हमीरपुर: हिमाचल में नशा तस्करी थमने का नाम नहीं ले रहा है. दरअसल, पिछले कुछ समय में हिमाचल प्रदेश में नशा तस्करी के मामले में दर्ज किए गए केस में 40% वृद्धि हुई है. इतना ही नहीं नशाखोरी से जुड़े हुए मामलों में पुलिस की कार्रवाई 50% अधिक बढ़ गई है. हिमाचल प्रदेश पुलिस के डीजीपी संजय कुंडू ने कहा है कि वर्तमान सरकार के सत्ता में आने के बाद नशे के खिलाफ प्रमुखता से कार्य किया जा रहा है. यही वजह है कि एनडीपीएस के तहत दर्ज होने वाले केस में 40% की बढ़ोतरी दर्ज की गई है.
नशाखोरों को पकड़ने में बढ़ोतरी: डीजीपी संजय ने कहा कि नशे के खिलाफ जंग लड़ने के लिए पुलिस हर वक्त तैयार है और नशे के प्रति प्रदेश सरकार भी गंभीर है. उन्होंने कहा कि नूरपूर से चिटटे की खेप आती है और सबसे ज्यादा नूरपूर से करोड़ों का चिट्टा और नगदी पकड़ी गई है. हिमाचल में जेल की क्षमता 2400 कैदियों की है, लेकिन 1300 लोग नशे के आदी सजा काट रहे है. डीजीपी कुंडू ने कहा क्राइम को लेकर जिले में कटौती हुई है और सड़क दुर्घटनाओं में कमी आने के लिए पुलिस बधाई की पात्र है. वहीं ड्रग्स के मामलों में बढ़ोतरी हुई है लेकिन नई सरकार ने नशा को खत्म करने के लिए प्राथमिकता के तौर पर काम किया है और 32 प्रतिशत नशाखोरों को पकड़ने में वृद्धि हुई है तो, मामलों में दर्ज किए गए केस में 40 प्रतिशत वृद्धि हुई है. वहीं, नशाखोरी में 20 करोड़ से ज्यादा संपति जब्त की गई है.
आपदा में 31 लोग लापता: डीजीपी संजय कुंडू ने कहा कि हिमाचल में हुई बाढ़ त्रासदी में जिन लोगों के शवों की पहचान अब तक नहीं हो पाई है. उनके डीएनए तो पुलिस रिजर्व करके रखने का काम कर रही है. भविष्य में कोई परिजन पुलिस के साथ संपर्क करते हैं तो उन्हें सही पहचान की जानकारी दी जा सकेगी. बाढ़ त्रासदी में अब तक 66 शव मिल चुके हैं. जबकि 31 लोग अभी भी लापता है. 15 सितंबर तक लापता लोगों को ढूंढने को लेकर पुलिस अभियान चलाएगी. उन्होंने बताया कि हमीरपुर जंगल बेरी बटालियन को व्यास नदी के किनारों पर लगातार पेट्रोलिंग करने के निर्देश दिए गए हैं. ताकि पानी का जलस्तर उतरने के बाद अगर कहीं कोई डेड बॉडी तैरती हुई किनारे पर दिखती तो उसे निकालकर उसकी पहचान की जाएगी.
बिलासपुर एम्स में 15 अगस्त को होगा पुलिस चैकी का शुभारंभ: डीजीपी संजय कुंडू ने कहा कि 5 अगस्त को बिलासपुर, मंडी और कुल्लू फोरलेन पर एक साथ पुलिस स्टेशन अपने वर्किंग मुड पर तैयार हो जाएंगे. यह पुलिस स्टेशन अपने-अपने संबंधित जिले के सदर थानों के साथ अटैच किए जाएंगे, जिसको लेकर सभी जिला के पुलिस अधीक्षक इन पुलिस स्टेशन के लिए स्थान चिन्हिंत करने में जुट गए है. अभी तक वह पुलिस स्टेशन निजी भवनों में चलाने की प्लानिंग तैयार की है, उसके कुछ समय बाद पुलिस अपने भवनों को तैयार करके इन पुलिस स्टेशनों को शिफ्ट कर देगी.
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