए हैं. मामला ध्यान में आने के बाद जिला स्वास्थ्य विभाग ने संबंधित गांव के लिए टीमें रवाना कर दी गई है. अब स्वास्थ्य विभाग की टीमें घर-घर जाकर लोगों के स्वास्थ्य की जांच कर रही हैं और अब लोगों को इस बीमारी से बचने के लिए पानी उबालकर पीने की सलाह दी जा रही है. बताया यह भी जा रहा है कि पिछले 3 दिनों से लोगों के बीमार होने का यह सिलसिला जारी है.
विभाग को सैंपल की डिटेल एनालिसिस रिपोर्ट का इंतजार: जल शक्ति विभाग हमीरपुर के अधीक्षण अभियंता नीरज भोगल का कहना है कि यहां पर पेयजल योजना के मुख्य सोर्स एक है जबकि तीन पेयजल योजनाओं के स्टोरेज टैंक को लगभग साढ़े 4 लाख लीटर पानी रोजाना लिफ्ट किया जाता है. उन्होंने कहा कि फिलहाल लोगों को टैंकर के जरिए पानी उपलब्ध करवाया जा रहा है. सोमवार शाम तक पेयजल योजनाओं से लिए गए सैंपल की डिटेल एनालिसिस रिपोर्ट भी आ जाएगी. अभी तक पेयजल योजना के फिजिकल केमिकल और मेट्रोलॉजिकल रिपोर्ट सामान्य है. लेकिन डिटेल एनालिसिस रिपोर्ट आने के बाद ही पेयजल योजनाओं की सप्लाई को बहाल किया जाएगा.
विभागीय लापरवाही की बात आ रही सामने: उल्टी और दस्त की वजह से प्रारंभिक तौर पर यह माना जा रहा है कि यह जल जनित रोग है और पेयजल योजना में पानी को खड्ड से उठाकर सीधा सप्लाई किया जा रहा है, जिससे लोग बीमार हुए हैं. पेयजल योजना के जरिए इस तरह से पानी वितरित करने का कार्य पिछले कई महीनों से पानी सप्लाई किया जा रहा है. लेकिन एकाएक लोगों के बीमार होने से अब पानी के दूषित होने की आशंका जताई जा रही है. फिलहाल पेयजल सप्लाई बंद करने के चलते योजनाओं की स्टोरेज टैंक की साफ-सफाई कर ली गई है और इनमें क्लोरिनेशन भी की गई है.
खेरी, बडवाल और थाई गांव में सबसे अधिक बीमार हुए लोग: खेरी में 57, बडवाल में 51 और थाई गांव में 42 लोग बीमार हुए हैं. इन गांव में सबसे अधिक कर मामले सामने आए हैं. इसके अलावा 3 पंचायतों के लगभग 22 गांव में 500 से अधिक लोग इस बीमारी से पीड़ित हो गए हैं. नियाटी, शंकर, थायीं, जन्दरी राजपूतां, जन्दरी गुजरा, बणा, ढाई थापर, रन्गस और बलों में अभी तक 125 लोग बीमार पाए गए हैं.
क्या बोलीं डीसी हमीरपुर देवश्वेता बनिक: डीसी हमीरपुर देवश्वेता बनिक का कहना है कि लोगों को खाने पीने कि एहतियात बरतने के सलाह दी जा रही है. उन्होंने बताया कि जल शक्ति विभाग को निर्देश दिए गए हैं कि पेयजल योजनाओं की साफ-सफाई की जाए. जिला प्रशासन परिस्थिति को मॉनिटर कर रहा है. स्वास्थ्य विभाग की टीम भी लगातार क्षेत्र में कार्य कर रही है और यहां पर एंबुलेंस भी स्टैंडबाई पर रखी गई है.
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