शिमला: हिमाचल जैसे पहाड़ी क्षेत्र में पर्यटन को लेकर आपार संभावनाएं है. अगर हिमाचल में सही तरीके से पर्यटन को विकसित किया जाए तो यहां बेरोजगार युवाओं के लिए भी रोजगार के अवसर सृजित किए जा सकते हैं. लेकिन हर बार केंद्र सरकारों की ओर से हिमाचल की पर्यटन की दृष्टि से अनदेखी की गई है.
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हिमाचल को विकसित करने की दिशा में इसे टूरिस्ट हब बनाने को लेकर कोई भी कदम नहीं उठाया गया है. इस बार भी दोनों दलों ने अपने घोषणा पत्र में पर्यटन को विकसित करने तक की बात का जिक्र नहीं किया है. ऐसे में प्रदेश के लोगों में इसको लेकर गुस्सा है.
शिमला के लोगों का कहना है कि हिमाचल को जिस स्तर पर पर्यटन से ऊपर उठाया जा सकता था, उसके लिए कोई कार्य नहीं किया गया है. स्थानीय निवासी सुभाष शर्मा का कहना है कि हिमाचल को पर्यटन की दृष्टि से विकसित करने के लिए काफी संभावनाएं है, लेकिन सरकारें इस दिशा में काम नहीं कर रही.
शिमला को भले ही स्मार्ट सिटी बनाया जाना है लेकिन इसमें भी पर्यटन के लिए अहम मेट्रो और अच्छी सड़कों का प्रपोजल ही नहीं है. इस दिशा में अगर सरकार ध्यान दे तो न केवल यहां पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा बल्कि बेरोजगारी की मार झेल रहे युवाओं के लिए रोजगार के अवसर सृजित होंगे.
वहीं, जीवन ठाकुर ने कहा कि सरकार कोई भी हो हर बार हिमाचल को लेकर बड़े-बड़े वादे करती है लेकिन चुनाव के बाद वो वादे पूरे नहीं होते हैं. ऐसे में जनता भी अब विचार विमर्श कर ही अपने मतदान का प्रयोग करती. प्रदेश में पर्यटन के मुद्दे को लेकर सुंदरलाल का कहना है कि शिमला में बाहरी राज्यों के साथ ही विदेशों से भी पर्यटक घूमने के लिए आते है, लेकिन यहां सड़कों की हालत खराब है.