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यहां पिंडी रूप में विराजमान हैं भोलेनाथ व पार्वती, बिलासपुर में निकाली भव्य शोभायात्रा

प्रदेश भर में शिवरात्रि महोत्सव की धूम रही. जगह-जगह मंदिर भोलेनाथ के जयकारों से गूंजे. घुमारवीं उपमंडल की निहारी-बरठीं रोड के किनारे कोटलू-ब्राहम्णां में स्थित शिव-शक्ति मंदिर में भोलेनाथ व माता पार्वती पिंडी रूप में स्वयंभू विराजमान हैं.

शिवरात्रि के दौरान निकाली शोभायात्रा
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Published : Mar 4, 2019, 8:39 PM IST

बिलासपुरः प्रदेश भर में शिवरात्रि महोत्सव की धूम रही. जगह-जगह मंदिर भोलेनाथ के जयकारों से गूंजे. घुमारवीं उपमंडल की निहारी-बरठीं रोड के किनारे कोटलू-ब्राहम्णां में स्थित शिव-शक्ति मंदिर में भोलेनाथ व माता पार्वती पिंडी रूप में स्वयंभू विराजमान हैं. मंदिर में पिंडी दर्शन से ही शांति मिलती है.

shivratri
शिवरात्रि के दौरान निकाली शोभायात्रा

यह मंदिर पांडवों के समय का बताया जाता है. इस मंदिर में आने वाले हर श्रद्धालु की मनोकामना पूरी होती है. महाशिवरात्रि पर्व पर हजारों श्रद्धालु यहां पहुंचते हैं. शिमला-धर्मशाला एनएच में निहारी से यह मंदिर 7 किलोमीटर दूर है. पूर्वजों की माने तो इस मंदिर का इतिहास बड़ा ही रोचक है.

कथानुसार बहुत समय पहले गांव के ही कुछ लोगों द्वारा इन पिंडियों को अन्य स्थान पर ले जाने की कोशिश की गई, लेकिन खुदाई करते समय पिंडियां और गहरी होती चली गई. इसके बाद महादेव ने स्वयं प्रकट होकर कहा कि मुझे अन्य स्थान पर ले जाने की कोशिश न करें.

शिवरात्रि के दौरान निकाली शोभायात्रा

तब से लेकर इस मंदिर में लोग भोलेनाथ का आशीर्वाद लेने मंदिर पहुंचते हैं व सभी भक्तों की मनोकामना पूर्ण करते हैं.

वहीं बिलासपुर में महाशिवरात्रि पर्व के दौरान शिवभक्तों का जमावड़ा लगा रहा. शिव भक्तों ने मनोकामनाओं को पूर्ण करने के प्रति शिवलिंगों पर बिल-पत्र व दूध -लस्सी अर्पित किए गए. इस उपलक्ष्य में बिलासपुर के लक्ष्मी नारायण मंदिर से पूरे शहर में भव्य झांकी भी निकाली गई, जिसमें श्रद्धालुओं ने काफी संख्या में भाग लिया.

बिलासपुरः प्रदेश भर में शिवरात्रि महोत्सव की धूम रही. जगह-जगह मंदिर भोलेनाथ के जयकारों से गूंजे. घुमारवीं उपमंडल की निहारी-बरठीं रोड के किनारे कोटलू-ब्राहम्णां में स्थित शिव-शक्ति मंदिर में भोलेनाथ व माता पार्वती पिंडी रूप में स्वयंभू विराजमान हैं. मंदिर में पिंडी दर्शन से ही शांति मिलती है.

shivratri
शिवरात्रि के दौरान निकाली शोभायात्रा

यह मंदिर पांडवों के समय का बताया जाता है. इस मंदिर में आने वाले हर श्रद्धालु की मनोकामना पूरी होती है. महाशिवरात्रि पर्व पर हजारों श्रद्धालु यहां पहुंचते हैं. शिमला-धर्मशाला एनएच में निहारी से यह मंदिर 7 किलोमीटर दूर है. पूर्वजों की माने तो इस मंदिर का इतिहास बड़ा ही रोचक है.

कथानुसार बहुत समय पहले गांव के ही कुछ लोगों द्वारा इन पिंडियों को अन्य स्थान पर ले जाने की कोशिश की गई, लेकिन खुदाई करते समय पिंडियां और गहरी होती चली गई. इसके बाद महादेव ने स्वयं प्रकट होकर कहा कि मुझे अन्य स्थान पर ले जाने की कोशिश न करें.

शिवरात्रि के दौरान निकाली शोभायात्रा

तब से लेकर इस मंदिर में लोग भोलेनाथ का आशीर्वाद लेने मंदिर पहुंचते हैं व सभी भक्तों की मनोकामना पूर्ण करते हैं.

वहीं बिलासपुर में महाशिवरात्रि पर्व के दौरान शिवभक्तों का जमावड़ा लगा रहा. शिव भक्तों ने मनोकामनाओं को पूर्ण करने के प्रति शिवलिंगों पर बिल-पत्र व दूध -लस्सी अर्पित किए गए. इस उपलक्ष्य में बिलासपुर के लक्ष्मी नारायण मंदिर से पूरे शहर में भव्य झांकी भी निकाली गई, जिसमें श्रद्धालुओं ने काफी संख्या में भाग लिया.


---------- Forwarded message ---------
From: bilaspur news <subhashh2@gmail.com>
Date: Mon, Mar 4, 2019, 4:07 PM
Subject: shiv ratri spacal story
To: <hpdesk@etvbharat.com>, <rajneeshkumar@etvbharat.com>


बिलासपुर जिला के घुमारवीं उपमंडल की निहारी-बरठीं रोड के किनारे कोटलू-ब्राहम्णां में स्थित शिव-शक्ति मंदिर  में भोलेनाथ तथा मां पार्वती पिण्डी स्वरूप में स्वयंभू विराजमान है। मंदिर में पिण्डियों के दर्शन से ही शांति मिलती है। 

यह मंदिर पांडवों के समय का बताया जाता है। इस मंदिर में आने वाले हर श्रद्धालु की मनोकामना पूरी होती है। महाशिवरात्री पर्व पर हजारों श्रद्धालु यहां पहुंचते हैं। कतारों में लगकर भक्त भोलेनाथ तथा माता पार्वती के पिण्डी स्वरूप में दर्शन करते हैं। शिमला-धर्मशाला एनएच से निहारी से यह मंदिर सात किलोमीटर दूर पड़ता है। पूर्वजों की मानें तो इस मंदिर का इतिहास बड़ा ही रोचक है। कथानुसार बहुत समय पहले गांव के ही कुछ लोगों द्वारा इन पिण्डियों को अन्य स्थान पर ले जाने की कोशिश की गई, लेकिन खुदाई करते समय पिण्डियां और गहरी होती चली गई। इसके बाद महादेव ने स्वप्र में प्रकट होकर कहा कि मुझे अन्य स्थान पर ले जाने की कोशिश न करें। वह इसी स्थान पर विराजमान रहेंगे तथा मंदिर में आने वाले हर भक्त की मनोकामना पूरी करेंगे। उसी समय से लोग भोले नाथ का आर्शीवाद लेने मंदिर पहुंचते है तथा सभी भक्तों की मनोकामना पूर्ण करते हैं।        





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