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कोरोना ने बदला फैशन का ट्रेंड, मास्क की जगह मुंह पर गमछे का 'पहरा'

कोरोना वायरस के खतरे से बचने के लिए लोग मास्क से ज्यादा गमछे का ज्यादा इस्तेमाल करते हुए नजर आ रहे हैं, जिसकी वजह से बाजार में गमछों की डिमांड बढ़ गई है और लोग गमछों की खूब खरीददारी कर रहे हैं.

trend of wearing Gamcha
गमछा पहनने का ट्रेंड
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Published : Jun 19, 2020, 9:35 PM IST

Updated : Jun 20, 2020, 11:15 PM IST

बिलासपुर: कई सालों से विलुप्त हुई गम्छा पहनने का ट्रेंड एक बार फिर शुरू हो रहा है. कोरोना वायरस के खतरे से बचने के लिए लोगों को मास्क पहनने के लिए कहा जा रहा है. वहीं, लोग मास्क से ज्यादा गमछे का इस्तेमाल करते हुए नजर आ रहे हैं. कोरोना से लड़ाई के लिए यह गमछा सहायक साबित हो रहा है. मास्क के बदले लोग रंग बिरंगे, लाल, हरा, सफेद और केसरिया गमछा इस्तेमाल कर रहे है, जिसके कारण बाजार में इन गमछों की डिमांड भी बढ़ गई है.

हालांकि, कुछ समय पहले ही देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी लोगों से मास्क के बदले गमछा इस्तेमाल करने की बात कही थी. ऐसे में अब ज्यादातर लोगों के पास मास्क के बदले गमछा दिखाई देता है. हिमाचल के ग्रामीण परिवेश में सिर पर पगड़ी और गले में गमछा अपने आप में एक स्थाई परिधान है. वहीं, समय के साथ साथ गमछा पहनने का ट्रेंड खत्म हो रहा था. महज कुछ ही लोग गमछा पहने नजर आते थे, लेकिन आजकल ये ट्रेंड फिर से वापिसी कर रहा है.

वीडियो

बिलासपुर में काफी समय से गमछे का इस्तेमाल एक परंपरागत परिधान के तौर पर होता रहा है. पूजा पाठ से लेकर हर बड़े आयोजन में इसका इस्तेमाल होता है. आमतौर पर ग्रामीण इलाकों के बुजुर्ग अपने कंधे या सिर पर गमछा रखते थे. कोरोना वायरस के इस दौर में गमछा फैशन के साथ-साथ यहां के लोगों के लिए सुरक्षा कवच भी बन गया है.

यह हैं गमछे की फायदें

गमछे के फायदों की बात करें तो सबसे पहले गमछा वॉशेबल होता है. गमछे को हर रोज धोया जा सकता है. साथ ही गमछे से गर्मियों मे चलने वाली लू भी नहीं लगेगी. गमछा पहनने का सबसे बड़ा फायदा होता है कि यह गर्मी के मौसम में आपको ठंडा रखता है. बाकी फेब्रिक से बने कपड़े त्वचा पर चिपककर आपको पसीने में भीगाने का काम करते हैं. गमछे का सूती कपड़ा आपके शरीर से पसीना सोखकर आपको ठंडा रखता है.

फेस मास्क की होती है लिमिटेशंस

दरअसल फेस मास्क की अपनी एक लिमिट होती है. उसे ध्यानपूर्वक कैरी करना पड़ता है. उसकी धुलाई और सफाई भी आसान नहीं है. सिंपल पानी में साबुन गला कर या फिर वॉशिंग पाउडर से धोने पर उसकी सिलाई के आसपास साबुन जमा रहने की काफी संभावनाएं हैं. फेस मास्क की सिलाई के आसपास कुछ समय बाद गंदगी भी जमा हो सकती है. इस तरह की गंदगी ही वायरस को जन्म देती है.

महंगा नहीं सस्ता है गमछा

बाजारों में गमछे 50 रूपये से लेकर 200 रूपये तक मिल रहे हैं. खरीददार अपनी पसंद के हिसाब से इन गमछों को खरीद रहे हैं. वहीं, दुकानदारों का कहना है कि गमछों की डिमांड ज्यादा बढ़ गई है तो अलग-अलग रंग के गमछे बाजार में आ रहे है.

बिलासपुर: कई सालों से विलुप्त हुई गम्छा पहनने का ट्रेंड एक बार फिर शुरू हो रहा है. कोरोना वायरस के खतरे से बचने के लिए लोगों को मास्क पहनने के लिए कहा जा रहा है. वहीं, लोग मास्क से ज्यादा गमछे का इस्तेमाल करते हुए नजर आ रहे हैं. कोरोना से लड़ाई के लिए यह गमछा सहायक साबित हो रहा है. मास्क के बदले लोग रंग बिरंगे, लाल, हरा, सफेद और केसरिया गमछा इस्तेमाल कर रहे है, जिसके कारण बाजार में इन गमछों की डिमांड भी बढ़ गई है.

हालांकि, कुछ समय पहले ही देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी लोगों से मास्क के बदले गमछा इस्तेमाल करने की बात कही थी. ऐसे में अब ज्यादातर लोगों के पास मास्क के बदले गमछा दिखाई देता है. हिमाचल के ग्रामीण परिवेश में सिर पर पगड़ी और गले में गमछा अपने आप में एक स्थाई परिधान है. वहीं, समय के साथ साथ गमछा पहनने का ट्रेंड खत्म हो रहा था. महज कुछ ही लोग गमछा पहने नजर आते थे, लेकिन आजकल ये ट्रेंड फिर से वापिसी कर रहा है.

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बिलासपुर में काफी समय से गमछे का इस्तेमाल एक परंपरागत परिधान के तौर पर होता रहा है. पूजा पाठ से लेकर हर बड़े आयोजन में इसका इस्तेमाल होता है. आमतौर पर ग्रामीण इलाकों के बुजुर्ग अपने कंधे या सिर पर गमछा रखते थे. कोरोना वायरस के इस दौर में गमछा फैशन के साथ-साथ यहां के लोगों के लिए सुरक्षा कवच भी बन गया है.

यह हैं गमछे की फायदें

गमछे के फायदों की बात करें तो सबसे पहले गमछा वॉशेबल होता है. गमछे को हर रोज धोया जा सकता है. साथ ही गमछे से गर्मियों मे चलने वाली लू भी नहीं लगेगी. गमछा पहनने का सबसे बड़ा फायदा होता है कि यह गर्मी के मौसम में आपको ठंडा रखता है. बाकी फेब्रिक से बने कपड़े त्वचा पर चिपककर आपको पसीने में भीगाने का काम करते हैं. गमछे का सूती कपड़ा आपके शरीर से पसीना सोखकर आपको ठंडा रखता है.

फेस मास्क की होती है लिमिटेशंस

दरअसल फेस मास्क की अपनी एक लिमिट होती है. उसे ध्यानपूर्वक कैरी करना पड़ता है. उसकी धुलाई और सफाई भी आसान नहीं है. सिंपल पानी में साबुन गला कर या फिर वॉशिंग पाउडर से धोने पर उसकी सिलाई के आसपास साबुन जमा रहने की काफी संभावनाएं हैं. फेस मास्क की सिलाई के आसपास कुछ समय बाद गंदगी भी जमा हो सकती है. इस तरह की गंदगी ही वायरस को जन्म देती है.

महंगा नहीं सस्ता है गमछा

बाजारों में गमछे 50 रूपये से लेकर 200 रूपये तक मिल रहे हैं. खरीददार अपनी पसंद के हिसाब से इन गमछों को खरीद रहे हैं. वहीं, दुकानदारों का कहना है कि गमछों की डिमांड ज्यादा बढ़ गई है तो अलग-अलग रंग के गमछे बाजार में आ रहे है.

Last Updated : Jun 20, 2020, 11:15 PM IST
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