नई दिल्ली: भारत के वास्तविक सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि दर वित्त वर्ष 2024-25 में घटकर 6.4 फीसदी रहने का अनुमान है, जबकि 2023-24 में यह 8.2 फीसदी थी. आज 7 दिसंबर 2025 को जारी सरकारी आंकड़ों में इसको बताया गया है. यह महामारी के बाद से सबसे धीमी वार्षिक जीडीपी वृद्धि दर है, जब वर्ष 2020-21 के दौरान यह -5.8 फीसदी तक गिर गई थी.
मिनिस्ट्री ऑफ स्टैटिक्स एंड प्रोग्राम इंप्लीमेंटेशन (MoSPI) के नेशनल स्टैटिक्स ऑफिस (NSO) द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार इस वर्ष वास्तविक सकल घरेलू उत्पाद 184.88 लाख करोड़ रुपये तक पहुंचने का अनुमान है, जबकि पिछले वर्ष के दौरान सकल घरेलू उत्पाद का अनंतिम अनुमान 173.82 लाख करोड़ रुपये था.
रियल ग्रॉस वैल्यू एडेड (GVA) की अनुमानित वृद्धि दर भी 2024-25 में 6.4 फीसदी तक धीमी हो गई है, जबकि 2023-24 में यह 7.2 फीसदी थी. सकल घरेलू उत्पाद की तरह GVA भी 2020-21 के बाद से सबसे निचले स्तर पर था, जब यह -4.1 फीसदी तक गिर गया था.
रियल GVA168.91 लाख करोड़ रुपए रहने का अनुमान है, जबकि पिछले वर्ष यह 158.74 लाख करोड़ रुपए था.
तिमाही विश्लेषण और महंगाई
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने वित्त वर्ष 2025 के लिए अपने सकल घरेलू उत्पाद की वृद्धि दर के अनुमान को 7.2 फीसदी से संशोधित कर 6.6 फीसदी कर दिया है, जिसका कारण वित्त वर्ष की पहली छमाही में धीमी वृद्धि है. फरवरी 2024 में महंगाई में 5.8 फीसदी की वृद्धि के बावजूद, जो RBI के 4 फीसदी के लक्ष्य से अधिक है. केंद्रीय बैंक ग्रामीण मांग, सरकारी निवेश और निर्यात द्वारा संचालित वृद्धि के बारे में आशावादी है.
RBI के तिमाही जीडीपी वृद्धि अनुमान
Q1 FY25- 6.9 फीसदी
Q2 FY25- 7.3 फीसदी
Q3 FY25 (अनुमानित)- 6.8 फीसदी
Q4 FY25 (अनुमानित)- 7.2 फीसदी