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हिमाचल पर्यटन की संभावनाएं अपार, स्थानीय लोगों ने लगाया सरकार पर अनदेखी का आरोप

शिमला के लोगों का कहना है कि हिमाचल को जिस स्तर पर पर्यटन से ऊपर उठाया जा सकता था उसके लिए कोई कार्य नहीं किया गया है. इस बार भी दोनों दलों ने अपने घोषणा पत्र में पर्यटन को विकसित करने तक की बात का जिक्र नहीं किया है.

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Published : May 17, 2019, 12:09 PM IST

शिमला: हिमाचल जैसे पहाड़ी क्षेत्र में पर्यटन को लेकर आपार संभावनाएं है. अगर हिमाचल में सही तरीके से पर्यटन को विकसित किया जाए तो यहां बेरोजगार युवाओं के लिए भी रोजगार के अवसर सृजित किए जा सकते हैं. लेकिन हर बार केंद्र सरकारों की ओर से हिमाचल की पर्यटन की दृष्टि से अनदेखी की गई है.

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ये भी पढ़े: सुरेश चंदेल की अनुराग ठाकुर को चुनौती, हवा में बातें करने वाले 5 साल की अपनी एक भी उपलब्धि बताएं

हिमाचल को विकसित करने की दिशा में इसे टूरिस्ट हब बनाने को लेकर कोई भी कदम नहीं उठाया गया है. इस बार भी दोनों दलों ने अपने घोषणा पत्र में पर्यटन को विकसित करने तक की बात का जिक्र नहीं किया है. ऐसे में प्रदेश के लोगों में इसको लेकर गुस्सा है.

शिमला के लोगों का कहना है कि हिमाचल को जिस स्तर पर पर्यटन से ऊपर उठाया जा सकता था, उसके लिए कोई कार्य नहीं किया गया है. स्थानीय निवासी सुभाष शर्मा का कहना है कि हिमाचल को पर्यटन की दृष्टि से विकसित करने के लिए काफी संभावनाएं है, लेकिन सरकारें इस दिशा में काम नहीं कर रही.

स्थानीय निवासी

शिमला को भले ही स्मार्ट सिटी बनाया जाना है लेकिन इसमें भी पर्यटन के लिए अहम मेट्रो और अच्छी सड़कों का प्रपोजल ही नहीं है. इस दिशा में अगर सरकार ध्यान दे तो न केवल यहां पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा बल्कि बेरोजगारी की मार झेल रहे युवाओं के लिए रोजगार के अवसर सृजित होंगे.

वहीं, जीवन ठाकुर ने कहा कि सरकार कोई भी हो हर बार हिमाचल को लेकर बड़े-बड़े वादे करती है लेकिन चुनाव के बाद वो वादे पूरे नहीं होते हैं. ऐसे में जनता भी अब विचार विमर्श कर ही अपने मतदान का प्रयोग करती. प्रदेश में पर्यटन के मुद्दे को लेकर सुंदरलाल का कहना है कि शिमला में बाहरी राज्यों के साथ ही विदेशों से भी पर्यटक घूमने के लिए आते है, लेकिन यहां सड़कों की हालत खराब है.

शिमला: हिमाचल जैसे पहाड़ी क्षेत्र में पर्यटन को लेकर आपार संभावनाएं है. अगर हिमाचल में सही तरीके से पर्यटन को विकसित किया जाए तो यहां बेरोजगार युवाओं के लिए भी रोजगार के अवसर सृजित किए जा सकते हैं. लेकिन हर बार केंद्र सरकारों की ओर से हिमाचल की पर्यटन की दृष्टि से अनदेखी की गई है.

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हिमाचल को विकसित करने की दिशा में इसे टूरिस्ट हब बनाने को लेकर कोई भी कदम नहीं उठाया गया है. इस बार भी दोनों दलों ने अपने घोषणा पत्र में पर्यटन को विकसित करने तक की बात का जिक्र नहीं किया है. ऐसे में प्रदेश के लोगों में इसको लेकर गुस्सा है.

शिमला के लोगों का कहना है कि हिमाचल को जिस स्तर पर पर्यटन से ऊपर उठाया जा सकता था, उसके लिए कोई कार्य नहीं किया गया है. स्थानीय निवासी सुभाष शर्मा का कहना है कि हिमाचल को पर्यटन की दृष्टि से विकसित करने के लिए काफी संभावनाएं है, लेकिन सरकारें इस दिशा में काम नहीं कर रही.

स्थानीय निवासी

शिमला को भले ही स्मार्ट सिटी बनाया जाना है लेकिन इसमें भी पर्यटन के लिए अहम मेट्रो और अच्छी सड़कों का प्रपोजल ही नहीं है. इस दिशा में अगर सरकार ध्यान दे तो न केवल यहां पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा बल्कि बेरोजगारी की मार झेल रहे युवाओं के लिए रोजगार के अवसर सृजित होंगे.

वहीं, जीवन ठाकुर ने कहा कि सरकार कोई भी हो हर बार हिमाचल को लेकर बड़े-बड़े वादे करती है लेकिन चुनाव के बाद वो वादे पूरे नहीं होते हैं. ऐसे में जनता भी अब विचार विमर्श कर ही अपने मतदान का प्रयोग करती. प्रदेश में पर्यटन के मुद्दे को लेकर सुंदरलाल का कहना है कि शिमला में बाहरी राज्यों के साथ ही विदेशों से भी पर्यटक घूमने के लिए आते है, लेकिन यहां सड़कों की हालत खराब है.

Intro:हिमाचल जैसे पहाड़ी क्षेत्र में पर्यटन को लेकर आपार संभावनाएं है। पर्यटन को यहां विकसित किया जाए तो यहां के बेरोजगार युवाओं के लिए भी रोजगार के अवसर सृजित किए जा सकते है लेकिन हर बार केंद्र सरकारों की ओर से हिमाचल की पर्यटन की दृष्टि से अनदेखी की गई है और हिमाचल को विकसित करने की दिशा में इसे टूरिस्ट हब बनाने को लेकर कोई भी कदम नहीं उठाया गया है। इस बार भी दोनों दलों ने अपने घोषणा पत्र में पर्यटन को विकसित करने तक की बात का जिक्र नहीं किया है। ऐसे में प्रदेश के लोगों मे इसको लेकर गुस्सा है। शिमला के लोगों का कहना है कि हिमाचल को जिस स्तर पर पर्यटन से ऊपर उठाया जा सकता था उसके लिए कोई कार्य नहीं किया गया है।


Body:सुभाष शर्मा का कहना है कि हिमाचल को पर्यटन की दृष्टि से विकसित करने के लिए काफी संभावनाएं है,लेकिन सरकारें इस दिशा में काम नहीं कर रही। शिमला को भले ही स्मार्ट सिटी बनाया जाना है लेकिन इसमें भी पर्यटन के लिए अहम मेट्रो ओर अच्छी सड़कों का प्रपोजल ही नहीं है। इस दिशा में अगर सरकारें ध्यान दे तो ना केवल यहां पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा ओर जो युवा बेरोजगारी की मार झेल रहे है उन्हें रोजगार के अवसर मिलेंगे ,लेकिन सरकार इस दिशा में काम ही नहीं करना चाहती है। वहीं जीवन ठाकुर ने कहा कि सरकार कोई भी हो हर बार बस हिमाचल को लेकर बड़े बड़े वादे करती है लेकिन चुनावों के बाद वो वादे पूरे नहीं होते है। ऐसे में जनता भी अब विचार विमर्श कर ही अपने मतदान का प्रयोग करती है कि जो सरकार हिमाचल के मुद्दे के बारे में बात करें उसे ही चुना जाए।


Conclusion:प्रदेश में पर्यटन के मुद्दे को लेकर सुंदरलाल का कहना है कि शिमला में बाहरी राज्यों के साथ ही विदेशों से भी पर्यटक घूमने के लिए आते है लेकिन यहां सड़कों की हालत खराब है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में कई जगह ऐसी है जिन्हें पर्यटन की दृष्टि से विकसित किया जा सकता है लेकिन उन्हें भी अनदेखा किया जा रहा है। हिमाचल के लिए सरकारें केवल वायदों तक ही सीमित है। तो वहीं राजीव वर्मा का कहना है कि शिमला जो कि टूरिस्ट डेस्टिनेशन के रूप में विश्वभर में जाना जाता है वहां बीते वर्ष पानी की कमी से पर्यटकों को यहां आने से रोका गया। पर्यटक स्थलों को जाने वाली सड़कों के खस्ताहाल है केंद्र की सरकार की ओर से हिमाचल की अनदेखी की जा रही है और प्रदेश में पर्यटन को विकसित करने के लिए कोई पहल नहीं कि जा रही है।ऐसे में इन लोकसभा चुनावों में हिमाचल में पर्यटन एक अहम मुद्दा है और अनदेखी करने वाली सरकार को इसका खामियाजा भी भुगतना पड़ेगा।
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