हमीरपुर: एक तरफ कोरोना वैश्विक महामारी के चलते बाहरी राज्यों से प्रदेश पहुंचे युवाओं को रोजगार देने के लिए सरकार प्रयास कर रही है, वहीं दूसरी ओर पिछले तीन सालों से हिमाचल प्रदेश कर्मचारी चयन आयोग के पोस्ट कोड 556 के तहत परीक्षा उत्तीर्ण करने वाले युवाओं को सिर्फ वादे ही मिले हैं. वादे और आश्वासन गली नुक्कड़ अथवा मंचों से नहीं बल्कि विधानसभा के पटल से दिए गए हैं, लेकिन नौकरी के लिए तंबू गाड़ कर अनशन करने वाले प्रदेश के इन सैकड़ों युवाओं का भविष्य सरकार की नजरअंदाजी से दांव पर लग गया है.
सरकार की बेरूखी से नाराज पोस्ट कोड 556 से अपात्र घोषित किए गए अभ्यर्थियों ने मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर से उन्हें भीख मांगने के लिए कटोरा देने की मांग की है. यह अभ्यर्थी पिछले तीन सालों से नौकरी के लिए आंदोलनरत हैं. कर्मचारी चयन आयोग हमीरपुर के माध्यम से पोस्ट कोड 556 के तहत सैकड़ों पदों को भरने के लिए भर्ती प्रक्रिया तीन साल पहले शुरू की गई थी, लेकिन चयन से ठीक कुछ समय पहले ही निजी संस्थानों एवं संस्थाओं के माध्यम से कंप्यूटर डिप्लोमा करने वाले परीक्षा उत्तीर्ण कर चुके 2400 के करीब अभ्यर्थियों को सरकार ने बाहर का रास्ता दिखा दिया था.
अब तीन साल तक आश्वासन देने के बाद इस पोस्ट कोड के तहत रिक्त बचे 500 से अधिक पदों को पोस्टकोड 727 में मर्ज करने की योजना सरकार बना रही है जिसका अब यह अभ्यर्थी विरोध कर रहे हैं. अभ्यर्थियों का कहना है कि तीन साल तक उन्हें आश्वासन दिया गया अब या तो नौकरी दी जाए या फिर मुख्यमंत्री उनके हाथ में कटोरा पकड़ा दें ताकि वह भीख मांगने के साथ ही सरकार के झूठे आश्वासनों के बारे में लोगों को बता सकें.
बुधवार को प्रदेश के मुख्यमंत्री को ज्ञापन प्रेषित करने के लिए डीसी हमीरपुर के कार्यालय पहुंचे अभ्यर्थी ने ईटीवी भारत के साथ विशेष बातचीत में कहा कि मुख्यमंत्री उनके साथ सैकड़ों अभ्यर्थियों को एक मौका दें. उन्हें डाक के माध्यम से ही एक कटोरा भेज दें जिससे सरकार के झूठे आश्वासनों से वह लोगों को अवगत करवा सके और भीख भी मांग पाएं.
बता दें कि हिमाचल प्रदेश कर्मचारी चयन आयोग हमीरपुर के तहत पोस्ट कोड 556 का परीक्षा परिणाम घोषित करने से एक या दो दिन पहले ही इन अभ्यर्थियों को अपात्र घोषित किया गया था. अभ्यर्थियों का कहना है कि इसके बाद यह मामला कोर्ट में चला गया था कोर्ट की तरफ से निर्णय आया था कि सरकार चाहे तो इनको वन टाइम रिलैक्सेशन दे सकती है.
विधानसभा में भी इस मामले को उठाया गया था , जिसके जवाब में मुख्यमंत्री ने कहा था कि इन अभ्यर्थियों के बारे में विचार किया जा रहा है, लेकिन अब इस पोस्ट कोड के तहत रिक्त रहे पदों को पोस्ट कोड 727 में मर्ज करने की बात सामने आने पर यह अभ्यर्थी पूरी तरह से निराश हो चुके हैं. अभ्यर्थियों ने डीसी के माध्यम से प्रदेश मुख्यमंत्री को ज्ञापन भी सौंपा है. अभ्यर्थियों ने अंतिम बार सरकार से यह मांग की है कि वह उन्हें एक मौका दें क्योंकि पिछले 3 सालों से वह मौके के इंतजार में हैं.
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