चंबा: उत्तर भारत की प्रसिद्व मणिमहेश यात्रा के सबसे अहम पड़ाव भरमाणी माता मंदिर में स्थानीय कमेटी ने दानपात्रों को हटा दिया है. उपमंडलीय प्रशासन ने इन दानपात्रों को अवैध करार देते हुए शुक्रवार को इन्हें हटाया.
तहसीलदार भरमौर केशव राम की अगुवाई में टीम ने इस कार्रवाई को अंजाम दिया. पूरी कार्रवाई के दौरान पुलिसबल भी मौजूद रहे. बहरहाल मणिमहेश यात्रा में न्यास की आय को बढ़ाने के लिए प्रशासन कडे़ फैसले ले रहा है.
भरमाणी माता मंदिर में दर्शन और कुंड में स्नान करने के बाद ही मणिमहेश यात्रा शुरू की जाती है. मान्यता है कि भरमाणी माता के दर में हाजिरी भरे बिना मणिमहेश यात्रा अधूरी मानी जाती है. पता चला है कि भरमाणी माता मंदिर में स्थानीय कमेटी की ओर से अपने दानपात्र स्थापित किए गए थे, जिन्हें मणिमहेश न्यास ने हटा कर अपने दानपात्र स्थापित करने की दिशा में कदम उठाया है.
इसी कड़ी में शुक्रवार को स्थानीय कमेटी के दो दानपात्रों को हटा दिया गया है जबकि मणिमहेश न्यास की ओर से यहां पर अपने तीन दानपात्र स्थापित कर ताले लगा दिए गए हैं. तहसीलदार भरमौर केशव राम का कहना है कि शुक्रवार को पुलिस की मौजूदगी में ये कार्रवाई की गई.
बता दें कि मणिमहेश यात्रा के लिए अभी तक प्रदेश की सरकारों की ओर से उम्मीद के अनुरूप विशेष बजट नहीं मिल पाया है. अलबता प्रशासन अपने स्तर पर ही यात्रियों को सहूलियत प्रदान करने हेतू बजट का प्रबंध करता है. फिलहाल मणिमहेश न्यास को धरातल पर चलाने के लिए प्रशासन की ओर से कडे़ कदम उठाए जा रहे हैं.