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पी मित्रा केस: धारा-118 से जुड़े मामले में टली सुनवाई, अब इस दिन होगा वॉयस सैंपल पर फैसला

पी मित्रा केस: धारा-118 से जुड़े मामले में टली सुनवाई अब 21 मई को होगा वॉयस सैंपल पर फैसला

पी मित्रा, पूर्व सीएस, हिमाचल
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Published : Mar 20, 2019, 8:25 PM IST

शिमला: हिमाचल के पूर्व सीएस पी मित्रा का कोर्ट में बुधवारकोवॉइस सैम्पल को लेकर फैसला नहीं हो सका. कोर्ट में जज ने वॉइस सैंपल पर फैसले के लिए 21 मई निर्धारित की है. उसी दिन पता लगेगा की वॉइस सैम्पल पर कोर्ट क्या फैसला देता है.

p mitra, former cs, hp
पी मित्रा, पूर्व सीएस, हिमाचल

गौरतलब है किधारा 118 मामले में पूर्व मुख्य सचिव एवं राज्य चुनाव आयुक्त पी. मित्रा के खिलाफ जांच के लिए सरकार नेविजिलेंस को मंजूरी दे दी है. विजिलेंस ने मित्रा को आरोपी बनाने की सरकार से अनुमति मांगी थी.

गैर हिमाचलियों को भू राजस्व अधिनियम की धारा 118 के तहत प्रदेश में जमीन खरीदने की अनुमति दी जाती है. आरोप है कि पी मित्रा ने प्रधान सचिव राजस्व रहते धारा 118 के नाम पर स्वीकृतियां देने मेंभ्रष्टाचार का खेल खेला.

बीते17 सितंबर को इस संबंध में विजिलेंस ने पी मित्रा से छह घंटे पूछताछ की थी. इसके बाद एक बार और पूछताछ की गई थी. इस मामले में विजिलेंस ने जांच अधिकारी भी बदल दिए थे.

ये है मामला

गौरतलब है कि हिमाचल में गैर हिमाचलियों को भू राजस्व अधिनियम की धारा 118 के तहत जमीन खरीदने की अनुमति लेना जरूरी है. अभियोजन पक्ष के अनुसार 21 मार्च 2011 को आरोपी विनोद मित्तल ने राजस्व के आला अधिकारियों को प्रभावित करने के लिए 5 लाख रुपये लेकर शिमला आया, लेकिन उसे पुराने बस अड्डा शिमला में विजिलेंस द्वारा पकड़ लिया गया था.

जांच के दौरान विजिलेंस ने आरोपियों की आपसी बातचीत को लेकर पुख्ता सबूत इकट्ठा किये और उन्हें साबित करने के लिए आरोपी विनोद मित्तल के वॉयस सैंपल व पॉलीग्राफ टेस्ट की इज्जाजत के लिए निचली अदालत में आवेदन किया था. जिसे निचली अदालत ने स्वीकारते हुए विजिलेंस को विनोद मित्तल का वॉयस सैंपल और पॉलीग्राफ टेस्ट लेने की अनुमति दे दी थी.

शिमला: हिमाचल के पूर्व सीएस पी मित्रा का कोर्ट में बुधवारकोवॉइस सैम्पल को लेकर फैसला नहीं हो सका. कोर्ट में जज ने वॉइस सैंपल पर फैसले के लिए 21 मई निर्धारित की है. उसी दिन पता लगेगा की वॉइस सैम्पल पर कोर्ट क्या फैसला देता है.

p mitra, former cs, hp
पी मित्रा, पूर्व सीएस, हिमाचल

गौरतलब है किधारा 118 मामले में पूर्व मुख्य सचिव एवं राज्य चुनाव आयुक्त पी. मित्रा के खिलाफ जांच के लिए सरकार नेविजिलेंस को मंजूरी दे दी है. विजिलेंस ने मित्रा को आरोपी बनाने की सरकार से अनुमति मांगी थी.

गैर हिमाचलियों को भू राजस्व अधिनियम की धारा 118 के तहत प्रदेश में जमीन खरीदने की अनुमति दी जाती है. आरोप है कि पी मित्रा ने प्रधान सचिव राजस्व रहते धारा 118 के नाम पर स्वीकृतियां देने मेंभ्रष्टाचार का खेल खेला.

बीते17 सितंबर को इस संबंध में विजिलेंस ने पी मित्रा से छह घंटे पूछताछ की थी. इसके बाद एक बार और पूछताछ की गई थी. इस मामले में विजिलेंस ने जांच अधिकारी भी बदल दिए थे.

ये है मामला

गौरतलब है कि हिमाचल में गैर हिमाचलियों को भू राजस्व अधिनियम की धारा 118 के तहत जमीन खरीदने की अनुमति लेना जरूरी है. अभियोजन पक्ष के अनुसार 21 मार्च 2011 को आरोपी विनोद मित्तल ने राजस्व के आला अधिकारियों को प्रभावित करने के लिए 5 लाख रुपये लेकर शिमला आया, लेकिन उसे पुराने बस अड्डा शिमला में विजिलेंस द्वारा पकड़ लिया गया था.

जांच के दौरान विजिलेंस ने आरोपियों की आपसी बातचीत को लेकर पुख्ता सबूत इकट्ठा किये और उन्हें साबित करने के लिए आरोपी विनोद मित्तल के वॉयस सैंपल व पॉलीग्राफ टेस्ट की इज्जाजत के लिए निचली अदालत में आवेदन किया था. जिसे निचली अदालत ने स्वीकारते हुए विजिलेंस को विनोद मित्तल का वॉयस सैंपल और पॉलीग्राफ टेस्ट लेने की अनुमति दे दी थी.

पूर्व सीएस पी मित्रा के वॉइस सैम्पल को लेकर सुनवाई 21 मई को 

शिमला। 

हिमाचल के पूर्व सीएस पी मित्रा का कोर्ट में बुधवार  को वॉइस सैम्पल को लेकर फ़ैसला नही हो सका । कोर्ट में जज ने वॉइस सैमपल पर फैसले के लिए 21 मई निर्धारित की है। उसी दिन पता लगेगा की वॉइस सैम्पल पर कोर्ट क्या फैसला देता है।   गौरतलब है कि  धारा- 118 मामले में पूर्व मुख्य सचिव एवं राज्य चुनाव आयुक्त पी मित्रा के खिलाफ जांच के लिए सरकार ने  विजिलेंस को मंजूरी दे दी है। विजिलेंस ने मित्रा को आरोपी बनाने की सरकार से अनुमति मांगी थी।गैर हिमाचलियों को भू राजस्व अधिनियम की धारा 118 के तहत प्रदेश में जमीन खरीदने की अनुमति दी जाती है। आरोप है कि पी मित्रा ने प्रधान सचिव राजस्व रहते धारा 118 के नाम पर स्वीकृतियां देने में  भ्रष्टाचार का खेल खेला।  बीते  17 सितंबर को इस संबंध में विजिलेंस ने पी मित्रा से छह घंटे पूछताछ की थी। इसके बाद एक बार और पूछताछ की गई थी। इस मामले में विजिलेंस ने जांच अधिकारी भी बदल दिए थे।  

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