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मणिमहेश यात्रा के लिए नंगे पांव चंबा पहुंचे कठुआ से आए श्रद्धालु, जम्मू-कश्मीर से भगवान शिव का है खास नाता

हर साल लाखों भक्त मणिमहेश में यात्रा के लिए आते हैं. कहा जाता है की शिवजी जम्मू कश्मीर से यहां आये हैं. माना जाता है कि उनका जन्म स्थान कश्मीर में है.

मणिमहेश यात्रा
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Published : Aug 30, 2019, 12:00 AM IST

चंबा: सुप्रसिद्ध मणिमहेश यात्रा के लिए वीरवार को जम्मू कश्मीर के कठुआ से आया श्रद्धालुओं का दल चंबा के कोटि पहुंचा. जिसके बाद यह दल चंबा के लिए रवाना हुआ.

गौर हो हर साल लाखों भक्त मणिमहेश में यात्रा के लिए आते हैं. कहा जाता है की शिवजी जम्मू कश्मीर से यहां आये हैं. माना जाता है कि उनका जन्म स्थान कश्मीर में है, लेकिन महाभारत काल के दौरान वो भरमौर के कैलाश में आकर बस गए थे. हर साल लाखों की संख्या में यहां भक्त भोले के दरबार में आते हैं और डल झील में स्नान कर कैलाश पर्वत के दर्शन करते हैं. जम्मू कश्मीर से विशेष नाता होने के चलते हर साल यहां से श्रद्धालु चिलचिलाती धूप में नंगे पांव इस पवित्र यात्रा पर निकलते हैं.

जम्मू कश्मीर से आये भक्तों ने कहा कि हम जम्मू कश्मीर से आये हैं और हमारी आस्था शिव भोले के दरबार में हैं. उन्होंने कहा कि पहले शिव भोले कश्मीर में थे, उसके बाद चंबा के भरमौर आकर बसे हैं. हम पैदल मार्ग घर से शुरू कर नंगे पांव यात्रा करते हुए शिव कैलाश भरमौर पहाड़ पर पहुंचते हैं.

वीडियो

ये भी पढ़ें: इस यात्रा को एडवेंचर न समझें, मणिमहेश यात्रा पर आए तीसरे श्रद्धालु की मौत

चंबा: सुप्रसिद्ध मणिमहेश यात्रा के लिए वीरवार को जम्मू कश्मीर के कठुआ से आया श्रद्धालुओं का दल चंबा के कोटि पहुंचा. जिसके बाद यह दल चंबा के लिए रवाना हुआ.

गौर हो हर साल लाखों भक्त मणिमहेश में यात्रा के लिए आते हैं. कहा जाता है की शिवजी जम्मू कश्मीर से यहां आये हैं. माना जाता है कि उनका जन्म स्थान कश्मीर में है, लेकिन महाभारत काल के दौरान वो भरमौर के कैलाश में आकर बस गए थे. हर साल लाखों की संख्या में यहां भक्त भोले के दरबार में आते हैं और डल झील में स्नान कर कैलाश पर्वत के दर्शन करते हैं. जम्मू कश्मीर से विशेष नाता होने के चलते हर साल यहां से श्रद्धालु चिलचिलाती धूप में नंगे पांव इस पवित्र यात्रा पर निकलते हैं.

जम्मू कश्मीर से आये भक्तों ने कहा कि हम जम्मू कश्मीर से आये हैं और हमारी आस्था शिव भोले के दरबार में हैं. उन्होंने कहा कि पहले शिव भोले कश्मीर में थे, उसके बाद चंबा के भरमौर आकर बसे हैं. हम पैदल मार्ग घर से शुरू कर नंगे पांव यात्रा करते हुए शिव कैलाश भरमौर पहाड़ पर पहुंचते हैं.

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Intro:जम्मू कश्मीर से शिव भोले का हैं गहरा नाता ,हर तीसरे साल जम्मू कश्मीर से महिलाओं पुरषों सहित अन्य लोग नंगे पाँव पहुँचते हैं मणिमहेश ,भोले के दरवार ,

शिव भोले का निवास स्थान मणिमहेश के कैलाश में जरूर स्थित है ,लेकिन जम्मू कश्मीर से शिव भोले बाबा का विशेष नाता है कहा जाता है की शिवजी जमू कश्मीर से यहाँ आये हैं ऊ का जन्म स्थान कश्मीर में हैं लेकिन महाभारत काल के दौरान वो भरमौर के कैलाश में आकर बस गए थे ,हर साल लाखों की संख्या में यहाँ भक्त भोले के दरवार में आते हैं और उनके कैलाश पर्वत सहित डल झील का स्नान करते हैं आज जम्मू कश्मीर से कठुआ जिला से पैदल यात्रा करते हुए नंगे पाव शिव भोले के दरवार के लिए बनी से होते हुए एक दल सलूणी किहार से होते हुए ,कोटि पहुंचा और आगे चंबा के लिए रवाना हुआ ,Body:जमू कश्मीर से विशेष नाता होना के चलते हर साल हजारों की संख्या में जमू कश्मीर राज्य से भक्तो का दल चिलचिलाती धुप में नंगे पाँव इस पवित्र यात्रा पे निकलता हैं ,Conclusion:वहीँ दूसरी और जम्मू कश्मीर से आये भक्तों ने सलूणी में कहा की हम जम्मू कश्मीर से आये हैं और हमारी आस्था शिव भोले के दरवार में हैं पहले शिब भोले कश्मीर में थे उसके बाद चंबा के भरमौर आकर बसे हैं ,और हम पैदल मार्ग घर से शुरू करते हैं उसके बाद आगे का सफर यु ही आगे बढ़ता है ऐसे में हम सबकों घर से पैदल नंगे पाब यात्रा करते हुए शिब कैलाश भरमौर पहाड़ पे पहुंचना होता हैं
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