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सड़क सुविधा से आज भी वंचित है चंबा के ये गांव, स्थानीय जनता बोली- जो सड़क बनाएगा उसी को मिलेगा वोट

चंबा जिला के कई ऐसे इलाके है जहां आज भी लोगों के लिए सड़क सुविधा नहीं हैं. ऐसा ही एक क्षेत्र है चुराह विधानसभा की कल्हेल पंचायत. जहां की आबादी तीन हजार के करीब है, लेकिन आज भी उक्त पंचायत के एक दर्जन गांव सड़क सुविधा से वंचित है.

ऐसे जीने को मजबूर है इन गांवों के लोग.
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Published : Apr 9, 2019, 3:43 AM IST

चंबाः लोकसभा चुनाव 2019 के लिए हिमाचल प्रदेश में दोनों प्रमुख सियासी दलों ने लोगों के बीच में जाकर अपने उम्मीदवारों के लिए समर्थन जुटाना शुरू कर दिया है. एक तरफ बीजेपी मोदी के नाम पर विकास के ऐजेंडे की बात कर रही है तो वहीं, कांग्रेस भी मजबूती से ताल ठोकती नजर आ रही है, लेकिन इस सब के बीच चंबा जिले की एक तस्वीर भी है जो इन दावों और वादों की पोल खोलती नजर आती है. चंबा जिला के कई ऐसे इलाके है जहां आज भी लोगों के लिए सड़क सुविधा नहीं हैं. ऐसा ही एक क्षेत्र है चुराह विधानसभा की कल्हेल पंचायत. जहां की आबादी तीन हजार के करीब है, लेकिन आज भी उक्त पंचायत के एक दर्जन गांव सड़क सुविधा से वंचित है. जिसके चलते लोगों को दस से बारह किलोमीटर दूर पैदल सफर तय करके सड़क तक पहुंचना पड़ता हैं.

deprived of road facility
ऐसे जीने को मजबूर है इन गांवों के लोग


जानकारी के अनुसार बच्चों को दसवीं की शिक्षा हासिल करने के बाद बारहवीं की शिक्षा ग्रहन करने के लिए दस किलोमीटर दूर पैदल जाना पड़ता हैं. इन इलाकों में कोई बीमार हो जाए तो उसे पालकी के साहारे मुख्य मार्ग तक पहुंचाना पड़ता है. कल्हेल पंचायत खंदियारू, ढांड, नैला, बोहली, बन्हाल, देहरा, भरनोटी, भटका, टिपनागी, सरोली, भावला सहित ऐसे एक दर्जन गांव हैं, जहां हर बार लोकसभा और विधानसभा चुनाव के दौरान लोगों से बड़े-बड़े दावे किए जाते हैं, लेकिन हालात जस के तस बने हुए हैं. अब लोगों ने इसे चुनावी मुद्दा बना दिया है. लोगों का साफ तौर पर कहना है कि जो सड़क बनवाएगा उसी को वोट मिलेगा.

जानकारी देते स्थानीय युवा

स्थानीय लोगों का कहना है कि जब भी चुनाव आते हैं तो हमसे बड़े-बड़े वादे किए जाते हैं, लेकिन आज भी हमें दस से बारह किलोमीटर पैदल चलना पड़ता हैं. अगर कोई बीमार हो जाए तो मुश्किल और भी बढ़ जाती है. सभी पार्टियां आती है और बड़े बड़े वादे कर के चली जाती है. उनका कहना है कि इस बार का चुनाव अलग होगा, पहले जो हमें सड़क देगा उसी को इस बार वोट दिया जाएगा.
तीसा के एक्सेन हर्ष पूरी का कहना है कि मामला ध्यान में आया हैं और जैसे ही सरकार से अप्रूवल मिलती है तो इन मार्गों की जल्द डीपीआर सरकार को भेजेंगे. उसके बाद सरकार से अप्रूवल मिलने के बाद इसके टेंडर लगा दिए जाएंगे.

चंबाः लोकसभा चुनाव 2019 के लिए हिमाचल प्रदेश में दोनों प्रमुख सियासी दलों ने लोगों के बीच में जाकर अपने उम्मीदवारों के लिए समर्थन जुटाना शुरू कर दिया है. एक तरफ बीजेपी मोदी के नाम पर विकास के ऐजेंडे की बात कर रही है तो वहीं, कांग्रेस भी मजबूती से ताल ठोकती नजर आ रही है, लेकिन इस सब के बीच चंबा जिले की एक तस्वीर भी है जो इन दावों और वादों की पोल खोलती नजर आती है. चंबा जिला के कई ऐसे इलाके है जहां आज भी लोगों के लिए सड़क सुविधा नहीं हैं. ऐसा ही एक क्षेत्र है चुराह विधानसभा की कल्हेल पंचायत. जहां की आबादी तीन हजार के करीब है, लेकिन आज भी उक्त पंचायत के एक दर्जन गांव सड़क सुविधा से वंचित है. जिसके चलते लोगों को दस से बारह किलोमीटर दूर पैदल सफर तय करके सड़क तक पहुंचना पड़ता हैं.

deprived of road facility
ऐसे जीने को मजबूर है इन गांवों के लोग


जानकारी के अनुसार बच्चों को दसवीं की शिक्षा हासिल करने के बाद बारहवीं की शिक्षा ग्रहन करने के लिए दस किलोमीटर दूर पैदल जाना पड़ता हैं. इन इलाकों में कोई बीमार हो जाए तो उसे पालकी के साहारे मुख्य मार्ग तक पहुंचाना पड़ता है. कल्हेल पंचायत खंदियारू, ढांड, नैला, बोहली, बन्हाल, देहरा, भरनोटी, भटका, टिपनागी, सरोली, भावला सहित ऐसे एक दर्जन गांव हैं, जहां हर बार लोकसभा और विधानसभा चुनाव के दौरान लोगों से बड़े-बड़े दावे किए जाते हैं, लेकिन हालात जस के तस बने हुए हैं. अब लोगों ने इसे चुनावी मुद्दा बना दिया है. लोगों का साफ तौर पर कहना है कि जो सड़क बनवाएगा उसी को वोट मिलेगा.

जानकारी देते स्थानीय युवा

स्थानीय लोगों का कहना है कि जब भी चुनाव आते हैं तो हमसे बड़े-बड़े वादे किए जाते हैं, लेकिन आज भी हमें दस से बारह किलोमीटर पैदल चलना पड़ता हैं. अगर कोई बीमार हो जाए तो मुश्किल और भी बढ़ जाती है. सभी पार्टियां आती है और बड़े बड़े वादे कर के चली जाती है. उनका कहना है कि इस बार का चुनाव अलग होगा, पहले जो हमें सड़क देगा उसी को इस बार वोट दिया जाएगा.
तीसा के एक्सेन हर्ष पूरी का कहना है कि मामला ध्यान में आया हैं और जैसे ही सरकार से अप्रूवल मिलती है तो इन मार्गों की जल्द डीपीआर सरकार को भेजेंगे. उसके बाद सरकार से अप्रूवल मिलने के बाद इसके टेंडर लगा दिए जाएंगे.


स्पेशल रिपोर्ट
लोकसभा चुनाव 2019 का चुनावी बिगुल बज चूका है और हिमाचल प्रदेश में भी दोनों सियासी पार्टियाँ लोगों के बीच में जाकर अपन अपने उमीदवार के लिए समर्थन जुटाने में मशगूल हो गयी हैं ,लेकिन अज भी चंबा जिला के कई ऐसे इलाके है जहाँ आज भी लोगों के लिए सड़क सुविधा नहीं हैं , चुराह विधान सभा क्षेत्र की कल्हेल पंचायत  की आबादी तीन हजार के करीब हैं लेकिन आज भी उक्त पंचायत के एक दर्जन गाँव सड़क सुविधा से मेहरूम हैं ,जिसके चलते लोगों को दस से बारह किलोमीटर दूर पैदल सफ़र तय करके सड़क तक पहुंचना पड़ता हैं ,बच्चों को दसवीं की शिक्षा हासिल करने के बाद बारहवीं की शिक्षा ग्रहन करने के लिए दस किलोमीटर दूर पैदल जाना पड़ता हैं अगर खुदा ना खस्ता इन इलाकों में कोई बीमार हो जाए सोचों उसका क्या होगा ,कल्हेल पंचायत के खंदियारू ,ढांड,नैला,बोहली ,बन्हाल ,देहरा ,भरनोटी ,भटका ,टिपनागी ,सरोली ,भावला ,सोह सहित ऐसे एक दर्जन गाँव हैं जहाँ हर बार लोकसभा और विधान सभा चुनाव के दौरान लोगों से बड़े बड़े दावे किये जाते है लेकिन सात दशक बेत जाने के बाद भी आज हालात जस के तस बने हुए हैं अब लोगों ने इसे चुनावी मुद्दा बना दिया है ,और लोगों का साफ़ टूर पे कहना है की जो सड़क की बात करेगा उसी को वोट मिलेगा .

क्या कहते हैं स्थानीय युवा

वहीँ दूसरी और कल्हेल  पंचायत के एक दर्जन से अधिक गाँव के लोगों का कहना हैं की जब भी चुनाव आते हैं हमसे बड़े किये जाते हैं की आपको सड़क सुविधा मिलेगी लेकिन अज भी हमें दस से बारह किलोमीटर पैदल चलना पड़ता हैं अगर कोई बीमार हो जाए तो मुश्किल और भी बढ़ सकती हैं सभी पार्टियाँ आती है और बड़े बड़े दावे करती है की आप हमें वोट दो हम आपको सड़क देंगे लेकिन हमारा इस बार का चुनाव अलग होगा पहले जो हमें सड़क देगा उसी को इस बार वोट दिया जाएगा .

क्या कहते हैं एक्सेन हर्ष पूरी
वहीँ दूसरी और तीसा के एक्सेंन हर्ष पूरी का कहना हैं की आपने मामला ध्यान में लाया हैं सरकार से अप्रूवल मिलती हैं इस मार्ग की हम जल्द डीपीआर सरकार को भेजेंगे उसके बाद सर्कार से जैसे अप्रूवल मिलती हैं इसके टेंडर लगा दिए जाएंगे .
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